अपने पैरेंट्स से ये नेगेटिव चीजें सीख सकते हैं बच्चे

अधिकतर चीजें बच्चे अपने घर से ही सीखते हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि वह हमेशा अच्छी बातें ही सीखें। दरअसल, ऐसी कई नेगेटिव बातें होती हैं, जो बच्चे अनजाने में अपने पैरेंट्स से सीखते हैं।

Mitali Jain
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कहते हैं कि बच्चे का पहला स्कूल उसका घर ही होता है और उसके पहले टीचर उसके पैरेंट्स। अमूमन हर माता-पिता की यह इच्छा होती है कि वे अपने बच्चे को हमेशा कुछ अच्छा ही सिखाएं। इसके लिए वे भरसक प्रयास भी करते हैं।

लेकिन क्या आपको पता है कि बच्चे आपके द्वारा बोली गई बातों से ज्यादा आपके द्वारा किए जाने वाले कामों से ही सीखते हैं। भले ही आप उनके सामने अच्छी-अच्छी बातें करें, लेकिन आप उनके सामने किस तरह की एक्टिविटी करते हैं, वे उसे अधिक नोटिस करते हैं।

शायद यही कारण है कि बच्चे कई नेगेटिव चीजें अपने पैरेंट्स से सीखते हैं और पैरेंट्स को इसका पता भी नहीं चलता। बाद में, पैरेंट्स बहुत अधिक अपसेट हो जाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ नेगेटिव चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें बच्चे अपने पैरेंट्स से सीख सकते हैं-

बहस करना

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अमूमन घरों में किसी ना किसी बात को लेकर घर के सदस्यों के बीच बहसहोती है। कभी-कभार ऐसा होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर आपके घर में हर छोटी-छोटी बात पर बहस होती है तोए ऐसे में बच्चे का स्वभाव भी ऐसा ही हो जाता है।

कई बार हमें ध्यान ही नहीं रहता, लेकिन हम बच्चों के सामने ही किसी बात पर बहस करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में बच्चे को यह लगता है कि किसी बात पर बहस करके ही अपने पक्ष को समझाया जा सकता है। ऐसे में बच्चे भी बहस करने लग जाते हैं। इतना ही नहीं, बच्चे का स्वभाव अधिक हिंसक हो सकता है।

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झूठ बोलना

हम सभी अपने बच्चों को कम उम्र से सच बोलने की नसीहत देते हैं। लेकिन वास्तव में उनके सामने हम झूठ बोलते हैं। मसलन, कभी घर देर से आने पर झूठ बोलना या फिर कॉल पर बात करते हुए कई तरह के बहाने बहाना। बच्चा आपको यह करते हुए देखता है। ऐसे में कहीं ना कहीं उसे लगता है कि झूठ बोलना किसी भी सिचुएशन से बाहर निकलने का एक आसान तरीका है। जिसके कारण बच्चे सच बोलने की जगह हर छोटी-छोटी बात पर झूठ बोलना शुरू कर देते हैं।

अनहेल्दी फूड से प्यार

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अमूमन हम इस ओर बहुत अधिक ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन यह बच्चे के समग्र विकास के लिए जरूरी है। आज के समय में अक्सर हम बाहर से खाना ऑर्डर करना पसंद करते हैं। खाना बनाने के आलस्य में कुछ ही मंगवाकर खा लेते हैं। कई घरों में तो यह नियमित रूप से होता है। (पेरेंट्स के ताने तोड़ देते हैं बच्‍चों का दिल, जानें समझाने का आसान तरीका)

ऐसे में बच्चे घर के खाने की वैल्यू नहीं करते हैं और बाहर के अनहेल्दी फूड को खाना अधिक पसंद करने लगते हैं। धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन जाती है। जिसके कारण ना केवल मोटापा, बल्कि अन्य कई तरह के फिजिकल व मेंटल हेल्थ इश्यूज होने लगते हैं। इसलिए बच्चे को घर का खाना खिलाने से पहले खुद घर का भोजन खाना शुरू करें।

हाइजीन की कमी

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है और अपने आसपास की दुनिया की एक्सप्लोर करना शुरू करता है। वह चीजों को उठाता है या विभिन्न सतहों पर चलता है, जिसके कारण वह खुद को काफी गंदा कर लेता है। ऐसे में यह पैरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चे को ना केवल साफ रखें, बल्कि उसे इसका महत्व भी सिखाएं।

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हालांकि, जब माता-पिता बच्चे की सफाई की उपेक्षा करते हैं या वे खुद बैड हाइजीन हैबिट्स का पालन करते हैं, तो ऐसे में बच्चा भी अपने पैरेंट्स से वही सीखता है।

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