DSLR vs Normal Camera: नॉर्मल कैमरा से डीएसएलआर की पिक्चर क्वालिटी क्यों होती है इतनी अलग? जानें इन दोनों के बीच आखिर क्या है अंतर

DSLR कैमरा और नॉर्मल कैमरा में सबसे बड़ा अंतर इमेज क्वालिटी का होता है। अगर आप अच्छी क्वालिटी की फोटोग्राफी चाहते हैं, तो आपको डीएसएलआर कैमरे की जरूरत होती है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर नॉर्मल कैमरा इससे अलग कैसे हैं और इन दोनों के बीच के मुख्य अंतर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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फोटो क्वालिटी की जब भी बात होती है, तो DSLR का नाम सबसे पहले आता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नॉर्मल कैमरा और डीएसएलआर कैमरा की पिक्चर क्वालिटी में इतना अंतर क्यों होता है? DSLR कैमरा नॉर्मल कैमरे से बेहतर तस्वीरें कैसे लेता है? आखिर सभी डीएसएलआर से ही फोटोज क्यों क्लिक करवाना चाहते हैं? अगर आप इन सवालों के जवाब नहीं जानते हैं, तो चलिए जानते हैं दोनों के बीच मुख्य अंतर क्या है। साथ ही, यहां हमलोग समझेंगे कि कौन-सा कैमरा आपके लिए बेहतर हो सकता है।

DSLR कैमरा और नॉर्मल कैमरा में बड़ा अंतर क्या है?

CAmera and benefits

अगर आप हाई-क्वालिटी और प्रोफेशनल फोटोग्राफी चाहते हैं, तो DSLR एक बेहतरीन विकल्प है। लेकिन अगर आपको सिर्फ कैजुअल फोटोग्राफी करनी है, तो नॉर्मल कैमरा भी पर्याप्त हो सकता है। DSLR एक डिजिटल कैमरा है। इसके फुल फॉर्म Digital Single-Lens Reflex है। ये फ्लैप और रिफ्लेक्स मिरर के जरिए काम करता है जिसकी वजह से इसका नाम DSLR पड़ा है। वहीं, नॉर्मल कैमरा इजी टू पोर्टेबल होते हैं, जिन्हें इस्तेमाल करना भी बहुत आसान होता है। नॉर्मल कैमरा में आपको बडे़ लेंस या मिरर सिस्टम नहीं मिलता है।

लेंस और सेंसर का फर्क

DSLR कैमरा में बड़ा इमेज सेंसर होता है, जिससे ज्यादा लाइट कैप्चर होती है और इमेज की डिटेल्स बेहतरीन आती हैं।

नॉर्मल कैमरा (जैसे मोबाइल कैमरा या पॉइंट-एंड-शूट कैमरा) में छोटा सेंसर होता है, जिससे लो-लाइट फोटोग्राफी उतनी अच्छी नहीं होती है।

इमेज क्वालिटी और डीटेल्स

DSLR कैमरे की इमेज क्वालिटी बहुत शार्प और डीटेल्स से भरपूर होती है, क्योंकि इसमें बेहतर लेंस और मैन्युअल कंट्रोल मौजूद होते हैं।

नॉर्मल कैमरा में ऑटोमेटिक सेटिंग्स होती हैं, जिससे इमेज क्वालिटी उतनी हाई-डेफिनिशन नहीं होती है।

लेंस बदलने की सुविधा

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DSLR कैमरा में अलग-अलग लेंस बदलकर वाइड-एंगल, टेलीफोटो, मैक्रो और पोर्ट्रेट जैसी फोटोग्राफी कर सकते हैं।

नॉर्मल कैमरा में फिक्स्ड लेंस होते हैं, जिससे ज्यादा विकल्प नहीं मिलते हैं।

कंट्रोल और सेटिंग्स

DSLR कैमरे में ISO, शटर स्पीड, अपर्चर आदि को मैन्युअली कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे फोटोग्राफर अपनी जरूरत के अनुसार परफेक्ट फोटो क्लिक कर सकता है।

नॉर्मल कैमरा में ऑटो मोड ज्यादा होते हैं और मैन्युअल कंट्रोल कम मिलता है।

बैकग्राउंड ब्लर

DSLR कैमरा से खींची गई तस्वीरों में बैकग्राउंड ब्लर (बोकेह इफेक्ट) बहुत स्मूद और नेचुरल दिखता है।

नॉर्मल कैमरा में यह इफेक्ट सॉफ्टवेयर द्वारा दिया जाता है, जो उतना प्राकृतिक नहीं लगता है।

लो-लाइट फोटोग्राफी

DSLR कैमरा बड़े सेंसर और बेहतर अपर्चर के कारण कम रोशनी में भी शानदार तस्वीरें खींच सकता है।

नॉर्मल कैमरा लो-लाइट में ज्यादा नॉइज दिखाता है, जिससे फोटो की क्वालिटी कम हो जाती है।

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वीडियो क्वालिटी और स्टेबिलिटी

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DSLR कैमरा में हाई-रेजोल्यूशन वीडियो रिकॉर्डिंग, बैकग्राउंड ब्लर और बेहतर फ्रेम रेट मिलता है।

नॉर्मल कैमरा में वीडियो क्वालिटी एवरेज होती है और प्रोफेशनल लेवल की रिकॉर्डिंग नहीं हो पाती है।

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कौन-सा कैमरा आपके लिए सही है?

अगर आप प्रोफेशनल फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी करना चाहते हैं, तो DSLR कैमरा आपके लिए बेस्ट रहेगा।

अगर आपको सिर्फ बेसिक फोटो क्लिक करनी हैं और ज्यादा सेटिंग्स की जरूरत नहीं है, तो नॉर्मल कैमरा या स्मार्टफोन कैमरा भी अच्छा विकल्प हो सकता है।

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Image credit- Freepik


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