मानसून का मौसम सब्जियों की पैदावार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, खासकर तोरई जैसी बेल वाली सब्जियों के लिए तो यह मौसम वरदान होता है। हालांकि, कई बार ऐसा देखा जाता है कि बेल पर पत्ते तो खूब लद कर आते हैं, पर उसमें एक भी तोरई नहीं दिखाई देती है। यह देख मूड खराब हो जाता ह कि आखिर इतनी मेहनत करने के बाद भी इस पर फूल या फल क्यों नहीं लग रहे हैं। माली ने इसके पीछे भी एक आम वजह बताई है। दरअसल, बेल पर तोरई न निकलने के पीछे पोषक तत्वों की कमी या कुछ खास देखभाल में कमी के कारण भी हो सकता है। अगर बरसात के मौसम में आपकी तोरई की बेल भी ऐसी ही समस्या से जूझ रही है और आप इस बरसात में पौधे से तोड़कर ताजी-ताजी सब्जी खाना चाहती हैं, तो चलिए हम आपको माली के बताए कुछ खास टिप्स बताते हैं। असल में, यहां हम आपके लिए एक अचूक और प्राकृतिक देसी फॉर्मूला लेकर आए हैं। यह एक ऐसा नुस्खा है, जिसे अपनाकर आप अपनी बेल पर जबरदस्त पैदावार पा सकती हैं। तो आइए उस जादुई देसी फॉर्मूला के बारे में जान लेते हैं, ताकि आपकी बालकनी या किचन गार्डन में ताज़ी तोरई की बहार आ जाए।
तोरई की बेल पर फल लाने के लिए घर पर इन चीजों से बनाएं खाद
आपकी तोरई की बेल को फलों से लदने के लिए जिस खास खाद का इस्तेमाल करना है, वह है- प्याज के छिलकों और एलो वेरा से बना प्राकृतिक तरल उर्वरक। ये दोनों ही चीजें आपके किचन और घर में आसानी से मिल जाती हैं और पौधों के लिए पोषक तत्वों का खजाना हैं। फूलों और फलों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
तोरई के लिए होममेड खाद बनाने का तरीका
- यह खाद बनाना बेहद आसान है और इसे इस्तेमाल करने का तरीका भी बहुत सरल है।
- 2-3 प्याज के छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- एलो वेरा के पत्ते को धोकर उसके हरे हिस्से को काट लें और अंदर का जेल (गूदा) निकाल लें। इसे छोटे टुकड़ों में काट लें या हल्का मैश कर लें।
- कटे हुए प्याज के छिलके और एलो वेरा जेल/टुकड़ों को कंटेनर में डालें।
- इसमें 1.5 से 2 लीटर पानी डालें।
- कंटेनर का ढक्कन कसकर बंद कर दें। इसे किसी ठंडी और अंधेरी जगह पर कम से कम 3 से 7 दिनों के लिए रखा रहने दें। इस दौरान बीच-बीच में इसे हल्का हिला भी सकती हैं।
- निर्धारित समय के बाद, घोल को छान लें। छिलकों और एलो वेरा के गूदे को हटा दें। आपकी जादुई तरल खाद अब तैयार है।
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तोरी की बेल में कैसे डालें होममेड खाद?
- सबसे पहले, अपनी तोरई की बेल की जड़ के आसपास की ऊपरी मिट्टी को हल्के से ढीला कर लें ताकि खाद आसानी से मिट्टी में अच्छी तरह सोख ले।
- अब, तैयार किए गए घोल को पौधे की जड़ के ठीक पास, मिट्टी में धीरे-धीरे डालें।
- एक सामान्य आकार की तोरई की बेल के लिए, आप लगभग एक से डेढ़ कप घोल का उपयोग कर सकती हैं।
- इस घोल को सीधे पत्तियों या फूलों पर स्प्रे न करें। इसे जड़ के पास ही डालें।
- इसे सुबह या शाम के समय पौधे में डालें, ध्यान रखें कि इस समय तेज धूप नहीं होने चाहिए।
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तोरई में घोल का उपयोग करने के बाद क्या होगा?
- यह घोल तोरई की बेल को तुरंत पोटैशियम, ग्रोथ हॉर्मोन और अन्य आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करेगा।
- एलो वेरा जड़ के विकास को बढ़ावा देगा और पौधे को स्वस्थ बनाएगा, जबकि प्याज के छिलके फूलों और फलों के बनने की प्रक्रिया को तेज करेंगे।
- आप देखेंगे कि कुछ ही समय में आपकी तोरई की बेल पर फूलों की संख्या बढ़ जाएगी और फिर उनसे ताजी तोरई बनने लगेंगी।
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