हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। अक्षय तृतीया वह दिन होता है जब सूर्य और चंद्रमा आकाश में अपने सबसे प्रभावित चमकीले रूप में होते हैं। अक्षय का अर्थ है जो कभी समाप्त न हो।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान कुबेर को शासन करने के लिए अलकापुरी का राज्य दिया गया था, साथ ही स्वर्ग के वित्त को संभालने की जिम्मेदारी भी दी गई थी, इसलिए ही यह तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है और इस दिन माता लक्ष्मी के पूजन सहित कुबेर जी की पूजा भी होती है।
चूंकि कुबेर जी को धन के देवता के रूप में जाना जाता है और ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा से आपके घर में कभी धन की कमी नहीं होती है, इसलिए उनके पूजन का विशेष महत्व है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी जी और कुबेर की पूजा के फायदों और इसके महत्व के बारे में।
अक्षय तृतीया पूजा का महत्व
अक्षय तृतीया पूजा व्यक्ति को धन और समृद्धि को आकर्षित करने में सक्षम बनाती है और वित्तीय स्थिति में सुधार करती है। अपने जीवन में किसी भी शुभ प्रयास या कार्य से पहले आपको उसकी सफलता के लिए पूजन अवश्य करना चाहिए।
इस दिन भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा का मुख्य उद्देश्य उनका आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। आपको पूजन हमेशा शुभ मुहूर्त में विधि-पूर्वक साफ़ और सच्चे मन से करने की सलाह दी जाती है।
अक्षय तृतीया किसी भी नए या शुभ काम को आरंभ करने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। इसलिए यदि आप इस दिन से कोई नई शुरुआत कर रहे हैं तो माता लक्ष्मी का पूजन कुबेर समेत जरूर करें। अक्षय तृतीया के दिन यदि आप कोई भी नया काम शुरू करते हैं तो उस काम में सफलता के योग दोगुना हो जाते हैं।
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लक्ष्मी और कुबेर पूजा के लाभ
- ऐसा माना जाता है कि यदि आप अक्षय तृतीया के दिन कुबेर जी का पूजन माता लक्ष्मी(माता लक्ष्मी की उत्पत्ति की कहानी)के साथ करते हैं तो घर की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है।
- इस दिन किया गया पूजन घर की समृद्धि के लिए लाभदायक होता है। मान्यता है कि यदि आपका धन व्यर्थ में व्यय हो रहा हो तो कुबेर जी के पूजन से लाभ अवश्य होता है।
- यदि दंपत्ति को संतान प्राप्ति में देरी हो रही हो तो अक्षय तृतीया का पूजन फलदायी माना जाता है। इस पूजन से आपके जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत होते हैं।
- कुबेर जी के पूजन से कर्ज से मुक्ति मिलती है और रुका हुआ धन वापस मिलता है। आपको पूजन से अपनी आय के स्रोत बढ़ाने के लिए प्रेरणा मिलती है। कुबेर पूजा धन को आकर्षित करने के साथ ज्ञान और समृद्धि बढ़ाने में भी मदद करती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी कुबेर पूजा के लाभ आपको भविष्य में दिखाई देते हैं और हमेशा के लिए धन, नौकरी की स्थिरता और अपने साथी के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने में मदद करते हैं।
अक्षय तृतीया में कैसे करें पूजन
- अक्षय तृतीया के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर साफ़ वस्त्र धारण करें और घर के मंदिर की सफाई करें।
- पूजन करने के लिए एक लकड़ी की चौकी लें और चौकी के ऊपर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और इसमें लक्ष्मी जी की प्रतिमा यातस्वीर कुबेर जी के साथ स्थापित करें।
- सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं और हाथ जोड़कर देवताओं का आह्वान करें। लक्ष्मी और कुबेर के मंत्रों का जाप करते हुए फूल, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं।
- इस दिन यदि संभव हो तो सोना अवश्य खरीदें, इससे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है।
यदि आप यहां बताई बातों को ध्यान में रखकर माता लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करते हैं तो जीवन में सदैव समृद्धि बानी रहती है।
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