Chhath Puja Muhurat 2024: महापर्व छठ का तीसरा दिन आज, जानें शुभ मुहूर्त और सूर्य अर्घ्य का महत्व

छठ पूजा का महापर्व विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह आस्था का पर्व है। इस दिन सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा की जाती है। आइए इस लेख में जानते हैं कि इस साल छठ पूजा कब मनाया जाएगा।
chhath puja 2024 date shubh muhurat and significance
chhath puja 2024 date shubh muhurat and significance

बिहार की शान और जान छठ पूजा का महापर्व दिवाली के छह दिन के बाद आता है। यह पर्व भक्तों के आस्था और प्रेम का प्रतीक है। इस साल यह पर्व 05 नवंबर से 08 नवंबर तक मनाया जाएगा। पूजा की शुरूआत नहाय-खाय के साथ और समापन सूर्यदेव को सुबह अर्घ्य देने के साथ होता है। इस पर्व को परिवार को एक साथ संजोकर रखने वाला भी माना जाता है। छठ पूजा को लेकरऐसी मान्यता हैकि इस व्रत को रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। 07 नवंबर आज इस पूजा का तीसरा दिन है। आज व्रती महिलाएं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी।ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि पर्व का शुभ मुहर्त कितने बजे से है

कब से शुरू है छठ पूजा?

chhath puja

हिंदू पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का महापर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। वहीं इस साल षष्ठी तिथि का आरंभ 07 नवंबर को देर रात 12 बजकर 41 मिनट से हो रहा है और इसका समापन 08 नवंबर को देर रात 12 बजे इसका समापन होगा। आप 07 नवंबर को शाम का अर्घ्य देंगे और 08 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।

छठ पूजा का महत्व क्या है?

chhathi-maiya-ke-bare-mein

छठ पूजा के लिए विशेष रूप से सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा के लिए सूर्यदेव और माता छठी की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। छठ का व्रत चार दिनों का सबसे कठिन व्रत माना जाता है। आपको बता दें, सूर्यदेव को जीवनदाता माना जाता है।

इसे जरूर पढ़ें - क्या आप जानते हैं कौन हैं छठी मैया? जानें उनकी उत्पत्ति से जुड़ी रोचक बातें

छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना करने से मान-सम्मान के साथ सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। छठी मैया को संतान की देवी माना जाता है। इस पर्व में छठी मैया की उपासना करके लोग संतान की सुख-समृद्धि की कामना करते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठी मैया को ब्रह्मा जो की मानस पुत्री के रूप में माना जाता है। वहीं बच्चे के जन्म के छठे दिन छठी माता के इस स्वरूप की पूजा की जाती है। ताकि बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहे और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्ति हो सके।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP

FAQ

  • छठ पर्व कब और कितने दिन तक मनाया जाता है?

    छठ चार दिनों तक मनाया जाने वाला महापर्व है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठि तिथि पर छठ पूजा की जाती है।
  • छठ पर्व पर सूर्य देव को जल अर्घ्य देने का महत्व क्या है?

    छठ पर्व पर सूर्य देव की उपासना और जल का अर्घ्य देने से संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और सुख समृद्धि का वरदान मिलता है।