क्या आप जानते हैं जैन शादी से जुड़े ये रीति-रिवाज

  • Hema Pant
  • Editorial
  • Updated - 2022-06-01, 18:15 IST

हर धर्म में शादी से जुड़े अलग-अलग रिवाज निभाए जाते हैं। उसी तरह जैन धर्म में भी कुछ ऐसी रस्में हैं, जो शादी को खास बनाती हैं।

jain wedding rituals in hindi
jain wedding rituals in hindi

शादी हर किसी के जीवन में नई उमंग और खुशियां लेकर आती है। यह दो लोगों के साथ-साथ दो परिवारों का मिलन है। इसी कारण से शादी के लिए शुभ मूहुर्त निकाला जाता है। हर एक चीज का बेहद ध्यान रखा जाता है। शादी से जुड़ी हर रस्म को शिद्दत से निभाया जाता है। हर रस्म को निभाने के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है। इसलिए शादी बिना रस्मों और रिवाजों के संपन्न नहीं होती है। हिंदू धर्म में रस्मों का खास महत्व है। हर धर्म में शादी से जुड़ी अलग-अलग रस्में निभाई जाती हैं।

जैन धर्म एक ऐसा धर्म है, जो दुनिया में सादगी और शांति के लिए जाना जाता है। सादा जीवन, उच्च विचार जीने वाला धर्म जैन धर्म है। जैन धर्म की खासियत का जितना बखान किया जाए उतना कम है। उसी तरह जैन धर्म की शादियों की रस्में भी अलग होती हैं। हालांकि, हर रस्म में आपको सादगी और पवित्रता देखने को मिलेगी।

लग्न पत्रिका वचन

jain wedding rituals in hindi ()

जैन लोगों में लग्न पत्रिका वचन रस्म निभाई जाती है। इसका अर्थ शुभ तिथी लिखना होता है। इस रस्म में दुल्हन के घर में एक छोटी पूजा होती है। जहां शादी की तारीख और समय तय होता है। दूल्हा विनायकयंत्र पूजा करता है। जिसके बाद पुजारी दुल्हे के घर में शादी की तारीख का पत्र भेजता है। जिसे लग्न पत्रिका वचन कहा जाता है।

जैन मंत्रो से होती है शादी सपंन्न

जिस तरह मंत्र का जाप कर भगवान को प्रसन्न किया जाता है। उसी तरह हर शुभ कार्य में मंत्र पढ़ जाते हैं। हिंदू या किसी भी धर्म में मंत्रो का खास महत्व होता है। जिस तरह हिंदू धर्म में शादी के दौरान मंत्र पढ़े जाते हैं। ऐसे ही जैन धर्म में जैनी मंत्र पढ़कर ही शादी संपन्न होती है। नमो अरिहंतनम मंत्र पढ़ा जाता है।

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ग्रंथी बंधन

jain wedding

जैनी शादी में ग्रंधी बंधन की रस्म निभाई जाती है। इस रस्म के दौरान शादीशुदा महिला दुल्हन के लहंगे के दुपट्टे को दूल्हे के शॉल से बांधती है। जिससे दुल्हन वामांगी बन जाती है। यानी दुल्हे का बायां हाथ। इसी बंधन से दो लोगों के एक होने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसके बाद दूल्हा-दुल्हा सात फेरे लेते हैं।(हिंदू धर्म में नथ का महत्व जानें)

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जैन मंदिर के दर्शन

शादी संपन्न होने के बाद दूल्हा-दुल्हन जैन मंदिर जाते हैं। यहां वह भगवान से अपने नए जीवन के लिए आर्शीवाद लेते हैं। साथ ही वह गरीबों में चीजें और पैसे दान भी देते हैं। ताकि उनके जीवन में हमेशा समृद्धि रहे। शादी के बाद मंदिर जाना जरूरी होता है। (चावल फेंकने की रस्म क्यों होती है?)

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Image Credit: Freepik

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