Uttarakhand Hidden Village: उत्तराखंड देश का एक खूबसूरत और प्रमुख पहाड़ी राज्य है और इसकी राजधानी देहरादून है। यह एक ऐसा राज्य भी है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता से हर मैसम में पर्यटकों को आकर्षित करता है।
उत्तराखंड में घूमने की बात होती है, तो कई लोग सिर्फ नैनीताल, मसूरी, ऋषिकेश या अल्मोड़ा जैसी जगहों का ही जिक्र करते हैं, लेकिन उत्तराखंड पहाड़ों के स्थित में द्रोणागिरी गांव की खूबसूरती निहारने बहुत कम लोग ही पहुंचते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको द्रोणागिरी गांव की खासियत से लेकर खूबसूरती और आसपास में स्थित कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां घूमने के बाद उत्तराखंड की कई चर्चित जगहों को भूल जाएंगे।
द्रोणागिरी गांव की खासियत और खूबसूरती बताने से पहले आपको बता दें कि इस गांव को कई लोग दूनागिरी के नाम से भी जानते हैं। द्रोणागिरी गांव उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यह खूबसूरत गांव गढ़वाल हिमालय के बीच में स्थित है। यह समुद्र तल से करीब 7 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ आगे बढ़ने पर जुम्मा नाम की एक जगह आती है। जुम्मा से ही द्रोणागिरी गांव के लिए पैदल मार्ग शुरू हो जाता है।
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समुद्र तल से 7 हजार मीटर की ऊंचाई स्थित द्रोणागिरी आज भी कई पर्यटकों के लिए एक अनछुआ गांव है। बर्फ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़, मनमोहक वॉटरफॉल, नदियां और झील-झरने इस गांव की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं।
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द्रोणागिरी गांव अपने शांत और शुद्ध वातावरण के लिए भी जाना जाता है। इस गांव को प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। इस गांव से हिमालय पर्वतों की खूबसूरती को करीब से देखा जा सकता है। भीषण गर्मी में भी यहां अक्सर ठंडी-ठंडी हवाएं चलती रहती हैं। बर्फबारी के दौरान यहां पहुंचना बहुत मुश्किल होता है।
द्रोणागिरी गांव अपनी खूबसूरती के साथ-साथ सबसे अधिक द्रोणागिरी पर्वत के लिए जाना जाता है। मान्यता के अनुसार जब लक्ष्मण-इंद्रजीत युद्ध में लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे, तब उन्हें ठीक करने के लिए हनुमान जी संजीवनी बूटी खोजने के लिए निकलें।
संजीवनी बूटी खोजते-खोजते हनुमान जी द्रोणागिरी गांव पहुंचे और संजीवनी बूटी न पहचान पाने की वजह से पूरा पर्वत ही उठाकर ले गए। तब से इस पर्वत को कई लोग संजीवनी पर्वत के नाम से जानने लगे। कहा जाता है कि जब हनुमान जी पर्वत को लेकर गए तो स्थानीय निवासी नाराज हो गए और तब से इस गांव का कोई भी हनुमान की पूजा नहीं करता है।
द्रोणागिरी गांव पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। शहर की भीड़-भाड़ से दूर द्रोणागिरी गांव में शांत और सुकून का पल बिताया जा सकता है। खासकर, प्रकृति प्रेमियों के लिए यह गांव जन्नत के रूप में काम करता है। गर्मी के मौसम में यहां कई लोग ठंडी-ठंडी हवाओं का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं। द्रोणागिरी गांव, अपनी खूबसूरती के साथ एडवेंचर एक्टिविटी के लिए भी जाना जाता है।
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