herzindagi
why some trains have two engines know high altitude railway lines

ट्रेनों में डबल इंजन क्यों लगाए जाते हैं? ऊंचाई पर चलने वाली इन रेलवे लाइन के बारे में नहीं जानती होंगी आप

2 इंजन वाली ट्रेनों पर अगर आप ध्यान हीं देंगे, तो इसमें आपको ज्यादा फर्क नजर नहीं आएगा। क्योंकि, इन ट्रेनों के कोच और रंग भी अन्य की ट्रेनों की तरह ही होते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-12-06, 15:47 IST

अगर आप ट्रेन से यात्रा करती हैं, तो आपने ट्रेन में ऐसी कई चीजें देखी होंगी, जिसके बारे में आपको समझ नहीं आता होगा। जैसे ट्रेन के आगे एक इंजन होता है और कई बार पीछे भी एक और इंजन जुड़ा दिखाई देता है। ट्रेन में सुविधाएं बहुत सोच-समझकर बनाई जाती हैं। ऐसी ट्रेनें खास रूट पर चलाने के लिए होती है। हर रूट के हिसाब से ट्रेनों का डिजाइन तय किया जाता है। अगर ट्रेन धरती की अंदर चलती है, तो उसका डिजाइन अलग होगा। अगर ट्रेन ऊंचाई पर चलेगी, तो उसे भी अलग तरह से डिजाइन किया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ट्रेन में आगे-पीछे 2 इंजन क्यों लगाए जाते हैं और ऊंचाई पर चलने वाली ट्रेन के रेलवे लाइनों में क्या खास होता है।

ट्रेन में 2 इंजन क्यों लगाए जाते हैं?

जिन ट्रेनों में 2 इंजन लगे होते हैं, उन्हें मल्टीपल यूनिट ऑपरेशन कहा जाता है। यह ट्रेन ज्यादा वजन लेकर चलने के लिए होती हैं। मालगाड़ियां और भारी लोड खींचने वाली विशेष ट्रेनों में डबल इंजन लगता है। लंबे सफर की सुपरफास्ट ट्रेनें में भी डबल इंजन देखने को मिल जाते हैं। ट्रेन में 2 इंजन लगे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि ट्रेन को 2 लोग चलाएंगी। 2 इंजन का कंट्रोल एक ही व्यक्ति के हाथ में होता है। इसके लिए 2 लोगों की जरूरत नहीं होती। 2 इंजन को अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है, जिसमें लीड इंजन और दूसरे को ट्रेन इंजन के नाम से बुलाते हैं।

  • कोयला, सीमेंट या तेल से भरी मालगाड़ियों का वजन बहुत ज्यादा होता है। 1 इंजन से इन ट्रेनों का खींचा नहीं जा सकता। इसलिए, इनमें 2 इंजन लगाए जाते हैं।

इसे भी पढ़ें- रेलवे का सख्त नियम, इस समय से पहले मिडल बर्थ खोली; तो हो सकती है कार्रवाई

why some trains have two engines know high altitude railway lines 2

ऊंचाई पर चलने वाली रेलवे लाइन

ऊंचाई पर चलने वाली ट्रेनों को भी 2 इंजन की जरूरत होती है, क्योंकि ट्रेन पर जोर ज्यादा पड़ता है। इतने सारे डिब्बे का वजन एक इंजन से खींचना मुश्किल होता है, इसलिए 2 इंजन लगाए जाते हैं।

  • कालका-शिमला रेलवे, हिमाचल प्रदेश- लगभग 96.6 किलोमीटर दूरी तय करती है।
  • दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे- न्यू जलपाईगुड़ी से लेकर दार्जिलिंग तक जाती है।
  • नीलगिरि पर्वतीय रेलवे- मेट्टुपालयम से ऊटी तक जाती है।

इसे भी पढ़ें- IRCTC Honeymoon Tour Packages: रेलवे की तरफ से लाइव हो गया है दिसंबर हनीमून टूर पैकेज, जानें कितने बजट में कहां-कहां घूम सकते हैं कपल्स

why some trains have two engines know high altitude railway lines 3

हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
IMAGE CREDIT- Freepik, irctc

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।