आज के समय में महिलाएं घर-परिवार से आगे बढ़कर राष्ट्र की सेवा के लिए अहम जिम्मेदारियां निभा रही हैं। यही वजह है कि उनके योगदान को भी सराहना मिल रही है। 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बहादुरी दिखाने वाले वायुसेना के 7 अफसरों के लिए वीरता पुरस्कारों की घोषणा की, वहीं पांच वायुसेना अफसरों को विशिष्ट सेवा के लिए ‘युद्ध सेवा मेडल’ देने का ऐलान किया। इन युद्ध सेवा मेडल पाने वाले अफसरों में स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल भी शामिल हैं, जो 27 फरवरी को कश्मीर में पाक विमानों की घुसपैठ के दौरान फाइटर प्लेन कंट्रोलर की अहम भूमिका निभा रही थीं। पाक की तरफ से एफ-16 फाइटर जेट के हमले को नाकाम करने और उन्हें मार गिराने विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की मदद मिंटी अग्रवाल ने की थी। देश के सैन्य इतिहास में मिंटी अग्रवाल यह सम्मान पाने वाली पहली महिला बन गई हैं। युद्ध सेवा मेडल युद्ध या इमरजेंसी जैसी स्थितियों में राष्ट्र के लिए विशिष्ट सेवा देने वाले सैनिकों को प्रदान किया जाता है।
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- विंग कमांडर अभिनंदन के जहाज उड़ान के दौरान मिंटी अग्रवाल दे रही थीं दुश्मन जहाज की जानकारी
- युद्ध सेवा मेडल युद्ध की स्थितियों में विशिष्ट सेवा प्रदान करने के लिए दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है
युद्ध के हालात में मिंटी अग्रवाल ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की मदद की
मिंटी अग्रवाल ने कहा, 'हमने 26 फरवरी को बालाकोट मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया। हमें जवाबी हमले की आशंका थी। इसीलिए हमने अतिरिक्त तैयारियां कर रखी थीं और उन्होंने 24 घंटे के भीतर ही जवाबी कार्रवाई की। वे हमें नुकसान पहुंचाने के इरादे से आए थे, लेकिन हमारे पायलटों, कंट्रोलर और टीम के साहस से वे अपने मंसूबों को पूरा करने में नाकाम रहे। एफ-16 को विंग कमांडर अभिनंदन ने मार गिराया। भीषण युद्ध की स्थिति में दुश्मन के कई एयरक्राफ्ट नजर आ रहे थे और हमारे फाइटर एयरक्राफ्ट पूरी तरह से उनका मुकाबला कर रहे थे। मैंने 26 फरवरी और 27 फरवरी, दोनों मिशनों में हिस्सा लिया। अभिनंदन और मेरे बीच लगातार कम्युनिकेशन बना हुआ था। मैं उन्हें हवाई स्थिति के बारे में बता रही थी, दुश्मन जहाज की पोजिशन के बारे में बता रही थी। मिंटी ने मुश्किल स्थितियों में भी हौसला बनाए रखा और अपनी ड्यूटी सजगता से निभाई।
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मिंटी अग्रवाल ने पाक एफ-16 को मार भगाने में भारतीय पायलटों को पहुंचाई मदद
26 फरवरी को एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने 27 फरवरी को एफ-16 विमानों को कश्मीर में भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए भेजा दिया। पाकिस्तानी विमानों ने जब घुसपैठ की कोशिश की तो भारतीय वायुसेना की सतर्कता से पाकिस्तान के इरादे नाकाम हो गए। भारत के मिग-21 और मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने उन्हें मार भगाया था। इस दौरान मिंटी अग्रवाल फाइटर कंट्रोलर के तौर पर पायलटों की मदद कर रही थीं। मिंटी ने पाक के एफ-16 विमानों की आवाजाही देखते ही भारत के मिराज और सुखोई विमानों को एलर्ट भेज दिया था। यही नहीं, जब अभिनंदन एफ-16 गिराने के दौरान एलओसी पार चले गए, तो मिंटी ने उन्हें तुरंत वापस लौटने के लिए कहा था। हालांकि, कम्युनिकेशन जैमर लगे होने की वजह से अभिनंदन तक उनके निर्देश नहीं पहुंच पाए थे। मिंटी अग्रवाल देश की करोड़ों महिलाओं के लिए मिसाल हैं।
मिंटी की कामयाबी पर गर्व
1990 में एयरफोर्स में शामिल हुई पहले बैच की महिला ऑफिसर विंग कमांडर अनुपमा जोशी, जो फिलहाल रिटायर्ड हो चुकी हैं, मिंट्री अग्रवाल को मिल रहे सम्मान से खुश हैं। उन्होंने कहा, 'मिंटी की कामयाबी पर हमें नाज है। मिंटी की यह उपलब्धि दर्शाती है कि महिलाओं ने अपने निशान छोड़ने शुरू कर दिए हैं।'
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