Career After PhD: सिर्फ प्रोफेसर-टीचर नहीं, पीएचडी के बाद इन फील्ड्स में भी बना सकती हैं करियर

पीएचडी के बाद अकैडमिक्स ही नहीं, बल्कि कई सरकारी, प्राइवेट और मल्टी नेशनल कंपनियों में भी करियर ऑप्शन एक्सप्लोर किए जा सकते हैं। आइए, यहां जानते हैं कि PhD के बाद किन-किन फील्ड्स के दरवाजे खुल जाते हैं।  
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पीएचडी एक ऐसी हायर एजुकेशन की डिग्री है, जिसे पूरा करने के लिए एक खास सबजेक्ट में रिसर्च और स्पेशलाइजेशन हासिल करना पड़ता है। यही वजह है कि पीएचडी करने वालों को लेकर एक आम धारणा बन गई है कि इस डिग्री के बाद टीचर या प्रोफेसर ही बना जा सकता है। लेकिन, डिजिटल और टेक्नोलॉजी के इस युग में पीएचडी करने वालों के लिए दायरा कई गुणा बढ़ गया है।

पीएचडी के बाद सरकारी से लेकर बड़ी प्राइवेट कंपनियों के दरवाजे खुल जाते हैं। अगर आप भी पीएचडी के बाद टीचिंग या प्रोफेसर नहीं बनना चाहती हैं, तो यहां अन्य करियर ऑप्शन्स के बारे में जान सकती हैं।

पीएचडी के बाद इन फील्ड्स में बना सकते हैं करियर

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पॉलिसी एनालिस्ट

इकोनॉमिक्स, पब्लिक पॉलिसी, सोशल साइंस, हेल्थ केयर और पर्यावरण विज्ञान जैसे विषयों की जानकारी रखने वाले पॉलिसी एनालिस्ट के तौर पर अपना करियर बना सकते हैं। एक पॉलिसी एनालिस्ट को डेटा, एनालिसिस, क्रिटिकल एवाल्यूएशन और सरकारी की पॉलिसी के पक्ष और विपक्ष पर भी विचार-विमर्श करना होता है।

पॉलिसी एनालिस्ट के तौर पर आप सरकारी एजेंसी, ग्लोबल एजेंसी और प्राइवेट रिसर्च संस्थानों में काम कर सकते हैं। जिसमें नीति आयोग, पर्यावरण मंत्रालय, UNDP और बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) जैसे अनेक शामिल हैं।

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रिसर्च साइंटिस्ट

किसी संस्थान के साथ जुड़कर आप अपनी रिसर्च पर काम जारी रख सकते हैं। रिसर्च साइंटिस्ट के लिए ज्यादातर करियर ऑप्शन्स अकैडमिक्स, हेल्थ, फार्मा, फूड इंडस्ट्री, कृषि और पर्यावरण रिसर्च के क्षेत्र में होते हैं। अगर आप साइंस फील्ड में पीएचडी हैं तो भारत में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO), इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) जैसे संस्थानों के साथ रिसर्च साइंटिस्ट के तौर पर जुड़ सकते हैं।

सीनियर डेवलपर

कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस, इंजीनियरिंग और आईटी डोमेन्स का बैकग्राउंड रखने वाले पीएचडी होल्डर्स अपना करियर सीनियर डेवलपर के तौर पर भी बना सकते हैं। डिजिटल और AI के युग में बड़ी टेक कंपनियों और टेक स्टार्टअप्स में हायर एजुकेशन और रिसर्च्स की डिमांड काफी बढ़ गई है।

डेटा साइंटिस्ट

भारत में यह रोल काफी तेजी से ग्रो कर रहा है। कंप्यूटर साइंस, स्टैटिक्स और मैथ्स में बैकग्राउंड रखने वाले पीएचडी प्रोफेशनल्स अपना करियर डेटा साइंटिस्ट के तौर पर भी बना सकते हैं। इस रोल के लिए कॉम्पलेक्स और बड़ा डेटा संभालना पड़ सकता है। साथ ही इस रोल के लिए रिसर्च, टेकनिकल और एनालिटिकल स्किल्स की जरूरत हो सकती है।

डेटा साइंटिस्ट लगभग सभी कंपनियों में काम करते हैं। टेक, फाइनेंस, हेल्थकेयर से लेकर ई-कॉमर्स सभी फील्ड्स में डेटा साइंटिस्ट के लिए रोल होते हैं।

कंसलटेंसी

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पीएचडी होल्डर्स टीचर या असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की जगह कंसलटेंसी भी शुरू कर करते हैं। इसमें हायर एजुकेशन में स्टूडेंट्स को क्या करना चाहिए और किन-किन फील्ड्स में करियर ऑप्शन हैं, यह बताया और सिखाया जा सकता है। आजकल कंसलटेंसी के लिए स्कूल, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में अलग से पोस्ट निकाली जाती है।

इसके अलावा आप सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में भी थिंट टैंक और कंसलटेंट के तौर पर काम कर सकते हैं।

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कमर्शियल सीनियर डायरेक्टर

बिजनेस, मार्केटिंग और सेल्स जैसे बैकग्राउंड के पीएचडी होल्डर्स अपना करियर एक कमर्शियल सीनियर डायरेक्टर के तौर पर भी बना सकते हैं। पीएचडी की डिग्री और अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करते हुए एक कंपनी के ग्रो करने में आप मदद कर सकते हैं।

कमर्शियल सीनियर डायरेक्टर की पोस्ट प्राइवेट से लेकर मल्टी नेशनल कंपनियों में निकाली जाती हैं।

लेखक और संपादक

अपनी रिसर्च और एनालिसिस के आधार पर आप अपना रिसर्च पेपर या किताब आदि लिख सकते हैं। आप इसी के साथ पब्लिश होने वाले पेपर्स का संपादन भी कर सकते हैं।

टेक्नोलॉजी और डिजिटल युग में पीएचडी कैंडिडेट्स सिर्फ टीचर और प्रोफेसरशिप में नहीं, बल्कि हर फील्ड में मौजूद हैं। लेकिन, किसी भी फील्ड में करियर बनाने से पहले स्किल्स, एजुकेशन के साथ स्पेशलाइजेशन भी होना जरूरी है।(पीएचडी में एडमिशन)

उदाहरण के तौर पर अगर आप बैंकिंग सेक्टर में काम करना चाहते हैं, तो फाइनेंस या कॉमर्स में पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए। इसी तरह से अन्य फील्ड्स के लिए भी स्पेशलाइज्ड डिग्री होनी चाहिए।

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Image Credit: Freepik

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