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मन की बात में पीएम मोदी ने कहा- भारत ‘महिला विकास’ से ‘महिला के नेतृत्व में विकास’ की तरफ आगे बढ़ रहा

पीएम मोदी ने कहा, ‘एक बेटी दस बेटों के बराबर है।’ इसके अलावा आजकल होने वाली दुर्घटनाओं के लिए मोदी ने कहा कि ‘हम सतर्क रहकर दुर्घटनाओं को टाल सकते हैं।’
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-02-26, 13:23 IST

पीएम मोदी ने फरवरी के आखिरी रविवार को मन की बात में देश को संबोधित करते हुए महिला सशक्तिकरण की बात की। पीएम मोदी ने कहा, भारत ‘महिला विकास’ से ‘महिला के नेतृत्व में विकास’ की तरफ आगे बढ़ रहा है। एक बेटी दस बेटों के बराबर है।’ इसके अलावा आजकल होने वाली दुर्घटनाओं के लिए मोदी ने कहा कि ‘हम सतर्क रहकर दुर्घटनाओं को टाल सकते हैं।’

मन की बात का 41वीं संस्करण था

ये मोदी के मन की बात का 41वीं संस्करण था। इससे पहले उन्होंने परीक्षा पर चर्चा की थी। इस संस्करण की शुरुआत उन्होंने भारत रत्न से सम्मानित भौतिकशास्त्री सीवी रमन को याद करते हुए की। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि 4 मार्च को नेशनल सेफ्टी डे है। ऐसे में हम इस डे पर सतर्क रहने की शपथ ले सकते हैं। क्योंकि सतर्क रहकर ही हम दुर्घटनाओं को टाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि गलती ना करने पर दुर्घटना कम हो सकती हैं। ज्यादातर दुर्घटनाएं गलतियों के कारण ही होती है। NDMA की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि प्राकृतिक आपादा से लड़ने के लिए NDMA हमेशा तैयार है। NDMA लोगों को ट्रेनिंग दे रहा है। आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहा है।  थॉमस एडिसन ने अपनी असफताओं को अपनी शक्ति बनाया।

महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर

मोदी ने महिलाओं ककी तारीफ करते हुए कहा कि हमारी देश की महिलाएं अपने आत्मबल से खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं। नारी का समग्र विकास, सशक्त नारी ही न्यू इंडिया है। उन्होंने कहा, ‘भारत ‘महिला विकास’ से ‘महिला के नेतृत्व में विकास’ की तरफ आगे बढ़ रहा है। आर्थिक समाजिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हम सबकी जिम्मेदारी है।’ 15 लाख महिलाओं ने एक महीने का स्वचछ्ता अभियान चलाया।

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एक बेटी दस बेटों के बराबर

प्रधानमंत्री ने पुराने जमाने में नारी को शक्ति का रुप मानने की बात कही। उन्होंने कहा कि ‘पुराने जमाने के समाज में नारी का स्थान, योगदान और सम्मान अलग था। वैसा ही समाज हमें आज भी बनाना है।’ पीएम ने कहा कि हमारे स्कंद पुराण में कहा गया है, ‘दस पुत्रम समा कन्या।’हम आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं लेकिन सदियों पहले हमारे शास्त्रों में नारी शक्ति को स्वीकार किया गया है और एक बेटी को दस बेटों के बराबर बताया गया है।’ उन्होंने लक्ष्मी, सुभाषिनी और अरविंद का भी जिक्र किया था। 

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प्रधानमंत्री ने इस दौरान पद्म पुरस्कार में किए गए बदलावों के बारे में बताया था। पीएम ने कहा कि शक्तिकरण आत्मनिर्भरता का ही एक रूप है। पीएम ने देश की तीन बहादुर महिलाओं भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी का जिक्र किया, जो फाइटर पायलट बनी हैं और सुखोई 30 में ट्रेनिंग ले रही हैं।

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