आईआईटी में महिला छात्रों के लिए एक्सट्रा 779 सीट की होगी व्यवस्था

इस साल IIT गर्ल्स  स्टूडेंट्स के लिए बड़ी सौगात लेकर आया है। आईआईटी ने इस साल लड़कियों के लिए 779 सीटें रिजर्व कर दी हैं। सबसे ज्यादा सीटें आईआईटी खड़गपुर में है। 

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इस बार आईआईटी गर्ल्स स्टूडेंट के लिए बहुत बड़ी सौगात लेकर आया है। सरकार ने महिलाओं के विकास का वादा पूरा करते हुए वोट मांगा था जिसकी झलक आईआईटी के इस फैसले में मिलती है। आईआईटी ने इस साल महिलाओं के लिए 779 सीटें आरक्षित कर ली हैं। यह कदम इंजीनियरिंग में महिलाओं की घटती संख्या को बढ़ाने के लिए किया है।

महिलाओं के लिए आरक्षित हुई सीटें

लड़कों की तुलना में हर साल इंजीनियरिंग के कोर्स में लड़कियों का नामांकन कम होता है। इसी कम संख्या को अधिक करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने पूरे देश में लड़कियों के लिए 779 सीटें आरक्षित की हैं।

सरकार ने देश की बेटियों को इंजिनियर बनाने के लिए अहम फैसला लिया है। आईआईटी में महिलाओं की कम संख्या का रोना हमेशा से रोना रहा है। इसलिए आईआईटी में महिलाओँ की संख्या की कमी को दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सीट ऑफर की गई हैं।

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इस साल से बढ़ेंगी ये सीटें

सीटों में यह बढ़ोतरी इसी साल से देखने को मिलेगी। जुलाई 2018 से आईआईटी के नये बैच का नामांकन शुरू हो जाएगा। और इस नये बैच में ही 779 सीटें बढ़ाई जाएंगी।

23 आईआईटी को भेजा था सर्कुलर

इस महीने की शुरुआत में ही एचआरडी मिनिस्ट्री ने देश के सभी 23 आईआईटी को सर्कुलर भेजकर गर्ल्स स्टूडेंट की संख्‍या में बढ़ोतरी करने की सलाह दी थी। साथ में एचआरडी मिनिस्ट्री ने यह भी कहा था कि नए बैच में कम से कम 14 पर्सेंट सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए सुनिश्चित करनी चाहिए लेकिन इससे अन्य छात्रों के लिए उपलब्ध मौजूदा सीटों पर असर नहीं पड़ना चाहिए।

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14% की गई सीटें

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इस साल महिलाओं के लिए आईआईटी में 10 पर्सेंट सीटें से बढ़ाकर 14 पर्सेंट सीटें करने की पेशकश की गई थी। आईआईटी दिल्ली के चेयरमैन (जेईई -अडवांस्ड) आदित्य मित्तल ने बताया कि पिछले वर्ष आईआईटी में लगभग 10 पर्सेंट महिला छात्रों के अनुमान के अनुसार 2018 में इस संख्या को बढ़ाकर 14 पर्सेंट करने के लिए लगभग 550 अतिरिक्त सीटों की जरूरत होगी। अब इस मामले में महिलाओं के लिए संख्या अधिक कर दी गई है। आईआईटी और जेईई में महिलाओं के लिए संख्या बढ़ाकर 779 की गई है।

एक आंकड़े के अनुसार, 2013 में 9.3% लड़कियों ने एडमिशन लिया था। वहीं 2014 में केवल 8.8% लड़कियों का नामांकन हुआ था जो 2015 में बढ़कर 9.02% हो गई थी । 2016 में इसमें फिर से 1% की कमी हुई और कुल नामांकन सिर्फ 8.07% रहा। 2017 में कुल नामांकन केवल 9.1% था।

इस बार आईआईटी ने छात्राओं के लिए 779 सीटें रिजर्व कर महिलाओं का नामांकन 14% करने का फैसला किया है।

देश में आईआईटी के साथ ही अन्य इंजिनियरिंग इंस्टिट्यूट में भी छात्राओं की संख्या काफी कम है। अब देखना यह है कि ये आरक्षित सीटें छात्राओं के नामांकन में कितनी बढ़ोतरी करती है।

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