हमारे देश में कई भव्य और ऐतिहासिक स्मारक हैं। हर स्मारक की अपनी एक अलग पहचान हैं , इनके जटिल डिजाइन और संरचनाएं देख हर कोई हैरान हो जाता है। देश विदेश से लोग भारत के इन ऐतिहासिक स्मारकों को देखने के लिए आते हैं। लेकिन इन ऐतिहासिक स्मारकों के बनने की कहानियां हर किसी को अचंभित कर देती हैं। भारत में ऐसे कई स्मारक हैं जिनके पीछे कई राज छिपे हैं जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए। ऐसे में आज हम आपके लिए भारत के कुछ स्मारकों से जुड़ी रहसम्य तथ्यों के बारे में बताएंगे। चलिए जानते हैं इनके बारे में।
विक्टोरिया मेमोरियल
कोलकाता में बसा यह मेमोरियल दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि विक्टोरियल मेमोरियल को बनाने का विचार ताजमहल को देखकर आया था। बता दें कि ब्रिटिश सेना ताजमहल से काफी प्रभावित थी और वे हमेशा यही बात करते थे कि यह कितना सुंदर और भव्य है। इसके बाद ही महारानी विक्टोरिया ने अपने सेनापति को यह आदेश दिया कि वह उनके लिए और उनके नाम पर एक ऐसा ही स्मारक बनाएं। लेकिन इस मेमोरियल के निर्माण में काफी राजस्व खर्च हो रहा था , ऐसे में ब्रिटिश सेना ने इस मेमोरियल का आकार छोटा कर दिया था। लेकिन वह रानी को खुश करना चाहते थे तो उन्होनें सोचा क्यों न इस मेमोरियल के चारों ओर विशाल बगीचा बनाया जाए।
सांची का स्तूप
यह स्तूप मध्य प्रदेश में स्थित है और यह पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र भी है। जितना खास यह स्मारक है उतनी ही दिलचस्प इसके पीछे का इतिहास भी है। बता दें कि यह वह जगह हैं जहां सम्राट अशोक ने हिंसा को त्याग बौद्ध धर्म की ओर रुख किया था। हालांकि, वास्तव में इस बारे में कोई नहीं जानता और न ही इसके कोई सबूत हैं कि सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म क्यों अपनाया। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि सम्राट अशोक युद्ध के दौरान भगवान बुद्ध से मिलने गए थे,जिसके बाद भगवान बुद्ध ने अशोक सम्राट को यह समझाया था कि महानता रक्तपात से नहीं बल्कि प्रेम का प्रचार करने से प्राप्त होती है।
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फतेहपुर सीकरी
फतेहपुर सीकरी उत्तरप्रदेश में स्थित है और यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। देश-विदेश से लोग यहां की खूबसूरती देखने आते हैं। फतेहपुर सीकरी को 1571 में अकबर द्वारा बनवाया गया था। इसके केंद्र में लाल बलुआ पत्थर की इमारतें हैं। बुलंद दरवाजा गेट जामा मस्जिद मस्जिद का प्रवेश द्वार है। पास ही में सलीम चिश्ती का संगमरमर का मकबरा है। दीवान-ए-खास हॉल में एक नक्काशीदार केंद्रीय स्तंभ है। लेकिन इस सीकरी के लिए ऐसा कहा जाता है कि अकबर एक छोटा सा शहर चाहते थें जहां केवल उनका परिवार रह सकें और वहां केवल रईस लोग घूमने आए। इसके साथ ही वह चाहते थे कि उनकी रानियां महल के भीतर ही रहें और वह आराम से वहां घूम सकें।
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गोल गुम्बज
गोल गु्म्बज कर्नाटक के बीजापुर शहर में स्थित है। कर्नाटक के लोग इस स्मारक को ताज महल के समान भी मानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि जब यह किला बना था , तब उस समय के राजा मोहम्मद आदिल शाह और उनकी प्रेमिका इसी स्मारक में आराम करते थे। साथ ही इस मकबरे को बनने में 30 साल लग गए थे। इसके अलावा इस मकबरे की अनोखी बात यह है कि इसमें कई खोखली दीवारें हैं जिन्हें विस्परिंग गैलरी के नाम से भी जाना जाता है। यही नहीं बल्कि आज तक स्मारक की इन खोखली दीवार में कोई भी प्रवेश नहीं कर पाया है। साथ ही कहा जाता है कि इसके निर्माण की असली कहानी अभी भी रहस्मय है।
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