दिल्ली में रहने वाली महज 11 साल की ओविया सिंह TEDx Talk में बात करने वाले लोगों की लिस्ट में शुमार हो चुकी हैं। उन्होंने हाल ही में जामिया मिलिया इस्लामिया में एक TEDx Talk दी। इस TEDx Talk में ओविया ने मृदा संरक्षण के बारे में बात की और कृषि मिट्टी की गुणवत्ता में वैश्विक गिरावट के बारे में चिंताजनक आंकड़ों के बारे में बताया है।
ओविया ने बताया कि "जब उन्हें प्लानेटस्पार्क के माध्यम से एक TEDx Talkदेने का मौका मिला, तो मुझे पता था कि मेरा विषय "मिट्टी संरक्षण" होगा। इस संभावित संकट के बढ़ते कारकों में उन्होंने कहा, भोजन की बर्बादी और जनसंख्या वृद्धि सबसे खतरनाक है।
ओविया प्लानेटस्पार्क नाम के एक कम्युनिकेशन स्किल प्लैटफॉर्म की स्टूडेंट हैं। ओविया ने कई पब्लिक स्पीकिंग अवार्ड जीते हैं। इनमें 'यूथ स्पोकन फेस्ट', 'पॉडकास्ट चैलेंज (2021),' नेशनल स्पीच एंड डिबेट टूर्नामेंट, 'और प्लैनेटस्पार्क ग्लोबल पब्लिक स्पीकिंग चैंपियन (2022) सहित कई अन्य नाम शामिल हैं।
पहली किताब का नाम 'लिविंग लाइफ ऑफ इंस्पिरेशन' है। इस किताब में इंस्पिरेशनल और लाइफ स्टोरीज के बारे में बताया है। उनकी दूसरी किताब 'राइज, पोएम्स ऑफ हीट, रेजिलिएंस एंड लाइट' है। इस किताब में इंस्पिरेशनल और मोटिवेशनल कविताएं लिखी गई हैं। प्लेनेटस्पार्क के साथ उनकी भागीदारी के अलावा ओविया का अपना पॉडकास्ट भी है, जिसका टाइटल "गो आउट एंड कंटूर द वर्ल्ड" है।
टेड टॉक्स के दौरान ओविया ने कहा “हमारे पास भोजन की कमी हो रही है क्योंकि हमारे पास मिट्टी के स्रोत कम हो चुके हैं। हमें इस समस्या को कोई समाधान निकालना चाहिए। ओविया ने आगे कहा कि कृषि योग्य मिट्टी के लिए मिट्टी में कम से कम 3 से 6 प्रतिशत जैविक सामग्री की आवश्यकता होती है। साथ ही यह भी बताया कि वर्षावनों की मिट्टी में 70 प्रतिशत जैविक सामग्री है।"( जानें दीपाली शिवशंकर कैसे बनीं फैशन डिजाइनर)
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ओविया सिंह ने इसके आगे कहा कि "वैश्विक स्तर पर 52 प्रतिशत कृषि भूमि पहले ही खराब हो चुकी है। सीधे शब्दों में कहें तो पूरी दुनिया में मिट्टी रेत में फट रही है, जिसका मतलब है कि आने वाले वर्षों में मिट्टी खत्म हो सकती है और रेत में बदल सकती है। अगले 20 वर्षों में 9 अरब से अधिक लोगों के लिए 40 प्रतिशत तक भोजन में कमी आएगी। ऐसा लगता है कि आज हम जो फल और सब्जियां खाते हैं, वह हमारे माता-पिता और उनके माता-पिता की तुलना में 90 प्रतिशत कम पोषक तत्व होते हैं। (जानें नीता मेहता की सक्सेज स्टोरी)
इसके अलावा ओविया ने कहा कि "आज 8 संतरे का पोषण मूल्य 1920 के दशक में 1 संतरे के समान है।" उन्होंने लोगों को मृदा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को मृदा संरक्षण के महत्व के बारे में अधिक जागरूक करना समय की आवश्यकता है।
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बता दें कि ओविया मिट्टी के बारे में बेहद जानकारी रखती हैं। इतनी छोटी उम्र में इतना ज्ञान वाकई काबिले तारीफ है। ओविया की बातों से पता चलता है कि वह दुनिया के बारे में कितनी चिंतित हैं। ओविया हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं।
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