एक हादसा आपकी पूरी जिंदगी को बदल कर रख देता है। कई ऐसे लोग हैं जो जिंदगी में हुए दुर्घटनाओं के आगे हार मान लेते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे अपनी ताकत बनाकर एक नया मुकाम हासिल करते हैं। मुंबई की रहने वाली रोशन जवाद के साथ भी एक ऐसा ही हादसा हुआ था। इस हादसे में रोशन ने अपने दोनों पैर हमेशा के लिए गवां दिए थे। रोशन को लगा अब उनकी जिंदगी थम सी गई है और उनका डॉक्टर बनने का सपना अब सपना ही रह जाएगा।
रोशन को अभी पता नहीं था कि मुसीबतों का पहाड़ अभी शुरू ही हुआ है। इस दौरान उन्हें बोन ट्यूमर की बीमारी और कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। हालांकि, जिंदगी में आने वाली एक के बाद एक परेशानियों का सामना रोशन ने डट कर किया और अपने बहादुरी की परिचय दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में रोशन जवाद ने बताया कि उन्हें खुशी है कि इतनी परेशानियों के बावजूद उन्होंने अपने सपने पूरा किया है।
ट्रेन से गिरने की वजह से गंवा दिए थे दोनों पैर
रोशन जवाद 11वीं में थी, जब उनके साथ यह हादसा हुआ था। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में रोशन ने बताया कि उस वक्त वह अपने दोस्तों के साथ स्कूल से वापस घर की ओर आ रही थी। वह हमेशा लोकल ट्रेन सफर करती थी, लेकिन उस दिन ट्रेन में काफी भीड़ थी, जिसकी वजह से वह ट्रैक पर गिर गई और ट्रेन उनके पैरों के ऊपर चलती चली गई। इस हादसे में रोशन जवाद ने अपने दोनों पैर खो दिए। 10वीं में 92.2% अंक प्राप्त करने वाली रोशन उस वक्त परीक्षा देकर घर की तरफ लौट रही थी। सब्जी विक्रेता की बेटी रोशन जवाद की मुश्किलें यहीं कम नहीं हुईं बल्कि उन्हें कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। रोशन ने एंट्रेंस टेस्ट में सफलता प्राप्त की, लेकिन एमबीबीएस में प्रवेश के लिए उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। दरअसल दुर्घटना के बाद वह 86 प्रतिशत विकलांग हो गई थीं, जबकि इसके लिए 70% विकलांगता अनुमेय सीमा थी।
प्रथम श्रेणी में पास किया एमबीबीएस की परीक्षा
रोशन जवाद के पिता एक सब्जी विक्रेता है, ऐसे में उनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ना आसान नहीं था। आर्थिक संकट जूझते हुए वह अक्सर कोर्ट का चक्कर लगाती। कानूनी लड़ाई के बाद बॉम्बे एचसी के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने रोशन को प्रवेश देने का निर्देश दिया। इसके बाद 2016 में रोशन जवाद ने सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज से प्रथम श्रेणी में एमबीबीएस पास किया। यही नहीं 2018 में PG मेडिकल प्रवेश परीक्षा भी पास की, जिसके बाद उसी कॉलेज में उन्हें एमडी पैथोलॉजी में एडमिशन मिल गया। रोशन जब सेकंड ईयर में थी, तब उन्हें बोन ट्यूमर होने का पता चला। उस वक्त उनका ऑपरेशन किया गया। रोशन इस मुश्किल हालात में अकेली नहीं थी, दोस्त और उनके शिक्षक उनके साथ खड़े रहें। गंभीर बीमारी में भी रोशन केईएम पैथोलॉजी विभाग में 65% अंकों के साथ चौथा स्थान हासिल किया।
इसे भी पढ़ें:सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखिका कमला भसीन का निधन, जानें उनकी जिंदगी से जुड़ें रोचक तथ्य
गरीबों के लिए खोलना चाहती हैं लेबोरेटरी सेंटर
रोशन जवाद अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद गरीबों के लिए लेबोरेटरी और डायग्नोस्टिक सेंटर खोलना चाहती हैं। रोशन का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोगों को मेडिकल टेस्ट के लिए काफी दूर जाना पड़ता है। वह इसके लिए फंड मिलने का इंतजार कर रही हैं। इसके साथ ही, जब वह आर्थिक रूप से योग्य हो जाएंगी तब वह लेबोरेटरी सेंटर के लिए काम शुरू कर देंगी, ताकी लोग यहां आकर फ्री में अपना टेस्ट करवा सकें।
Recommended Video
HerZindagi Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों