बीते दिन अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और विमान में बैठे सभी लोगों की हादसे में मौत हो गई है। अब ऐसे में क्या आपने कभी सोचा कि हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक अत्यंत जटिल और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसमें पायलट और इंजीनियरों की भूमिका सर्वोपरि होती है। जमीन पर होने वाली गहन जांच-पड़ताल ही तय करती है कि विमान आसमान में सुरक्षित रहेगा या नहीं। यह प्रक्रिया न केवल विमान के सही होने का प्रमाण है बल्कि उसमें बैठे यात्रियों और चालक दल की जान की गारंटी होती है। हर उड़ान से पहले ,चाहे वह छोटी हो या लंबी प्लेन के हर पुर्जे, हर सिस्टम और हर पहलू की बारीकी से पड़ताल की जाती है ताकि यह उसे आसमान में उड़ान भरने के लिए सुनिश्चित बनाया जा सके। लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर इसकी जांच कब और कौन करता है। अगर नहीं, तो इस लेख में आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
उड़ान से पहले विमान में क्या-क्या चीजें होती हैं चेक?
जैसे घर से बाहर निकलते हम बाइक के पेट्रोल और टायर की जांच करते हैं। उसी प्रकार उड़ान भरने से पहले विमान की जांच करना बहुत जरूरी होता है। इस प्रोसेस को प्री-फ्लाइट इंस्पेक्शन' के नाम से जाना जाता है। यह जांच प्रत्येक उड़ान से पहले की जाती है और इसका उद्देश्य विमान की सुरक्षा और ऑपरेशन एफिशिएंसी को तय करता है। इस प्रोसेस में न केवल प्लेन के बाहरी हिस्से बल्कि इंटरनल सिस्टम, इंजन, नेविगेशन और कम्युनिकेशन डिवाइस सहित हर छोटे-बड़े पुर्जे की गहन पड़ताल शामिल होती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि विमान में कोई भी टेक्नोलॉजी फॉल्ट, डैमेज और असामान्यता न हो जो उड़ान के दौरान जोखिम पैदा कर सके। इस प्रक्रिया में इंजीनियरों का टेक्नोलॉजी नॉलेज और पायलटों का एक्सपीरियंस दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, ताकि यह कंफर्म किया जा सके कि विमान उड़ान के लिए पूरी तरह से फिट है।
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कितने प्रोसेस और कौन करता है विमान की जांच?
विमान की चेकिंग आमतौर पर दो चरणों पहला, रखरखाव इंजीनियरों द्वारा की जाने वाली विस्तृत टेक्नोलॉजी और दूसरा और उड़ान से ठीक पहले पायलटों द्वारा की जाने वाली अंतिम जांच। प्लेन की जांच एयरपोर्ट पर लाइसेंस हासिल एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस इंजीनियर द्वारा की जाती है। इंजीनियर विमान के प्रत्येक सिस्टम, जैसे इंजन, हाइड्रोलिक्स, लैंडिंग गियर, फ्लैप्स, ब्रेक और एवियोनिक्स की जांच करते हैं। इसके बाद पायलट अपनी स्वयं की चेकलिस्ट को फॉलो करते हुए कॉकपिट के सभी कंट्रोल, डिवाइस और इमरजेंसी सिस्टम को चेक करते हैं। साथ ही विमान के बाहरी हिस्से का भी निरीक्षण करते हैं, जिसमें पंख, टेल, टायर और इंजन का विजुअल चेक शामिल होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि विमान में पर्याप्त ईंधन है और उसका वेट और बैलेंस सही है। इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।
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