मध्य प्रदेश को भारत का दिल जाता है क्योंकि, यह देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। यह एक ऐसा राज्य है जिसकी संस्कृति और परंपराओं का समृद्ध इतिहास भारत के लिए बेहद खास है। इस राज्य में मौजूद वाइल्ड लाइफ, ऐतिहासिक स्थल, फोर्ट्स आदि देखने और घूमने के लिए हर साल लाखों की तादाद में यहां लोग आते हैं।
मध्य प्रदेश के इन्हीं ऐतिहासिक फोर्ट्स में से एक है 'रायसेन का किला'। प्रारंभिक मध्य काल में निर्मित इस फोर्ट और इसके आसपास की जगहों पर घूमने के लिए हर महीने हजारों पर्यटक आते रहते हैं। इस लेख में रायसेन किले के बारे में पढ़ने के बाद यक़ीनन आप जब भी मध्य प्रदेश घूमने के निकलेंगे तो यहां ज़रूर पहुंचेंगे क्योंकि, आज हम आपको इस अद्भुत फोर्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
रायसेन फोर्ट के इतिहास पर नज़र डालें तो बहुत कम ही जिक्र मिलता है कि इस किला का निर्माण कब हुआ था। कोई प्रमाणिक पुष्टि नहीं होने की वजह से किले में मौजूद शिलालेखों और विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार इसका निर्माण 11वीं शताब्दी के आसपास हुआ था। हालांकि, कई लोगों का यह भी मानना है कि गोंडवाना के सल्लम यानी सलाम वंश के शासकों द्वारा इस फोर्ट को बनवाया गया था।
समय के अनुसार रायसेन फोर्ट पर कई शाशकों का आधिपत्य रहा है। कहा जाता है कि लगभग 16वीं शताब्दी तक यह किला मुग़ल और भोपाल के नवाबों के भी अधीन रहा है। इस फोर्ट पर कब्ज़ा करने के लिए शेर शाह सूरी ने कई बार कोशिश की थी लेकिन, वह हर बार विफल रहा था।
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इस किले को लेकर आज भी कई रहस्यमयी कहानियां हैं। किवदंतीयों की माने तो यह किला कई रहस्य को दफ़न किए हुए हैं। (चंदेरी फोर्ट) किंवदंती के अनुसार कुछ लोगों का कहना है कि 'फोर्ट के निचले हिस्से में आज भी पारस पत्थर है और इसकी रखवाली इंसान नहीं बल्कि, जिन करते हैं'। इस फोर्ट को लेकर ये भी धारणा है कि रात के समय किले से अजीबो-गरीब आवाजें आती रहती हैं।
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वैसे तो इस ऐतिहासिक स्थल पर दोस्तों और परिवार के साथ घूमने का एक अलग ही मज़ा है क्योंकी, मध्य प्रदेश से लगभग 45 किलोमीटर दूर यह फोर्ट और इसके आसपास की जगह फैमिली डेस्टिनेशन के रूप में भी फेमस है। अगर बात करें इस किले में घूमने के समय के बारे में तो यहां सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 पांच बजे के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। इस फोर्ट में घूमने के लिए किसी भी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।
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इस फोर्ट के आसपास घूमने के लिए भी सैलानी आते रहते हैं। इस फोर्ट के आसपास घूमने के लिए एक से एक बेहतरीन जगहें हैं। जैसे- भीम बैठिका, बरना डैम, उदयगिरि गुफा आदि कई खूबसूरत जगहें मौजूद हैं। रायसेन से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ऐतिहासिक स्थल सांची स्तूप भी घूमने के लिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि रायसेन में घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून का माना जाता है।
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