आपको बता दें कि नवरात्रि का पूर्व साल में दो बार मनाया जाता है। माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा चैत्र नवरात्रि में भी की जाती है और शारदीय नवरात्रि में भी। ऐसे में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कल से होने वाली हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको चैत्र नवरात्रि के पीछे की कहानी बताने वाले हैं।
22 मार्च से शुरु हो रहा चैत्र नवरात्रि
दोनों ही त्यौहार में हम मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। श्रद्धालु व्रत रख मां को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्र की शुरुआत 22 मार्च से शुरु हो रही हैं।चैत्र का महीना बेहद शुभ होता है क्योंकि इस माह में कई धार्मिक गतिविधियां हुई है और इसलिए इस महीने में कई त्यौहार आते हैं, उनमें से सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार नवरात्र का होता है।
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चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कैसे हुई
जब धरती पर महिषासुर का आतंक काफी बढ़ गया और देवता भी उसे हरा पाने में असमर्थ हो गए, क्योंकि महिषासुर का वरदान प्राप्त था कि कोई भी देवता या दानव उसपर विजय प्राप्त नहीं कर सकता। ऐसे वक्त में देवताओं ने माता पार्वती को प्रसन्न कर उनसे रक्षा का अनुरोध किया। इसके बाद माता ने अपने अंश से नौ रूप प्रकट किए। इसके बाद देवताओं ने अपने शस्त्र देकर शक्ति संपन्न किया।
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कब हुआ ये प्रक्रिया
ये क्रम चैत्र के महीने में प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर 9 दिनों तक चला था। तब से ही इन नौ दिनों को चैत्र नवरात्रि के तौर पर मनाया जाने लगा था। चैत्र प्रतिपदा से ही नव संवत्सर का प्रारंभ होता है, कहा जाता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने पृथ्वी की रचना की थी इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
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