Important Rights & Laws Every Indian Should Know: भारतीय संविधान अपने नागरिकों को कई तरह के अधिकार देता है। हालांकि, ज्यादातर लोगों को अपने अधिकारों के बारे में पता ही नहीं होता। हर नागरिक को कुछ बेसिक लीगल जानकारी होनी ही चाहिए। इससे जीवन में आप किसी भी तरह की परेशानी में फंसने से बच सकते हैं। ऐसे बहुत से कानून हैं, जो आपको रोज की जिंदगी में आपके बहुत काम आ सकते हैं। इनकी मदद से आप किसी भी तरह के धोखे से बच सकते हैं।
अगर आप भी भारत के एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तो आपको कुछ बेसिक कानूनों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आज हम आपको ऐसे ही 5 बेसिक लॉ बताएंगे, जिनकी मदद से आप किसी भी तरह के धोखे का शिकार होने से बच सकते हैं। आइए जानें, कौन-से 5 कानून हैं, जो भारत में सभी को पता होने चाहिए?
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कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट, 2019
हर नागरिक को कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट, 2019 के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आप रोजाना खरीदारी करते हैं। ऐसे में अगर कभी कोई दुकानदार आपको गलत या खराब सामान देकर आपके साथ धोखाधड़ी करने की कोशिश करता है, तो आप उसकी शिकायत इस कानून के तहत कर सकते हैं। इससे आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।
सीआरपीसी का सेक्शन 154
अक्सर ऐसा हो जाता है कि किसी मामले में पुलिस के पास जाने के बाद भी सुनवाई नहीं होती। पुलिस शिकायत ही दर्ज नहीं करती। ऐसे में आप सीआरपीसी के सेक्शन 154 के तहत अपनी शिकायत सीधे सीधे एसपी से कर सकते हैं। आप चाहें, तो ऑनलाइन पोर्टल के जरिए घर बैठे भी बिना किसी परेशानी के शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988
अगर सड़क पर आपको पुलिस परेशान कर रही है और चालान काटने की धमकी दे रही है, तो आप मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। सड़क पर केवल ट्रैफिक पुलिस ही आपको किसी गलती के लिए रोक सकती है। ट्रैफिक पुलिस का ड्यूटी पर वर्दी में होना भी जरूरी है। इसके अलावा, उनके पास अपना आईडी कार्ड भी होना चाहिए।
भारतीय संविधान का आर्टिकल 22(1)
अगर आपको पुलिस बिना किसी गलती से गिरफ्तार कर लेती है, तो आप भारतीय संविधान के आर्टिकल 22(1) के तहत पुलिस से आपको गिरफ्तार करने की वजह और वारंट की मांग कर सकते हैं। हालांकि, कुछ ऐसे भी मामले होते हैं, जिनमें पुलिस को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का हक होता है।
इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66D
आजकल ऑनलाइन धोखाधड़ी काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर आप इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66D के तहत केस दर्ज करवा सकते हैं। इस तरह से आप किसी बड़ी मुसीबत में फंसने से बच सकते हैं।
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Image Credit: freepik
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