Chandrayaan 3: आज भारत स्पेस में इतिहास रचने चुका है। चंद्रयान-3, के लैंडर मॉड्यूल की चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग हो चुकी है। चंद्रयान-3, का लैंडर मॉड्यूल शाम 5.45 मिनट पर चांद की ओर बढ़ना शुरू हुआ और तय समय पर इसकी चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग हुई। सफलता पूर्वक सॉफ्ट लैंडिग होने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया।
आज की तारीख भारत के लिए ऐतिहासिक और गौरवान्वित करने वाली है। स्पेस में भारत ने एक और इतिहास रच दिया है। भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने भारत के तीसरे मून मिशन, चंद्रयान- 3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। आज इसकी सॉफ्ट लैंडिग हुई। जिसका पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है। चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की लैंडिंग प्रक्रिया का लाइव टेलीकास्ट, इसरो वेबसाइट, इसके यूट्यूब चैनल, फेसबुक पर किया गया।
सभी देशवासी सफलता की नई कहानी लिखते हुए देखने की आस लगाए हुए हैं। कुछ ही देर में यह चांद के साउथ पोल पर उतरेगा। इससे जुड़ी पूरी अपडेट्स हम आपके साथ शेयर करते रहेंगे।
इसरो ने 6 बजकर4 मिनट पर चांद की सतह पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिग करवाई। अब चांद की सतह से हमें वहां के पानी और वातावरण की जानकारी मिलती रहेगी। चांद पर पानी, बर्फ या और क्या चीजें मौजूद हैं, इस बारे में सही जानकारी मुहैया हो सकेगी। हालांकि, चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग में अभी कुछ चुनौतियां थी लेकिन इसरो ने सभी को पार किया। भारत ने इस मिशन को 615 करोड़ की लागत में अंजाम दिया। वहीं, रूस के मून मिशन कुछ वक्त पहले सफल नहीं हो पाया था। 1600 करोड़ की लागत वाला यह मिशन असफल हो गया था।
यह भी पढ़ें- भारत का इतिहास जानना हो तो ये किताबें जरूर पढ़ें
Chandrayaan-3 Mission update:
— ISRO (@isro) July 15, 2023
The spacecraft's health is normal.
The first orbit-raising maneuver (Earthbound firing-1) is successfully performed at ISTRAC/ISRO, Bengaluru.
Spacecraft is now in 41762 km x 173 km orbit. pic.twitter.com/4gCcRfmYb4
यह विडियो भी देखें
चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में अभी कुछ चुनौतियां भी थीं। सबसे पहली और बड़ी चुनौती लैंडिंग के समय रफ्तार को कंट्रोल करना थी। लैंडर उतरते वक्त सीधा रहे और जो जगह इसरो ने चुनी है, लैंडर वहीं लैंड करे, ये कुछ चुनौतियां हैं, जिन्हें अगर चंद्रयान-3 ने पार किया और नया इतिहास रचा।
बता दें कि चंद्रयान- 2 को इसरो ने लगभग 4 साल पहले 22 जुलाई, 2019 को चंद्रमा की ओर भेजा था। लेकिन तब चांद की सतह पर इसकी सफल लैंडिंग नहीं हो पाई थी। जब लैंडर चंद्रमा की सतह से कुछ किलोमीटर दूर था, तब कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया था और मिशन फेल हो गया था।
यह भी पढ़ें- Chandrayaan 3 मिशन को लीड कर रही लखनऊ की बेटी ऋतु करिधाल, जानिए इस महामिशन की पूरी कहानी
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Courtesy: ISRO Live Telecast
Image Credit: Freepik, Shutterstock
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।