IIT में लड़कों के मुकाबले लड़कियां ले रही हैं ज्यादा एडमिशन, मिल रहा है इन सीटों का फायदा

आज के समय में हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी पहचान बना रही हैं। हाल ही में आईआईटी में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या एडमिशन में अधिक हुई है। 

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आईआईटी में एडमिशन के लिए कई छात्र-छात्राएं तैयारी करते हैं लेकिन सिर्फ कुछ ही एडमिशन हासिल कर पाते हैं। आईआईटी के ज्यादातर कॉलेजों में लड़कों की संख्या अधिक देखने को मिलती है लेकिन हाल ही में आईआईटी में एडमिशन की संख्या लड़कों के मुकाबले लड़कियों की अधिक हो गई है पर ऐसा कैसे हुआ है इसके बारे में हम आपको बताएंगे।

कितनी अधिक हुई लड़कियों की संख्या?

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संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण के अनुसार बताया गया है कि साल 2022-23 के लिए प्रवेश समाप्त हो गए हैं और सुपरन्यूमरेरी सीटों की वजह से लड़कियों के एडमिशन लेने की संख्या बढ़ी है। इस साल 23 आईआईटी में 3310 सीटों पर लड़कियों ने एडमिशन लिया है और यह कुल सीटों की संख्या का 20 प्रतिशत है।

आपको बता दें कि इसमें छह राउंड भी शामिल हैं जो एडमिशन के समय संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण के द्वारा आयोजित किए जाते हैं। महिला सुपरन्यूमरेरी सीटों की योजना के पांच साल बाद लड़कियों की संख्या में इतनी अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है। आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 में लड़कियों की संख्या आईआईटी गुहाटी में सबसे अधिक बताई गई थी।

पहले कितनी थी लड़कियों की संख्या?

बात करें अगर साल 2016 की तो इस वर्ष में 847 सीटों पर यानी की सिर्फ 8 प्रतिशत सीटों पर लड़कियों ने आईआईटी में एडमिशन लिया था। आपको बता दें कि जब साल 2017 में महिला सुपरन्यूमरेरी सीट योजना की शुरुआत नहीं हुई थी तब केवल 995 के 9 प्रतिशत लड़कियों ने दाखिला आईआईटी में लिया लेकिन इन दो वर्षों के बाद साल 2018 में महिला सुपरन्यूमरेरी कोटा पेश किया गया था तब शैक्षणिक वर्ष 2018-19 में 885 सीटों पर 14 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन लिया था। इसके बाद धीरे-धीरे लड़कियों का एडमिशन आईटीआई में अधिक होने लगा।

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जानिए क्या होता है महिला सुपरन्यूमरेरी कोटा?

आपको बता दें कि साल 2018 में निदेशक टिमोथी गोंसाल्वेस की अध्यक्षता के अंतर्गत आईआईटी में एडमिशन के लिए महिला सुपरन्यूमरेरी कोटा शुरू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य पढ़ाई के क्षेत्र में जेंडर बैलेंस करना था। इस कोटा से लड़कियों के लिए अतिरिक्त सीटें बनाई गई। आपको बता दें कि इस योजना से किसी भी प्रकार से सीटों का आरक्षित नहीं किया गया था। जब यह कोटा बना उसके बाद साल दर साल धीरे-धीरे आईआईटी कॉलेज में लड़कियों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है।

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बढ़ते हुए आंकड़ों से यह साबित हो रहा है कि हर साल आईआईटी जैसे बड़े संस्थानों में प्रवेश लेकर लड़कियां अपने माता-पिता के साथ-साथ पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं। उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें आर्टिकल के नीचे आ रहे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।

image credit- freepik

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