Women's Day 2021: दिल्ली पुलिस की जांबाज सिपाही सीमा ढाका को आउट ऑफ़ द टर्न प्रमोशन

आइए जानें दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात सीमा ढाका को क्यों आउट-ऑफ़-द-टर्न प्रमोशन दिया गया। 

seema dhaka main
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दिल्ली पुलिस काफी समय से अपने जांबाज कृत्यों के लिए चर्चा में रहती है। कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा ढाका ने। जिन्होंने दिल्ली और अन्य राज्यों से 76 से अधिक लापता बच्चों को ढूंढ़करउन्हें अपने स्थान तक पहुंचाया।

ऐसा साहसिक कृत्य करने के बाद सीमा को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन देते हुए हेड कांस्टेबल से ASI के पद पर प्रमोट कर दिया गया। इसी के साथ वो आउट-ऑफ-टर्न पदोन्नति पाने वाली पहली पुलिस कर्मचारी बन गई।

काम के प्रति सजग

आमतौर पर देखा जाता है कि पुलिस के कर्मचारी फील्ड वर्क को अहमियत नहीं देते हैं, लेकिन सीमा ढाका की काम के प्रति लगन ने उन्हें आगे बढ़कर बच्चों को ढूंढ़ने की प्रेरणा दी। दिल्ली के समयपुर बादली में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात सीमा ढाका ने एक साल के भीतर ही 76 गुमशुदा बच्चों की तलाश कर उन्हें नई जिंदगी प्रदान की। इसी वजह से उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया।

आउट-ऑफ-टर्न पदोन्नति पाने वाली पहली महिला

सीमा ढाका, वर्तमान में बाहरी-उत्तर जिले के समयपुर बादली पुलिस स्टेशन में तैनात हैं और दिल्ली पुलिस की पहली पुलिस कर्मी हैं, जिन्हें प्रोत्साहन योजना के तहत लापता बच्चों को ट्रेस करने के लिए आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 7 अगस्त को, दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने 12 महीने की अवधि के भीतर 14 साल से कम उम्र के 50 या अधिक लापता बच्चों को बचाने वाले किसी भी कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की घोषणा की थी। जिनमें से कम से कम 15 बच्चों की आयु 8 वर्ष से कम होनी चाहिए।

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इसके अलावा किसी भी कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल के लिए अशरण क्रिया पुरस्कार की घोषणा की गई थी, जो 12 महीने की अवधि के भीतर 14 वर्ष से कम उम्र के 15 या उससे अधिक लापता बच्चों को बचा लेता है। सीमा ढाका ने ढाई महीने के भीतर 76 लापता बच्चों का पता लगाया और उनमें से 56 बच्चे 14 साल से कम उम्र के हैं।

दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने ट्वीट करते हुए सीमा ढाका को उनके इस साहसिक काम के लिए बधाई दी। सीमा ढाका 2006 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुई थीं और बाहरी जिले, रोहिणी और बाहरी उत्तर क्षेत्र में तैनात हैं। उनके पति भी दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर हैं और रोहिणी में तैनात हैं।

सीमा ढाका वास्तव में न सिर्फ पुलिस विभाग, बल्कि पूरे देश के लिए इंस्पिरेशन हैं, जिनसे हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।उनका ये अचीवमेंट वास्तव में हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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