हिन्दू धर्म में भगवान श्री राम को लोग पूजते हैं। वह एक ऐसे महापुरूष थे, जिन्होंने अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए 14 वर्ष के लिए वनवास काटा था और उनकी माता कौशल्या उन्हें बहुत अधिक प्रेम करती थी। यूं तो भगवान श्री राम के जीवन के बारे में लोगों को पता ही है, लेकिन क्या आप उनके ननिहाल के बारे में जानते हैं। शायद नहीं। तो चलिए हम आपको बता दें कि भारत के छत्तीसगढ़ राज्य को भगवान राम का ननिहाल माना जाता है, क्योंकि यहां पर उनकी माता कौशल्या का जन्म हुआ था।
इतना ही नहीं, छत्तीसगढ़ के रायपुर के करीब चंदखुरी में कौशल्या माता का एक मंदिर भी है। यह अपनी तरह का एकमात्र मंदिर है, जो भगवान राम की मां को समर्पित है। माता कौशल्या का मंदिर सिर्फ देशभर में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अकेला मंदिर है। यहां पर आप भगवान श्रीराम के बाल्य रूप के भी दर्शन कर सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको छत्तीसगढ़ में स्थित इस माता कौशल्या मंदिर के बारे में बता रहे हैं-
यह मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर से लगभग 22 किमी से 27 किमी दूर चंदखुरी में स्थित है। यह मंदिर चंदखुरी गांव से घिरी एक झील के बीच में स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए हनुमान पुल नामक पुल को पार किया जाता है, जिसके ऊपर हनुमान की मूर्ति है।
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यह मंदिर कई मायनों में खास है। सबसे पहले तो छत्तीसगढ़ राज्य में माता कौशल्या का जन्म हुआ था और भगवान श्रीराम के जीवन का एक लंबा समय यहां पर बीता था। उन्होंनें ना केवल अपने बचपन के दिन इस राज्य में बिताए थे, बल्कि वनवास के दौरान भी लगभग 10 वर्ष यहां पर बीते थे।
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ऐसे में इस राज्य में भगवान श्रीराम (भगवान राम की मृत्यु से जुड़े रोचक तथ्य) के पदचिन्ह जगह-जगह पर नजर आते हैं। वहीं, अगर बात मंदिर की विशेषता की हो तो इस मंदिर में भगवान श्री राम को गोद में लिए माता कौशल्या की मूर्ति है। आमतौर पर, भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल के दर्शन तो कई जगहों पर नजर आते हैं, लेकिन भगवान राम के बाल्यकाल को दर्शाने वाला यह एकमात्र मंदिर है।
माता कौशल्या मंदिर बेहद ही प्राचीन है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में सोमवंशी राजाओं द्वारा करवाया गया था। मंदिर को कई बार क्षतिग्रस्त और पुनर्निर्मित किया गया था। 1973 में, मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।
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छत्तीसगढ़ राज्य ने भगवान श्रीराम के जीवन की झलकियों को दर्शाने के लिए रामवनगमन पथ प्रोजेक्ट लॉन्च किया, जो राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देगा। इस प्रोजेक्ट के तहत राम के वनवास काल से संबंधित 75 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें अब एक नए पर्यटन सर्किट के रुप में आपस में जोड़ा जा रहा है। जिसके कारण हर यात्री वनवास काल के दौरान भगवान श्री राम (भगवान राम के मंत्र जाप) के जीवन को करीब से देख व समझ पाएगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत इस मंदिर का भी सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। हालांकि, सौंदर्यीकरण के दौरान मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत् रखा जाएगा और मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसे भव्य रूप दिया जाएगा।
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Image Credit- wikimedia, esakal, youtube
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