How to reach kalpeshwar temple: सनातन काल से हिन्दू समाज में पंच केदार मंदिरों का दर्शन बेहद ही शुभ और पूर्ण का काम माना जाता रहा है। इसलिए हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ, तुंगनाथ, मध्यमहेश्वर, रुद्रनाथ और कल्पेश्वर मंदिर के दर्शन करने पहुंचते हैं।
कल्पेश्वर मंदिर पंच केदार मंदिरों में से एक है, जिसे अंतिम पंच केदार मंदिर माना जाता है। कल्पेश्वर मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से पहुंचता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको अन्य पंच केदार मंदिरों की तरह आज यह बताने जा रहे हैं कि कैसे आप कल्पेश्वर मंदिर पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, इस ट्रिप में आप कुछ अन्य बेहतरीन जगहों को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
कल्पेश्वर मंदिर उत्तराखंड में कहां है? (Where Is Kalpeshwar Temple)
कल्पेश्वर मंदिर तक पहुंचने के बारे में जानने से पहले आपको बता दें कि यह मंदिर उत्तरखंड के चमोली जिले में पड़ता है। यह प्रसिद्ध मंदिर चमोली के हेलांग गांव से करीब 30 किमी की दूरी पर स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 2 हजार से अधिक मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
भगवान शिव को समर्पित है और पंच केदारों में शामिल पांचवां स्थान रखने वाला कल्पेश्वर मंदिर, लाखों भक्तों के लिए एक पवित्र और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। जब केदारनाथ मंदिर का कपाट खुलता है, तब इस मंदिर का दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।
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कल्पेश्वर मंदिर कैसे पहुंचें? (How to reach kalpeshwar temple)
देश के किसी भी कोने से कल्पेश्वर मंदिर पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको सबसे पहले हरिद्वार रेलवे स्टेशन आना होगा। हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप टैक्सी या रिक्सा लेकर हरिद्वार बस स्टैंड पहुंच जाए।
हरिद्वार बस स्टैंड से हेलांग के लिए उत्तराखंड रोडवेज बस पकड़ लीजिए जो करीब 243 किमी है। हेलांग गांव पहुंचने के बाद आपको लोकल टैक्सी या अन्य गाड़ी लेकर उर्गम तक पहुंचना होगा। उर्गम से आप कल्पेश्वर मंदिर के लिए ट्रेकिंग कर सकते हैं, जो महज 2 किमी है।
- नोट: आप चाहें तो हेलांग गांव में रात को स्टे भी कर सकते हैं और अगले दिन सुबह-सुबह टैक्सी लेकर उर्गम और उर्गम से कल्पेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए निकल सकते हैं।
- नोट: आप ऋषिकेश से भी उत्तराखंड रोडवेज बस लेकर हेलांग और फिर हेलांग से कल्पेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए निकल सकते हैं। ऋषिकेश से कल्पेश्वर मंदिर की दूरी करीब 255 किमी है।
देवप्रयाग
हरिद्वार से जब कल्पेश्वर मंदिर के लिए निकलते हैं, तो सबसे प्रमुख और चर्चित धार्मिक स्थल, देवप्रयाग पड़ता है। देवप्रयाग को हरिद्वार-कल्पेश्वर मंदिर रोड ट्रिप का पहला पड़ाव भी माना जाता है। देवप्रयाग में ही अलकनंदा और भागीरथी नदी का संगम होता है, जहां से नदी गंगा निकलती है।
श्रीनगर
उत्तराखंड की हसीन वादियों में स्थित श्रीनगर अपनी खूबसूरती के साथ-साथ धार्मिक कारणों की वजह से भी जाना जाता है। श्रीनगर को हरिद्वार-कल्पेश्वर मंदिर ट्रिप का दूसरा पड़ाव माना जाता है। यह खूबसूरत शहर यह अलकनंदा नदी के किनारे बसा हुआ है। श्रीनगर में धारी देवी मंदिर का दर्शन करना न भूलें।
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नंदप्रयाग
हरिद्वार-कल्पेश्वर मंदिर रोड ट्रिप में बीच नंदप्रयाग, उत्तराखंड का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह खूबसूरत स्थल अलकनंदा नदी के किनारे बसा हुआ है। हालांकि, इस ट्रिप में नंदप्रयाग से पहले आप रुद्रप्रयाग और कर्णप्रयाग को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
हेलांग गांव
हरिद्वार-कल्पेश्वर मंदिर रोड ट्रिप में नंदप्रयाग को एक्सप्लोर करने के बाद आप हेलांग गांव को एक्सप्लोर कर सकते हैं, जो कल्पेश्वर मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। बादलों से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़, देवदार के बड़े-बड़े पेड़ और झील-झरने हेलांग गांव की खूबसूरती में चार चांद लगाने कम करते हैं। हेलांग के अलावा, आप उर्गम गांव को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
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Image@templepurohit.com
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