हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के विशेष नियम बनाए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि उन नियमों का पालन करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। ऐसे ही किसी विशेष अवसर पर पूजा-पाठ का अलग विधान है और व्रत त्योहारों में विभिन्न तरीकों से पूजन किया जाता है।
यदि हम बात करवा चौथ की करें तो इस दिन मुख्य रूप से सुहागन स्त्रियां व्रत और उपवास करती हैं और चांद को अर्घ्य देकर उनसे पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। करवा चौथ की पूजा के भी कई नियम हैं और महिलाएं इनका पालन बखूबी करती हैं।
सुहागन महिलाएं करवा चौथ पर निर्जला व्रत रखकर सोलह श्रृंगार करके पूजा करती हैं। करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत और मधुर बनाता है, लेकिन एक सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि यदि आपको करवा चौथ के दिन पीरियड्स यानी मासिक धर्म शुरू हो जाए तो करवा चौथ की पूजा और व्रत करना ठीक है या नहीं? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने ज्योतिषाचार्य सिद्धार्थ एस कुमार से बात की। आइए उनसे जानें इसके बारे में विस्तार से।
पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत करना चाहिए या नहीं
शास्त्रों की मानें तो आप पीरियड्स के दौरान यदि करवा चौथ का व्रत करती हैं तो इसके कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं होते हैं। ज्योतिष आपको ऐसी कोई सलाह नहीं देता है कि पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत न रखें।
यदि आपको व्रत शुरू करने के बाद पीरियड्स शुरू हो जाते हैं तो आपको व्रत तोड़ने के बजाय रात में चांद दिखने तक इसका पालन करना चाहिए। ऐसे ही यदि आपको पहले से ही पीरियड्स हो रहे हैं तब भी आप करवा चौथ का उपवास पूरे श्रद्धा भाव से रख सकती हैं।
ज्योतिषचार्य सिद्धार्थ एस कुमार बताते हैं कि ज्योतिष में ऐसी कोई भी बात नहीं है कि आपको पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का उपवास नहीं रखना चाहिए, लेकिन कुल परंपरा अनुसार इस मान्यता में परिवर्तन भी किया जा सकता है और वही शास्त्र सांगत माना जाता है।
क्या पीरियडस के दौरान करवा चौथ की पूजा की जा सकती है
यदि हम ज्योतिष की मानें तो पीरियड्स के दौरान किसी भी पूजा-पाठ की मनाही होती है, लेकिन चूंकि करवा चौथ साल में एक बार आता है और आपको करवा चौथ की पूजा छोड़नी नहीं चाहिए, हालांकि आप स्वयं ये पूजा न करें।
इस दिन आप घर की किसी अन्य महिला से आग्रह करें कि वो आपके स्थान पर करवा चौथ की पूजा आकर और आप पूजा के स्थान से थोड़ा दूर बैठकर पूजा में शामिल हो जाएं। हालांकि आप पीरियड्स के दौरान भी चांद को अर्घ्य दे सकती हैं और चांद के छलनी से दर्शन करके उपवास खोल सकती हैं।
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पीरियड्स के दौरान कैसे करें करवा चौथ की पूजा और उपवास
- यदि आपको करवा चौथ के आस-पास या उसी दिन पीरियड्स आ जाएं तो आप सरगी खाएं और बड़ों का आशीर्वाद लेकर व्रत आरंभ करें। पूरे दिन निर्जला उपवास का पालन करें और रात के समय पूजन में शामिल हो जाएं।
- इस दिन आप सोलह श्रृंगार भी कर सकती हैं और अपनी पसंद के नए गहने और कपड़े भी पहन सकती हैं।
- हालांकि पीरियड्स के दौरान आपको मंदिर नहीं जाना चाहिए और पूजा के किसी भी सामान का स्पर्श भी नहीं करना चाहिए। इस दिन आप करवा चौथ की पूजा का सामान या कथा की किताब का स्पर्श करने से बचें, लेकिन आप किसी अन्य महिला से इस व्रत की कथा अवश्य सुनें।
- यदि आपके घर में कोई अन्य महिला मौजूद नहीं है तो आपके स्थान पर आपके पति भी पूजा के सभी नियमों का पालन करके पूजा कर सकते हैं क्योंकि पति-पत्नी को एक-दूसरे का पूरक माना जाता है और इससे पूजा का पूर्ण फल भी मिलता है।
- करवा चौथ पूजन समाप्त होने के बाद पति के हाथ से पानी पिएं और व्रत खोलें।
पीरियड्स के दौरान व्रत किन परिस्थितियों में नहीं रखना चाहिए
- यदि आपको पीरियड्स के दौरान किसी भी तरह की समस्या होती है तो आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान व्रत या उपवास करने से बचें।
- यदि आप निर्जला व्रत करती हैं तो सरगी में काफी मात्रा में पानी पीएं जिससे बॉडी हाइड्रेटेड रहे और सूखे मेवे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। यदि संभव हो तो आप निर्जला व्रत न करके बीच-बीच में पानी पीते रहें या फलाहार का पालन करें।
- पीरियड्स के दौरान करवा चौथ व्रत करने से पहले आप चिकित्सक की सलाह भी ले सकती हैं।
पीरियड्स के दौरान करवा चौथ व्रत का पालन करना आपकी व्यक्तिगत पसंद है और ज्योतिष में व्रत करने की मनाही नहीं है।
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