एसिड अटैक में खो दी अपनी आंखें, फिर भी नहीं मानी हार.. पढ़िए सीबीएसई 12वीं में 95% मार्क्स लाकर इतिहास रचने वाली कैफी की सक्सेस स्टोरी

Inspirational Story Of Kaifi: हरियाणा के हिसार की निवासी कैफी ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की बारहवीं कक्षा की परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुए 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। उनकी यह उपलब्धि काबिल-ए-तारीफ है, क्योंकि बचपन में ही उन्होंने एसिड हमले के बाद अपनी आंखें खो दी थी। फिर भी कैफी ने बोर्ड एग्जाम में इतने अच्छे मार्क्स लाकर इतिहास रच दिया है। आइए इस आर्टिकल में 17 वर्षीय कैफी की सक्सेस स्टोरी के बारे में जान लेते हैं।
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हरियाणा के हिसार की रहने वाली कैफी ने अपनी जिंदगी में एक भयानक त्रासदी का सामना किया है। एसिड अटैक में उन्होंने अपनी दोनों आंखें खो दीं। यह किसी के भी हौसले को तोड़ देने वाली घटना होती है, लेकिन कैफी ने हार नहीं मानी। अपनी आंखों की रोशनी चले जाने के बावजूद, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से सीबीएसई 12वीं परीक्षा 2025 में 95.6% अंक हासिल करके इतिहास रच दिया है। कैफी की यह सफलता सिर्फ उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, जो मुश्किल परिस्थितियों में भी उम्मीद और साहस बनाए रखते हैं। 17 वर्षीय कैफी की कहानी हमें सिखाती है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी बाधा लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती है। इसी के साथ आइए सीबीएसई में अच्छा स्कोर करने वाली कैफी के बारे में जान लेते हैं।

कैफी ने एसिड अटैक में खो दी अपनी आंखें

साल 2011 में, एक पारिवारिक विवाद के दौरान एक पड़ोसी द्वारा किए गए तेजाब के हमले में कैफी ने अपनी दृष्टि गंवा दी थी। कई वर्षों तक चले इलाज के बाद, उन्हें चंडीगढ़ के नेत्रहीन बच्चों के लिए बने एक संस्थान में दाखिला मिला। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के हिसार की रहने वाली कैफी ने सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए ब्रेल लिपि और श्रव्य पुस्तकों का उपयोग किया। मानविकी संकाय का चयन करने वाली कैफी प्रतिदिन लगभग दो से तीन घंटे अध्ययन करती थीं और उन्होंने शानदार अंकों के साथ परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। अब उनका लक्ष्य संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण कर एक आईएएस अधिकारी बनना है।

रिपोर्टों के अनुसार, कैफी के पिता पवन हरियाणा सचिवालय में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, जबकि उनकी मां सुमन एक गृहिणी हैं। उनके माता-पिता दोनों ही अधिक शिक्षित नहीं हैं, उन्होंने केवल पांचवीं कक्षा तक ही शिक्षा प्राप्त की है, लेकिन वे अपनी बेटी को शिक्षित और सक्षम बनाना चाहते हैं। वास्तव में, कैफी बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज रही हैं। उन्होंने दसवीं कक्षा की परीक्षा में भी 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे।

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कैफी कैसे की बोर्ड एग्जाम की तैयारी?

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कैफी ने घंटों तक ब्रेल लिपि में किताबें पढ़ीं और अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए नोट्स को याद किया। उनकी मेहनत और लगन देखकर उनके शिक्षक भी हैरान थे। वे बताते हैं कि कैफी की याददाश्त बहुत तेज है और वह हर चीज को बहुत जल्दी सीख लेती हैं। कैफी के लिए यह सफर आसान नहीं था। आँखों की रोशनी चले जाने के बाद, उनकी दुनिया पूरी तरह से बदल गई थी। किताबों से लेकर दैनिक कार्यों तक, हर चीज के लिए उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ा, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में, उनके परिवार, शिक्षकों और दोस्तों ने उनका भरपूर साथ दिया। उन्होंने कैफी को ब्रेल लिपि सीखने में मदद की, उनके लिए नोट्स पढ़े और उन्हें हर कदम पर प्रोत्साहित किया।

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Image credit- Freepik


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