कहानी एक ऐसी महिला की, जिसने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी। बचपन में पैरेंट्स को अलग होते देखकर ही समाज के लिए कुछ करने और अपने पैरों पर खड़े होने की ठान ली। इसके लिए उन्होंने बैंक में अच्छी नौकरी को भी छोड़ा। फिर, बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। काफी स्ट्रगल के बाद आज वो समाज बच्चे और महिलाओं के लिए काफी कुछ कर रही हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं- आलेख फाउंडेशन की संस्थापक रेनी जॉय की, जो शिक्षा और कौशल के माध्यम से महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने पर काम करती हैं। इसके अलावा, वह आलेख फाउंडेशन के जरिए जल संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के सतत विकास लक्ष्यों की वकालत भी करती हैं। रेनी में समाज कल्याण के लिए कुछ करने की अजीब सी जुनून है, जो देश की महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। तो चलिए उनके यहां तक के सफर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बचपन में पैरेंट्स के अलग होने का दुख
केरल की रहने वाली रेनी जॉय के माता-पिता बचपन में ही अलग हो गए थे। तब वो अपने नाना-नानी के पास रहती थी। तभी से उनके मन में ये बात आ गई थी कि एक लड़की के लिए अपने अपने पैरों पर खड़ा होना कितना जरूरी है। रेनी ने अपनी पूरी पढ़ाई लिखाई दिल्ली से ही की। फिर 12वीं के बाद सेल्स एंड मार्केटिंग का कोर्स किया। उन्हें साल 2000 में बैंक सेल्स एंड मार्केटिंग की जॉब मिली। 11 साल तक बैंक में जॉब करने के बाद वह अपनी अच्छी परफॉर्मेंस के कारण यंग वाइस प्रेसिडेंट बन गई। हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने कुछ अलग करने का मन बना लिया।
बिजनेस में हुआ नुकसान
साल 2011 में रेनी जॉय ने अपनी नौकरी छोड़ दी। कुछ समय बाद उन्होंने स्टॉक मार्केट में कंसल्टिंग का काम शुरू किया। लेकिन, कुछ ही महीने में स्टॉक मार्केट क्रैश हो गई, जिससे उन्हें बहुत बड़ा नुकसान सहना पड़ा। इसके अलावा बिजनेस पार्टनर्स ने भी धोखा दे दिया। पर फिर, रेनी ने हार नहीं मानी और अपने बैंकिंग एक्सपीरियंस का फायदा उठाकर बतौर एडवाइजर काम करना शुरू कर दी। कुछ साल बाद, वह लॉ की पढ़ाई शुरू कर दी।
आलेख फाउंडेशन की शुरुआत
रेनी जॉय ने आखिरकार अपने मन का काम शुरू कर दिया। उन्होंने साल 2015 में आलेख फाउंडेशन की शुरुआत की और महिलाओं की जिंदगी संवारने के लिए हमेशा खड़ी रहीं। वह, सेक्शुअल हैरासमेंट के शिकार हुए बच्चों और महिलाओं को निशुल्क कानूनी सहायता देती हैं। इसके अलावा, ब्रेस्ट कैंसर, सैनिटेशन, पीरियड्स जैसे हेल्थ इश्यूज पर महिलाओं को जागरूक करती हैं। फिल्हाल, आलेख फाउंडेशन के जरिए रेनी गर्ल चाइल्ड एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट जैसे मुद्दों पर काम कर रही हैं।
समाज को बदलने के कुछ अनूठे प्रयासों का बारे में
मीडिया से बातचीत के दौरान रेनी जॉय ने बताया कि "समाज को बदलने के मेरे कुछ अनूठे प्रयासों में सौर और वेस्ट-टू-एनर्जी पहल जैसी नवीकरणीय परियोजनाओं का नेतृत्व करना शामिल है। आलेख फाउंडेशन के माध्यम से हम लड़कियों की शिक्षा को प्रायोजित करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जिससे समाज में सामाजिक बदलाव लाने का संकल्प है। वर्तमान में, मैं उत्तर पूर्व में व्यावसायिक ध्वनि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की स्थापना का समन्वय कर रही हूँ, जो नई ऊर्जा स्रोतों के विकास में मदद करेगा। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से, हम युवा पीढ़ियों को नई और सस्ती ऊर्जा स्रोतों के प्रयोग के लिए प्रेरित करने का प्रशिक्षण देंगे, जो पर्यावरण समृद्धि की दिशा में सहायक होगा। इसके अलावा, मैं महिला उद्यमिता की वकालत करती हूं। साथ ही, जल निकाय कायाकल्प परियोजनाओं का भी नेतृत्व करती हूं, ताकि सामाजिक और आर्थिक स्वावलंबन की प्रोत्साहना हो सके। इन परियोजनाओं के माध्यम से, हम जल संरक्षण और उपयोग के जरिए जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि समाज में एक स्वस्थ और संतुलित पर्यावरण की ओर कदम बढ़ाया जा सके। इन सभी परियोजनाओं के माध्यम से मेरा लक्ष्य समाज को स्थायी परिवर्तन की दिशा में प्रेरित करना है।"
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