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Nikhat Zareen Wins Gold

म्हारी छोरियां छोरों से कम है के: भारत की Nikhat Zareen ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर रचा इतिहास

भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में उभरकर सामने आ रही हैं, इसी कड़ी में निकहत जरीन का नाम भी शुमार हो गया है। 
Editorial
Updated:- 2022-05-20, 14:10 IST

मुक्केबाज निकहत जरीन ने 19 मई गुरुवार को भारत के नाम बहुत बड़ा इतिहास रचा। 24 वर्षीय निखत जरीन ने इस्तांबुल में आयोजित विमेंस वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस पूरी फाइट में निकहत पूरी तरह से हावी नजर आईं , जिस वजह से यह मैज और भी चर्चा में रहा।

निकहत जरीन कौन हैं?

Nikhat Zareen World Boxing Championship

वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद से ही इस नाम की चर्चा चारों ओर हो रही है। निकहत का जन्म 14 जून को तेलंगाना राज्य के निजामाबाद शहर में हुआ। उनकी माता का नाम परवीन सुल्ताना और पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद है। बता दें कि बचपन से ही निकहत की दिलचस्पी बॉक्सिंग में थी, जिस कारण 13 साल की उम्र में ही उन्होंने बॉक्सिंग सीखना शुरू कर दिया।

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निकहत के मुक्केबाज बनने की दिलचस्प कहानी-

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निकहत के मुक्केबाज बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। निखत के पिता मोहम्मद जमील फुटबॉल और क्रिकेट खेलते थे, जिस कारण वो अपनी 4 बेटियों को भी खिलाड़ी ही बनाना चाहते थे। यही वजह थी कि निकहत ने जब एथलेटिक्स की तरफ जाने का फैसला, तो पिता ने भी इस फैसले में उनके साथ नजर आए। आसपास के लोगों ने इस बात का खुलकर विरोध किया, लेकिन इसके बावजूद भी निकहत के घर वाले उनके साथ खड़े रहे।14 साल की उम्र में ही निकहत वल्ड यूथ बॉक्सिंग चैम्पियन बन गईं। जिसके बाद उन्होंने एक-एक कर कामयाबी अपने नाम की, ऐसे में विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड लाना भी निकहत के करियर का अहम पड़ाव है।

चाचा की सहाल पर बॉक्सिंग को चुना करियर-

Nikhat Zareen Wins Gold At World Boxing

निकहत के चाचा शम्सुद्दीन के दोनों बच्चे मुक्केबाज थे। यही वजह थी कि निखत को मुक्केबाज बनने की प्रेरणा खुद से ही मिली। बता दें कि जब सन 2000 के दशक में मुक्केबाजी की शुरुआत हुई, तब बहुत कम महिलाएं ही इस मुकाबले में नजर आती थीं। लेकिन इन सब के बावजूद भी निकहत के पिता ने उन्हें बॉक्सिंग करने के लिए कभी भी नहीं रोका।

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रिश्तेदार थे बॉक्सिंग के खिलाफ-

मीडिया से बातचीत में जमीन ने बताया कि ‘जब निकहत ने बॉक्सिंग को करियर के रूप में चुनने का फैसला लिया। तब उनके रिश्तेदारों और दोस्त यही कहते थे कि लड़की को ऐसे स्पोर्ट्स नहीं खेलने चाहिए, जिसमें शॉर्ट्स पहनने पड़ते हैं। जिस कारण उन्हें रिश्तेदारों से काफी कुछ सुनने को मिलता रहा, इन सब के बावजूद भी निकहत ने हिम्मत नहीं हारी और सब की बातों का जवाब गोल्ड मेडल जीतकर दिया।

मैरीकॉम से रिंग में मुकाबला कर चुकी हैं निकहत-

Boxing Gold Medal Winner Nikhat Zareen

बॉक्सिंग की दुनिया में मैरीकॉम सबसे चर्चित काम हैं, बता दें कि निकहत ने उनके साथ भी बॉक्सिंग के मुकाबले लड़े हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुंचने के लिए निकहत को मैरीकॉम से रिंग के भीतर और बाहर अपने हक की लड़ाई लड़नी पड़ी। आखिरकार इतने समय बाद निकहत को वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने का मौका मिला।

तो ये थी निकहत की कहानी, जिससे आगे आने वाले समय में कई महिलाएं प्रेरित होंगी। आपको हमारा यह आर्टिकल आपको अगर पसंद आया हो, तो इसे लाइक और शेयर करें। साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

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