साल के शुरुआत में खबर आई थी की देश को पहली महिला फाइटर पायलट मिल गई। अब यह महिला फाइटर पायलट देश के सबसे बड़े वॉर एक्सरसाइज में शामिल होकर चीन और पाक्सितान के खिलाफ युद्ध का अभ्यास करेंगी। यह अभ्यास 8 अप्रैल से शुरू हो चुका है जो 22 अप्रैल तक चलेगा। इस वॉर एक्सरसाइज का नाम गगन शक्ति अभ्यास है।
15 दिन चलेगा यह अभ्यास
यह युद्धाभ्यास भारतीय वायुसेना का अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है जो बीते रविवार से शुरू हो चुका है। पाक सीमा, चीन सीमा समेत पूरे देश में वायु सेना के सभी ऑपरेशनल कमांड और उनके संसाधन झोंके जाएंगे। 15 दिन चलने वाले इस अभ्यास में पहली बार किसी महिला फायटर पायलट को शामिल किया गया है।
देश की तीनों महिला फाइटर पायलट शामिल
इस वॉर एक्सरसाइज में देश की तीनों महिला फाइटर पायलट अवनि चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह शामिल हुई हैं। फ्लाइंग ऑफिसर अवनि ‘मिग-21’ में अकेले उड़ान भरने का इतिहास रच चुकी हैं और उनके बाद यही उपलब्धि भावना हासिल कर चुकी हैं।
इस वॉर एक्सरसाइज में स्वदेशी फाइटर जेट तेजस को भी पहली बार हिस्सा बनाया गया है। इसमें 5 तेजस अपने समकक्ष मिग-21 लड़ाकू विमानों के साथ उड़ान भरने वाले हैं।
गगन शक्ति अभ्यास की खासियत
- इस युद्धाभ्यास में 1000 विमान शामिल हुए और 600 से ज्यादा फाइटर जेट शामिल हुए हैँ।
- एयरफोर्स के करीब एक हजार विमान इस अभ्यास में शामिल होंगे। इनमें 600 से ज्यादा फाइटर जेट, जैसे मिग-21, मिग-29, जैगुआर, मिराज, सुखोई-30 एमकेआई और तेजस शामिल हैं।
- इनके अलावा स्ट्रेटेजिक परिवहन विमान सी-17 ग्लोब मास्टर, सी-130 जे सुपर हर्क्यूलिस, अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर सी-17 वी5 और कई अनमैन्ड एयरक्राफ्ट भी इस वॉरगेम का हिस्सा होंगे।
वॉरगेम: चार हिस्सों में 15 दिन तक चलेगा अभ्यास
यह अभ्यास 15 दिन तक चलेगा जिसे चार हिस्सों में बांटा गया है।
रेड, ब्लू और व्हाइट फोर्स में बंटेगी वायुसेना
15 दिन तक पूरी वायुसेना रेड फोर्स, ब्लू फोर्स और व्हाइट फोर्स में बंट जाएगी। ब्लू फोर्स देश की रक्षा के लिए होगी, रेड फोर्स दुश्मन की मानी जाएगी और व्हाइट फोर्स रेफरी की भूमिका निभाएगी। इसी तरह देश को भी ‘अपने’ और दुश्मन के इलाके में बांटा जाएगा।
अटैक और काउंटर अटैक पर पैनी निगाह
अटैक और काउंटर अटैक को व्हाइट फोर्स रिकॉर्ड करेगी और सभी नतीजों को विश्लेषण के लिए दर्ज किया जाएगा। इन परिणामों से देखा जाएगा कि ब्लू फोर्स ने कितने कामयाब अटैक किए, दुश्मन के कितने ठिकाने तबाह किए और कितने विमानों को मार गिराया।
मिसाइल कहां वार करेगी, परखा जाएगा
इन सभी हमलों को ‘इलेक्ट्रॉनिक किल’ के जरिए रिकॉर्ड किया जाता है। यानी हमला बोलने का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड दर्ज होता है जिसमें यह पता चलता है कि जिस प्वाइंट से मिसाइल विमान से दागी गई, अगर असली में हमला होता तो वह कहां जाकर वार करती।
लद्दाख से अरुणाचल तक गरजेंगे फाइटर
खासतौर से पूर्वी सेक्टर (नॉर्थ ईस्ट) पर जोर रहेगा। लद्दाख से लेकर उत्तराखंड और अरुणाचल तक फाइटर गरजेंगे। सटीक बॉम्बिंग, सर्जिकल स्ट्राइक और नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर का अभ्यास होगा।
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