Dewri Temple Mythology: नवरात्रि का पावन त्योहार शुरू हो चुका है। सनातन काल से नवरात्रि का पर्व हिन्दुओं के लिए खास माना जाता रहा है।
नवरात्रि के पावन दिनों में माता के 9 रूपों का दर्शन करना और पूजा-पाठ करना शुभ कार्य माना जाता है। इस खास मौके पर देश में स्थित पवित्र और चर्चित दुर्गा मंदिरों का दर्शन करना भी शुभ माना जाता है।
झारखंड की राजधानी रांची में स्थित दिउड़ी एक ऐसा मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको दिउड़ी की खासियत और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। नवरात्रि के दिनों में आप भी दिउड़ी मंदिर का दर्शन करने पहुंच सकते हैं।
मां दिउड़ी मंदिर की खासियत जानने से पहले आपको यह बता दें कि यह मंदिर मुख्य शहर से करीब 64 किमी की दूरी पर मौजूद है। यह रांची जिले के दिउड़ी गांव मौजूद है। गांव के नाम से ही इस मंदिर को जाना जाता है। आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि यह मंदिर रांची-टाटा राजमार्ग के पास स्थित है।
इसे भी पढ़ें: मुंबई में नवरात्रि के समय किन मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं लोग, यात्रा से पहले पढ़ लें यह आर्टिकल
दिउड़ी मंदिर (देवड़ी मंदिर) का इतिहास रोचक और प्राचीन भी है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका इतिहास करीब 700 साल से भी पुराना है। यह मंदिर करीब 2 एकड़ में फैला हुआ है।
दिउड़ी मंदिर के निर्माण को लेकर कहा जाता है कि इसका निर्माण सिंहभूम के मुंडा राजा केरा ने करवाया था। एक अन्य मान्यता है कि इसी जगह चमरू पांडा जंगल में तपस्या कर रहे थे, तभी देवी ने उन्हें दर्शन दिए और कहा कि वह उनसे मिलना चाहती है, जिसके बाद मंदिर का निर्माण हुआ। इसके अलावा, कुछ लोगों का मानना है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक ने बनवाया था।
दिउड़ी मंदिर की पौराणिक कथा काफी रोचक है। इस मंदिर को लेकर पहली मान्यता है कि जब मुंडा राजा केरा युद्ध में हारकर लौटा तो रात के समय सपने में मां दिखाई दी और उनके आशीर्वाद से राजा को राज्य वापस मिल गया।
दिउड़ी मंदिर की पौराणिक कथा को लेकर एक अन्य मान्यता है कि इस मंदिर का जब निर्माण हो रहा था, तो किसी ने नहीं देखा। कहा जाता है कि रात के समय एक भक्त को सपने में मंदिर दिखाई दिया और सुबह में वो भक्त जंगलों में मंदिर को खोजने के लिए निकल गया है और शाम होते-होते मंदिर मिल गया।
दिउड़ी मंदिर के मुख्य आकर्षण केंद्र की बात हो, तो यहां स्थापित मूर्ति है। जी हां, इस प्राचीन मंदिर का मुख्य आकर्षण मां देवी दुर्गा की 16 भुजाओं वाली 700 साल पुरानी मूर्ति है।
दिउड़ी मंदिर आदिवासी और हिंदू संस्कृति का शानदार केंद्र भी माना जाता है। कहा जाता है कि यहां जो भी नवरात्रि के दिनों में सच्चे मन से दर्शन के लिए पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
इसे भी पढ़ें: Navratri In West Bengal: नवरात्रि में पश्चिम बंगाल जाने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान
दिउड़ी मंदिर सिर्फ रांची ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड का एक पवित्र और प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। इसलिए यहां राज्य के हर कोने से भक्त मां दिउड़ी का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
नवरात्रि के दिनों में यहां सबसे अधिक संख्या में भक्त पहुंचते हैं। खासकर, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी वाले दिन में यहां सबसे अधिक भीड़ मौजूद होती है। नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर को फूलों से सजा दिया जाता है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image@ranchi_meri_jaan,shurusardar4/insta
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।