मिर्ची जानलेवा भी हो सकती है अगर वो मिर्ची दुनिया की सबसे तीखी मिर्च हो। क्या आप दुनिया की सबसे तीखी मिर्च के नाम जानती हैं। इंडिया से लेकर विदेशों तक ऐसी कई मिर्ची हैं जिसने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं यानि जिनके नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं। किस मिर्ची की क्या खासियत है और उनका क्या नाम है आइए आपको बताते हैं। मिर्ची खाने के फायदे तो आपको कई लोगों ने कई बार बताएं होंगे लेकिन दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची को यूं ही खा लेना जान गवाना है।
वैसे आपको ये भी बता दें कि मिर्ची कितनी तेज है इसे जानन के लिए स्कॉविल इकाई का इस्तेमाल किया जाता है। यानि मिर्ची की जितनी ज्यादा स्कॉविल इकाई होगी वो मिर्ची उतनी ही तीखी होगी।
ये तो सब जानते हैं कि मिर्च जितनी तीखी होती है उतनी ही अच्छी मानी जाती है। घर का खाना हो या किसी शादी -पार्टी के लिए खास खाना बना रहे हों मिर्ची के बिना खाने का स्वाद अधूरा है। मिर्ची खाने के फायदे है अगर आप कुछ मात्रा में तीखा खाएं लेकिन ज्यादा तीखा खाना जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए दुनिया की सबसे तीखी मिर्च को इस्तेमाल खाने के लिए नहीं बल्कि इसकी दवाईयां बनाने के लिए किया जाता है।
यूनाइटेड किंगडम में पाई जाने वाली ड्रेगन्स ब्रेथ नाम की मिर्च को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना जाता है। सबसे पहले इसकी खेती यूनाइटेड किंगडम के डेनबीशायर के सेंट आसाफ ने की थी। हम आपको ये तो बता चुके हैं कि किसी भी खाने वाले प्रोडक्ट के तीखेपन को स्कॉविल इकाई(Scoville Unit) के साथ मापा जाता है। ड्रेगन्स ब्रेथ का तीखापन 2.48 मिलियन स्कॉविल इकाई तक का होता है जो अभी तक सबसे तीखी माने जाने वाले कैरोलिना पेपर्स से लगभग 2.2 मिलियन अधिक है।
इंडिया की सबसे तीखी मिर्च असम में उगती है। असम की भूत जोलकिया को साल 2007 में दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची माना गया और इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया। भूत जोलोकिया इतनी तीखी मिर्च है कि इसे घोस्ट पेप्पर भी कहा जाता है। इस मिर्च को यू-मोरोक, लाल नागा औऱ नागा जोलोकिया के नाम से भी जाना जाता है। असम के अलावा इस मिर्च की खेती भारत के मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में भी की जाती है।
आपको बता दें कि साल 2007 में भूत जोलकिया का नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल जरुर हुआ लेकिन साल 2011 में इंफिनिटी चिली (Infinity Chilli) और फिर साल 2012 में नागा वाइपर नाम की मिर्च को गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के अनुसार सबसे ज्यादा तीखा माना गया था। हर साल ये टाइटल बदलता है। जैसे ही कोई उससे तीखी मिर्ची का अविष्कार होता है उसे पिछली मिर्च के स्कॉविल इकाई से तुलना करके देखा जाता है।
साल 2013 में कैरोलिना रीपर (Carolina Reaper) को तीखेपन के मामले में गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स बुक में जगह मिली थी। भारत की सबसे तीखी मिर्च भूट जोकोलिया को मसालों के साथ औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग सुअर के मांस और सूखी मछली को अधिक समय तक सुरक्षित बनाए रखने के लिए भी किया जाता है। उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों में हाथियों के हमलों से बचने के लिए घरों की दीवारों पर इस मिर्च का लेप लगाया जाता है और साथ ही धुआं बम बनाने में भी इस मिर्च का उपयोग किया जा सकता है।
नागा वाइपर बहुत ही तीखे मिर्चियों का हायब्रिड मिर्च है और इसकी खेती केवल युनाइटेड किंगडम में ही होती है। इसकी उपज अनस्टेबल है जिसका मतलब यह है कि इसके ऑफस्प्रिंग असली मिर्च की तरह नहीं होता और हर मिर्च एक दूसरे से अलग है।
सेवेन पॉट हैबानेरो का रंग चॉकलेट जैसा होता है इसलिये इसे चॉकलेट 7 या चॉकलेट डुगलाह भी कहा जाता है। सेवेन पॉट हैबानेरो नाम इसे इसलिये दिया गया है क्योंकि एक ही मिर्च 7 बड़े फैमिली साइज स्ट्यु के बर्तन को अधिक तीखा बना सकता है।
ट्रिनिडैड बच स्कॉरपियन ट्रिनिडैड का करिबियन द्वीप पर पाई जाने वाली सबसे तीखी मिर्च में से एक है। यह द्वीप कई तरह के तीखी मिर्चियों के लिये जाना जाता है। स्कॉरपियनपेप्पर्स् को यह नाम इसलिये मिला है क्योंकि इसमें स्कॉरपियन स्टिंगर की तरह नुकीला टेल होता है और इसे बच इसलिये कहा जाता है क्योंकि यह इसके कल्टिवेटर का नाम है बच टेलर। यह नारंगी-लाल रंग वाली सुंदर मिर्च की स्किन मुलायम होती है पर इसे खाने वाले को अपनी रक्षा खुद ही करनी पड़ती है।
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