सावन में लोग भोले बाबा के दर्शन के लिए किसी खास मंदिर में जाने का प्लान बनाते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि माना जाता है कि इस पर्व में बाबा सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सावन का पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है, लोग हर साल इसका इंतजार बेसब्री से करते हैं।
अगर आप भी इस सावन में भोलेनाथ के दर्शन के लिए ऐसा मंदिर ढूंढ रहे हैं, जिसका इतिहास वर्षों पुराना हो, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको हरियाणा में स्थित ऐसे ही एक मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
हरियाणा में कहां स्थित है भोलेनाथ का सबसे खास मंदिर?
हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका में स्थित गांव गहबर में नल्हड़ महादेव नाम से एक मंदिर है। इस मंदिर को चमत्कारी माना जाता है। इस मंदिर से जुड़े कई तरह के रहस्यों का खुलासा आज तक नहीं हो पाया है। यह मंदिर नूंह शहर से मात्र 3 किमी की दूरी पर है।
आप अपनी कार या बाइक से आ सकते हैं। अगर आपके पास अपना कोई परिवहन साधन नहीं है, तो आप ऑटो भी बुक कर सकते हैं। इस जगह को इसलिए भी खास माना जाता है, क्योंकि यहां हजारों साल पुराने शिवलिंग पाए गए थे। यह हरियाणा की फेमस जगह में से एक है।
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कैसे पहुंचे हरियाणा के नल्हड़ महादेव मंदिर?
मंदिर तक पहुंचने से पहले आपको एक बड़े मुख्य द्वार से गुजरना होगा। इस दरवाजे की खूबसूरती इस इलाके को और भी ज्यादा सुंदर बनाती है। यह मंदिर अरावली पर्वत की वादियों में स्थित है, इसलिए सावन में जब बारिश होती है, तो यह जगह और भी ज्यादा पावन लगती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आप नूंह बस स्टेशन से ऑटो ले सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने का रास्ता साफ और सुंदर है, इसलिए आप यहां कभी भी आ सकते हैं।
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नल्हड़ महादेव मंदिर को क्यों कहा जाता है चमत्कारी
यहां मंदिर में एक कदम का पेड़ है, जिसे जादुई माना जाता है। लोगों का मानना है कि इस कदम के पेड़ से हमेशा पानी निकलता रहता है। इस पेड़ का पानी अरावली पर्वत में जहां-जहां जाता है, वहां पूरे साल हरियाली नजर आती है। इस कदम के पेड़ को देखने के लिए आपको करीब 287 सीढ़ियां चढ़नी होगी।
मंदिर को लेकर तरह-तरह का कहानियां प्रचलित है। माना जाता है कि कृष्ण भगवान ने कौरवों और पांडवों का समझौता कराने के लिए इस जगह को चुना था। इसलिए इस मंदिर को महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है।
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