महाराष्ट्र के थाने से एक ऐसी घटना सामने आई है जो शायद आपके मन में कई सवाल पैदा कर दे। यहां एक भाई ने अपनी बहन का कत्ल सिर्फ इसलिए कर दिया क्योंकि पहले पीरियड पर लगा खून का धब्बा देख उसे लगा कि बहन ने किसी के साथ संबंध बनाए हैं। यह घटना ना सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते को लेकर सवाल पैदा करती है, बल्कि उस अहम मुद्दे को उठाती है जिसे भारत में हमेशा इग्नोर किया जाता है। वह है मेंस्ट्रुअल और सेक्सुअल अवेयरनेस का मुद्दा।
लड़की का पहला पीरियड था तो स्वाभाविक है कि उसे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी, लेकिन जिस कसूरवार ने ऐसा किया है वह खुद 30 साल का था।
क्या है पूरा मामला?
थाने जिले के उल्हासनगर शहर में 30 साल के एक सिक्योरिटी गार्ड ने अपनी 12 साल की बहन की जान ले ली। उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर मधुरकर काड द्वारा टाइम्स ऑफ इंडिया को दी जानकारी के अनुसार, विक्टिम अपने भाई और भाभी के साथ रहती थी। कुछ दिनों पहले लड़की को पीरियड्स हुए। उसके भाई ने पीरियड्स का ब्लड उसके कपड़ों पर देखा और उसे लगा कि लड़की ने किसी के साथ संबंध बताए हैं। बच्ची को इस बारे में कुछ नहीं पता था तो अपने भाई के सवालों के जवाब वह नहीं दे पाई।
जवाब ना मिलने पर भाई ने अपनी बहन को टॉर्चर करना शुरू कर दिया। उसे चिमटे से कई जगह जलाया गया। उसे बहुत टॉर्चर किया गया। तीन दिनों तक उसे बुरी तरह से पीटा गया। आखिर लड़की यह सब बर्दाश्त नहीं कर पाई और मर गई। ऐसा होने के बाद भाई खुद उसे सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लेकर गया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके शरीर पर चोट और जलाने के निशान थे। डॉक्टर्स ने इसके बारे में पुलिस को बताया और भाई को अरेस्ट कर लिया गया।
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट बताती है कि भाभी ने ही भाई के दिमाग में यह शक पैदा किया था कि उसकी बहन का किसी के साथ अफेयर हुआ है। लड़की के चेहरे, गर्दन और पीठ पर बहुत सारे निशान थे जो बता रहे थे कि उसके साथ क्या हुआ है।
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इस घटना के बाद कई सवाल मन में आते हैं।
- क्या भाभी भाई को पीरियड्स के बारे में नहीं बता सकती थी?
- क्या विक्टिम को इसके पहले पीरियड्स के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी?
- क्या भाई को बिल्कुल नहीं पता था कि बहन को इस उम्र में पीरियड्स भी हो सकते हैं?
- क्या भाई को किसी भी तरह की मेंस्ट्रुअल या सेक्सुअल अवेयरनेस नहीं थी?
- क्या विक्टिम को पीरियड्स के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी?
सवाल तो बहुत हैं, लेकिन जवाब सिर्फ एक। अगर भाई और बहन को मेंस्ट्रुअल और सेक्सुअल अवेयरनेस की जानकारी होती, तो यह घटना बिल्कुल नहीं होती।
मेंस्ट्रुअल और सेक्सुअल अवेयरनेस को लेकर एक्सपर्ट की राय
Cloudnine ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल की प्रिंसिपल कंसल्टेंट- गायनेकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रीशियन डॉक्टर शालिनी अग्रवाल कहती हैं, "पीरियड्स के बारे में कई सारी लड़कियां बात करने से भी घबराती हैं। उन्हें कल्चरल और सोशल टैबू हैं। पुरुषों और महिलाओं के बीच अलग-अलग व्यूज होते हैं, लड़कियां खुद इसके बारे में बात करने से भी कतराती हैं।"
"इस टैबू की वजह से लड़कियों के पास सही मेंस्ट्रुअल हाइजीन प्रोडक्ट्स का एक्सेस नहीं होता है। ऐसे में खराब मेंस्ट्रुअल हाइजीन की समस्या होती है। फिजिकल, सोशल, फाइनेंशियल समस्याएं लड़कियों को घेर लेती हैं।"
"फिजिकली सही जानकारी ना होने की वजह से लड़की को कई तरह के इन्फेक्शन हो सकते हैं। सिर्फ शुरुआती दौर में ही नहीं, बल्कि आने वाले सालों में भी समस्याएं हो सकती हैं।"
डॉक्टर शालिनी का कहना है कि हम लोगों से इस बारे में बात करके ही अवेयरनेस बढ़ा सकते हैं। लड़कियों को पीरियड्स के पहले ही उसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। उन्हें कई तरह के फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्ट्स के बारे में भी पता होना चाहिए।
मेंस्ट्रुअल और सेक्सुअल अवेयरनेस की जरूरत
यह तो सिर्फ एक घटना की बात थी, लेकिन ऐसे कई मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। कुछ समय पहले चेन्नई की एक घटना सामने आई थी जहां पीरियड्स आने पर एक लड़की ने डर के कारण खुद को कमरे में बंद कर लिया था। लड़कियों को अपने ही शरीर की जानकारी नहीं होती है। पीरियड्स में क्या होता है, किस तरह से लड़कियों के शरीर में बदलाव होता है, क्यों पीरियड्स होते हैं या फिर क्यों 5 दिन का समय लगता है आदि बातें आपके या मेरे लिए कॉमन हो सकती हैं, लेकिन जिसे इसके बारे में कुछ भी नहीं पता उसके बारे में आप क्या कहेंगी?
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इसी तरह से सेक्सुअल अवेयरनेस की कमी भी हमें परेशान करती है। M.B.BS, MD (Obgyn) डॉक्टर अमीना खालिद ने कुछ समय पहले हरजिंदगी से सेक्सुअल अवेयरनेस के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि यह सबसे बड़ा टैबू है कि पहली बार सेक्स करने पर ब्लीडिंग होगी ही। भारत में इस मुद्दे पर ना जाने कितनी बहस हो चुकी है। वर्जिनिटी का प्रतीक फर्स्ट टाइम सेक्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग को ही समझा जाता है।
यहां उस लड़की के बारे में सोचा जा सकता है जिसे अपनी जिंदगी जीने का मौका नहीं मिला। उसके मन में कितने सवाल रहे होंगे, कितनी इच्छाएं रही होंगी, कितनी उम्मीदें होंगी जिंदगी से, लेकिन उन्हें एक झटके में खत्म कर दिया गया। ज्ञान के अभाव में हुआ यह अपराध बहुत संगीन है। जहां मेंस्ट्रुएशन और फिजिकल रिलेशन टैबू माने जाते हैं वहां, इस तरह की घटनाओं के लिए किसे जिम्मेदार समझा जाए? जागरूकता में कमी और अज्ञानता या फिर इंसान का स्वभाव?
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