Apara Ekadashi 2023 Ke Bare Mein: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत महत्व है। पंचांग के अनुसार, साला में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। वहीं, अधिकमास के कारण कभी-कभी 26 एकादशियों का भी योग बनता है। इन्हीं एकादशियों में से एक है अपरा एकादशी। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं अपरा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में विस्तार से।
कब है अपरा एकादशी 2023? (Kab Hai Apara Ekadashi 2023)
- अपरा एकादशी का शुभारंभ 14 मई, दिन रविवार को रात 2 बजकर 46 मिनट से होगा।
- अपरा एकादशी का समापन 15 मई, दिन सोमवार को रात 1 बजकर 3 मिनट पर होगा।
- ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत 15 मई को रखा जाएगा।
अपरा एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)
- अपरा एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 15 मई, दिन सोमवार को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा।
- अपरा एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 15 मई, दिन सोमवार (सोमवार के उपाय) को सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर खत्म होगा।
- अपरा एकादशी के दिन पूजा के लिए कुल अवधि 2 घंटे 17 मिनट रहेगी। मंत्र जाप के लिए पूरा दिन उत्तम होगा।

अपरा एकादशी 2023 पूजा विधि (Apara Ekadashi 2023 Puja Vidhi)
- सूर्यास्त से पूर्व उठकर स्नान करें। नए वस्त्र धारण करें।
- स्नान के पश्चात भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- भगवान विष्णु को स्नान कराएं और उन्हें नई पोशाक पहनाएं।
- भगवान विष्णु को चंदन लगाएं। पुष्प एवं अक्षत अर्पित करें।
- भगवान विष्णु को माला पहनाएं और पीले वस्त्र अर्पित करें।
- भगवान विष्णु को धूप-दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
- भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- भगवान विष्णु के विष्णु अष्टोत्रम, और विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम का पाठ करें।
- भगवान विष्णु की आरती उतारें और प्रसाद वितरण करें।
- द्वादशी के दिन व्रत पारण करते हुए जरोर्रत्मंदों को दान दें।

अपरा एकादशी 2023 महत्व (Apara Ekadashi 2023 Mahatva)
- अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ त्रिविक्रम की पूजा का महत्व है।
- अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने और पूजा करने से ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है।
- अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के 8 छल) की पूजा से व्यक्ति के दोषों का अंत होता है और सद्गुण जन्म लेते हैं।
- अपरा एकादशी के दिन की गई पूजा मृत्यु के बाद आत्मा पिशाच योनी में नहीं जाती है। उसे वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है।
अपरा एकादशी 2023 व्रत पारण समय (Apara Ekadashi 2023 Vrat Paran Samay)
- अपरा एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी को व्रत पारण करें।
- व्रत पारण का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 13 मिनट तक है।
तो ये थी अपरा एकादशी से जुड़ी समस्त जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: pexels, pinterest
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