First Digital Court: इस राज्य में खुला देश का पहला डिजिटल कोर्ट, जानिए कैसे काम करेगी ये ऑनलाइन अदालत

केरल के कोल्लम में देश का पहला डिजिटल कोर्ट खोला गया है। आइए हम आपको बताते हैं कि ये डिजिटल अदालत कैसे काम करती है और यहां किन केसों की सुनवाई होती है।

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India's First Digital Court: भारत के दक्षिणी राज्य केरल के कोल्लम में देश का पहला डिजिटल कोर्ट का उद्घाटन हो गया है। आपको बता दें कि इसे नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) मामलों के निपटारे के लिए बनाया गया है। देश के इस पहले डिजिटल कोर्ट को 24/7 ON कोर्ट नाम दिया गया है। ऑनलाइन कोर्ट में मामलों की सुनवाई सितंबर 2024 से शुरू हो जाएगी। केरल के इस डिजिटल अदालत में शुरुआती फाइलिंग से लेकर आखिरी निर्णय और सुनवाई तक सब कुछ डिजिटल तरीके से ही किया जाएगा। चलिए अब हम आपको डिजिटल कोर्ट कार्य के बारे में विस्तार से बताते हैं।

डिजिटल कोर्ट में किन मामलों की होगी सुनवाई?

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देश के पहले डिजिटल कोर्ट ’24/7 ऑन (ओपन एंड नेटवर्क्ड) कोर्ट’ शुरुआत में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत मामलों की सुनवाई करेगी। जानकारी के लिए बता दें कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट प्रॉमिसरी नोट्स, एक्सचेंज बिल और चेक से संबंधित कानून हैं। डिजिटल कोर्ट पुलिस थानों और बैंकों को एक सिस्टम के जरिए जोड़कर चेक बाउंस मामलों पर फैसला सुनाएगा।

NI Act की धारा 138 के तहत चेक बाउंस होना एक अपराध है। उदाहरण के लिए अगर आप किसी को 30,000 रुपये का चेक देते हैं और सामने वाला व्यक्ति जब बैंक में उसे जमा करता है तो पता चलता है कि आपके बैंक खाते में उतनी रकम है ही नहीं। ऐसी स्थिति में चेक रिजेक्ट हो जाता है और इसे ही बैंक की भाषा में चेक बाउंस कहा जाता है। NI Act 1881 के अनुसार, ऐसा करना एक दंडनीय अपराध है। ऐसे में, दोषी साबित होने पर चेक की राशि का दोगुना जुर्माने का भुगतान या अधिकतम दो साल की कैद या फिर दोनों ही सदा हो सकती है।

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कैसे काम करेगा डिजिटल कोर्ट?

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केरल हाई कोर्ट के जस्टिस राजा विजयराघवन वी ने बताया कि टेक्नोलॉजी से कोर्ट को जोड़ने पर प्रोसेस आसान हो जाएगा। उन्होंने आगे यह भी बताया कि डिजिटल कोर्ट में एक स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम होगा, जिससे मामले की सुनवाई में देरी न हो और यह समय पर हो सके। वहीं, शिकायतकर्ता को उनके मामलों का रियल-टाइम स्टेटस भी दिखाया जाएगा। इसके अलावा, अदालत को बैंकों और पुलिस जैसे अहम संस्थानों से जोड़ा जाएगा, जिससे सूचनाओं का आदान-प्रदान आसान हो सकता है। शिकायतकर्ता, वकील और लोक अदालत के सदस्यों के बीच ऑनलाइन बातचीत और समझौते के लिए ‘वी-सॉल्व वर्चुअल सॉल्यूशन मेकर’ नाम का प्लेटफार्म बनाया गया है। बता दें, इस सिस्टम को केरल की न्यायपालिका ने विकसित किया है। देश की यह पहली डिजिटल अदालत अगले महीने शुरू होने के साथ ही इसके सारे सिस्टम भी चालू हो जाएंगे।

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Image credit- Freepik

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