does the priest of shiv temple get his next birth as a dog

क्या वाकई शिव मंदिर के पुजारी को मिलता है कुत्ते के रूप में अगला जन्म?

ऐसा माना जाता है कि इस धरती पर अगर किसी को सबसे ज्यादा पुण्य मिलता है तो वह मंदिर में सेवा करने वाले पुजारी होते होंगे क्योंकि वह चौबीसों घंटे भगवान की सेवा में लगे रहते हैं, लेकिन शिव मंदिर के पुजारियों के लिए ऐसा नहीं है।
Editorial
Updated:- 2025-10-02, 10:01 IST

हर मंदिर में पुजारी होते हैं जो मंदिर में स्थापित देवी-देवता की पूजा करते हैं, उनकी सेवा करते हैं और उनका ध्यान रखते हैं। ऐसे में देखा जाए तो सामान्य रूप से ऐसा माना जाता है कि इस धरती पर अगर किसी को सबसे ज्यादा पुण्य मिलता है तो वह मंदिर में सेवा करने वाले पुजारी होते होंगे क्योंकि वह चौबीसों घंटे भगवान की सेवा में लगे रहते हैं, लेकिन शिव मंदिर के पुजारियों के लिए ऐसा कहते हैं कि इनका अगला जन्म एक कुत्ते के रूप में होना तय है। यानी कि अगर कोई इस जन्म में शिव मंदिर का पुजारी है तो उनका अगला जन्म कुत्ते के रूप में होगा। ऐसा क्यों है, आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

क्या अगले जन्म में शिव मंदिर के पुजारी बनेंगे श्वान?

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, यह सच है कि जिस भी व्यक्ति को शिव मंदिर में पुजारी का कार्य मिलता है वह अगले जन्म में कुत्ते के रूप में वापस पृथ्वी पर लौटकर आता है। ऐसा सिलिये क्योंकि इसके पीछे एक पौराणिक कथा छिप्पी हुई है।

kyo agle janm mein kutta ke roop mein janm lete hain shiv mandir ke pujari

कथा के अनुसार, एक बार के ब्राह्मण भिक्षा मांगने के लिए घर से निकले और 5 घरों में उन्होंने भिक्षा मांगी, लेकिन उन्हें कहीं से भी उस दिन भोजन प्राप्त नहीं हुआ। ऐसे में ब्राह्मण गुस्से में घर लौटने लगे और इसी बीच रास्ते में उन्हें शिव मंदिर दिखा।

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पहले तो ब्राह्मण ने गुस्से में शिव मंदिर के द्वार पर खड़े होकर शिव जी पर गुस्सा किया और फिर बाद में शिव मंदिर के बाहर बैठे कुत्ते को गुस्से में डंडे से बहुत मारा। इसके बाद ब्राह्मण तो घर चले गए मगर कुत्ते ने शिव जी को घायल अवस्था में पुकारा।

शिव जी प्रकट हुए और कुत्ते के घावों को ठीक कर दिया। मगर ब्राह्मण के इस व्यवहार से शिव जी बहुत क्रोधित हुए। उन्होंने यह श्राप दिया कि अब से शिव मंदिर में जो भी पुजारी होगा उसका अगला जन्म कुत्ते के रूप में होगा और उसे भी ऐसा कष्ट सहना पड़ेगा।

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असल में ब्राह्मण भी शिव मंदिर का पुजारी ही था जिसके चलते उसका अपराध और भी गहरा हो गया। तब से आज तक भी ऐसा माना जाता है कि शिव मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी अगले जन्म में श्वान बनते हैं। इस बात का उल्लेख प्रेमानंद महाराज जी ने भी किया है।

kyo agle janm mein kutta bante hain shiv mandir ke pujari

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FAQ
शिव मंदिर में क्या दान करना चाहिए?
शिव मंदर में चांदी का दान करना चाहिए। चांदी का नाग भी दान किया जा सकता है।
शिव मंदिर की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए? 
शिव मंदिर की 3, लेकिन शिवलिंग की आधी परिक्रमा लगानी चाहिए। 
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