Ayodhya Dashrath Mahal In Hindi: राम की नगरी यानी अयोध्या के बारे में दो पंक्ति कि 'प्रेम गीत गाए राम नाम का, लाल रंग है तन में, क्या धन क्या मोह उसके लिए, श्री राम बसे जिसके मन में'। शायद आप भी जब अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन करने जाएंगे, तो एक-दो बार इन पंक्ति को जरूर गुनगुना पसंद करेंगे।
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद सभी राम भक्तों के लिए मंदिर का दरवाजा खुल चुका है। आज की तारीख में हर रोज देश के अलग-अलग हिस्सों से लाखों भक्त अयोध्या नगरी पहुंच रहे हैं।
अयोध्या सिर्फ राम मंदिर ही नहीं, बल्कि अन्य कई चीजों के लिए भी प्रसिद्ध है। जैसे यहां स्थित हनुमान गाढ़ी, कनक महल और सीता कुंड को एक्सप्लोर करने कर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं।
अयोध्या नगरी में स्थित दशरथ महल भी किसी महत्वपूर्ण स्थान से कम नहीं है। यह स्थल में पौराणिक काल से महत्व रखता है। इस आर्टिकल में हम आपको अयोध्या में स्थित दशरथ महल के बारे में बताने जा रहे हैं।
दशरथ महल का इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह कहा जाता है कि महाराजा दशरथ ने त्रेता युग ने दशरथ महल की स्थापना की थी। कई लोगों का मानना है कि इस पौराणिक महल को कालांतर में एक बार नहीं, बल्कि कई बार जीर्णोद्धार भी किया।
कहा जाता है कि महाराजा दशरथ ने इस खूबसूरत महल का निर्माण उसी जगह करवाया था, जहां राज का असली निवास स्थल हुआ करता था।
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दशरथ महल का इतिहास जिस तरह दिलचस्प है, ठीक उसी तरह महल की पौराणिक कथा भी दिलचस्प है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह कहा जाता है कि इस महल में भगवान राम अपने सभी भाइयों के साथ दसरथ महल में ही खेला करते थे। (अयोध्या के आसपास स्थित हिल स्टेशन)
एक अन्य पौराणिक कथा है कि भगवान राम अपने भाइयों के अलावा पिता दशरथ, तीनों माताएं-कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा के साथ दशरथ महल में ही खेलते थे। भगवान राम के लिए महल में झूला भी लगाया था।
दशरथ महल सिर्फ महल के रूप ही प्रसिद्ध नहीं, बल्कि यह के पवित्र मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस महल में भगवान राम की मूर्ति के साथ-साथ लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की मूर्ति भी स्थापित हैं।
दशरथ महल में मौजूद भगवान की मूर्तियों के साथ भाइयों की मूर्तियों का दर्शन करने हर हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। आपको बता दें कि विशेष मौके पर इस महल को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है।
दशरथ महल की वास्तुकला बेहद ही खास मानी जाती है। बाहर से इस महल का भव्य नजारा देखकर ही दिल खुशी से झूम उठता है। महल में प्रवेश करते हैं सबसे पहले एक बड़ा सा आंगन दिखाई देते है। कहा जाता है कि इसी आंगन में भगवान राम खेला करते थे। (राम मंदिर परिसर में इन चीजों को देखना न भूलें)
आपको बता दें कि दशरथ महल में मौजूद मंदिर में श्री राम अपने पिता दशरथ की तस्वीर के साथ मां कौशल्या की गोद में बैठे दिखाई देंगे। इस तस्वीर की सुंदरता आपको झूमने पर मजबूर कर देगी। इसके अलावा इस महल की पेंटिंग भी बेहद कमाल की दिखाई देती है।
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राम जन्मभूमि मंदिर से दशरथ महल अधिक दूरी पर नहीं है। दशरथ महल राम जन्मभूमि मंदिर करीब 1 किमी से भी कम की दूरी पर है। आपको यह भी बता दें कि दशरथ महल हनुमान गाढ़ी से यह करीब 200 मीटर की दूरी पर मौजूद है।
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