बेंगलुरु ना केवल कर्नाटक राज्य की राजधानी है, बल्कि इसका अपना एक अलग महत्व है। इस शहर में बड़ी संख्या में अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं और इसलिए यहां ही धार्मिक विविधता यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाती है। यूं तो बेंगलुरु को एक कमर्शियल हब के रूप में देखा जाता है, लेकिन यहां आने वाला हर व्यक्ति आध्यात्मिक शांति का भी अनुभव कर सकता है।
दरअसल, बेंगलुरु में कई मंदिर मौजूद हैं, जहां पर जाकर ना केवल आप अपने इष्ट का पूजन कर सकते हैं, बल्कि यहां पर आपको एक अलग ही सुकून महसूस होता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बेंगलुरु में स्थित कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां पर आपको एक बार अवश्य जाना चाहिए-
यह मंदिर बेंगलुरु के डोमलूर में स्थित है और इसे यहां के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। चोक्कनाथस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है जिन्हें चोक्कनाथस्वामी या चोक्का पेरुमल के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खूबसूरत मूर्तियों के लिए यह विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहां आने वाला हर पर्यटक या भक्त मंदिर की सुंदर वास्तुकला को बस देखता ही रह जाता है।
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सोमेश्वर मंदिर को बेंगलुरु (इन टिप्स के साथ बंगलुरु का सफर बनाए यादगार) के सर्वश्रेष्ठ मंदिरों की लिस्ट में शामिल किया जाता है। यह मंदिर उल्सूर झील के तट पर स्थित है। यह मंदिर चोल साम्राज्य के शासनकाल के दौरान बनाया गया था और इसका अपना एक अलग ऐतिहासिक महत्व है। 16वीं शताब्दी में केम्पे गौड़ा ने मंदिर का जीर्णोंद्धार किया। दीवार पर की गई नक्काशी शिव और पार्वती के विवाह की कहानी को दर्शाती है। इस मंदिर की वास्तुकला निश्चित ही आपको मोहित कर देगी।
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कोटे वेंकटरमण मंदिर बेंगलुरु में कृष्णराजेंद्र रोड पर स्थित है और भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी के अंत में मैसूर के शासक द्वारा द्रविडियन और विजयनगर शैली में किया गया था। इस मंदिर में वैकुंठ एकादशी का त्योहार बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मंदिर में हजारों भक्तों का हुजूम उमड़ता है।
इस मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में करवाया गया है। तिलकारण्य वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इसे बनशंकरी या वनशंकरी मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर देवी पार्वती के अवतार शाकंभरी को समर्पित है। यह मंदिर कर्नाटक (कर्नाटक घुमते समय इन बातों को करें फॉलो) में बेहद ही फेमस है। यहां तक कि इस मंदिर में सिर्फ कर्नाटक ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में भक्त दर्शन हेतु आते हैं।
अगर आप बेंगलुरु घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको वहां पर हुलीमावु गुफा मंदिर जरूर देखना चाहिए। यह मंदिर स्वयं में बेहद ही अनूठा मंदिर है। इस मंदिर परिसर के अंदर तीन मुख्य देवता की मूर्ति मौजूद हैं। केंद्र में एक शिव लिंगम, एक देवी मूर्ति और दोनों तरफ गणेश की एक मूर्ति स्थापित की गई है। यह मंदिर बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा रोड हुलीमावु में स्थित है।
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गवी गंगाधरेश्वर मंदिर बसवनगुड़ी के नजदीक स्थित है। यह बेंगलुरू में एक बेहद ही प्रसिद्ध शिव मंदिर है। इसे बेंगलुरू के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को चट्टान से काटकर बनाया गया है।
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