Kuldiha Wildlife Sanctuary: ओडिशा देश का एक खूबसूरत राज्य होने के साथ-साथ एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र भी माना जाता है। खासकर, यहां स्थित जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
बंगाल की खाड़ी के बाद में होने के चलते ओडिशा कई झील और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए ही जाना जाता है। इस राज्य में ऐसे कई वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी मौजूद हैं, जो हर साल लाखों देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
ओडिशा में मौजूद कुलडीहा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी भी एक ऐसा सैंक्चुअरी है, जो हर साल लाखों सैलानियों को आकर्षित करता है। इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं माना जाता है।
इस आर्टिकल में हम आपको कुलडीहा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां घूमने के बाद आप अन्य कई चर्चित सैंक्चुअरी को भूल जाएंगे।
सबसे पहले आपको यह बता दें कि कुलडीहा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी किस शहर या जिले में मौजूद है। यह चर्चित सैंक्चुअरी ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित है। यह सैंक्चुअरी सुखुपाड़ा और नाटो पहाड़ी श्रृंखलाओं के माध्यम से सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान से भी जुड़ा हुआ है।
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कुलडीहा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी असंख्य जीव-जंतुओं का घर माना जाता है। यहां हजार किस्म से भी अधिक जीव-जंतु पाए जाते हैं। हालांकि, यह सैंक्चुअरी मुख्य रूप से बंगाल टाइगर, तेंदुआ, भारतीय जंगली कुत्ता, लकड़बग्घा और भारतीय बाइसन जैसे जानवरों के लिए माना जाता है। (ओडिशा में घूमने की बेस्ट जगहें)
कुलडीहा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी पक्षियों का भी घर माना जाता है। यहां एशियाई ओपनबिल सारस और काली गर्दन वाले सारस जैसी कई प्रवासी पक्षियों को भी देखा जा सकता है।
कुलडीहा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में कई दुर्लभ पेड़-पौधे भी देखे जा सकते हैं। इसके अलावा इस सैंक्चुअरी में जड़ी-बूटियों की कई प्रजातियों को भी करीब से देख सकते हैं।
कुलडीहा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी सैलानियों के लिए बेहद ही खास माना जाता है। खासकर, जो लोग प्रकृति से प्रेम करने उनके लिए यह सैंक्चुअरी हसीन जन्नत का काम करता है। यहां का वातावरण और हरियाली सैलानियों को सबसे अधिक आकर्षित करती है।
कुलडीहा सैंक्चुअरी सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि एडवेंचर एक्टिविटी के लिए भी जाना जाता है। यहां कई पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं। यह सैंक्चुअरी ट्रेकिंग, हाईकिंग और कैम्पिंग के लिए भी जाना जाता है। इस सैंक्चुअरी को बर्ड वॉचिंग के लिए जन्नत भी माना जाता है।
कुलडीहा सैंक्चुअरी को एक्सप्लोर करने आप साल के किसी भी महीने में जा सकते हैं, लेकिन अगर बेस्ट समय की बात हो तो अक्टूबर और मार्च के बीच समय माना जाता है।
अक्टूबर और मार्च के समय में यहां का मौसम एकदम सुहावना होता है और इस समय पर्यटक भी अधिक संख्या में घूमने के लिए पहुंचते हैं। इस समय वन्यजीवों को देखने की संभावना अधिक होती है।
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कुलडीहा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप ओडिशा के लगभग हर समय से पहुंच सकते हैं। इसके लिए आप ओडिशा के बालासोर शहर में पहुंचकर लोकल टैक्सी या कैब लेकर कुलडीहा सैंक्चुअरी पहुंच सकते हैं। (बालासोर में घूमने की जगहें)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से बालासोर की दूरी करीब 196 किमी है। इसके अलावा ओडिशा के पुरी से 215 और कट्क से 173 किमी की दूरी पर है।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि बालासोर शहर पश्चिम बंगाल के दीघा से महज 93 किमी की दूरी मौजूद है। ऐसे में आप दीघा पहुंचकर भी कुलडीहा सैंक्चुअरी पहुंच सकते हैं।
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