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क्या आप जानते हैं पोरुमामिल्ला टैंक के बारे में ये बातें ?

आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में स्थित पोरुमामिल्ला टैंक को इस साल विश्व धरोहर सिंचाई संरचना का सम्मान। आइए जानें इससे जुड़ी कुछ बातें। 
Editorial
Updated:- 2020-12-26, 13:00 IST

पोरुमामिल्ला भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले का एक छोटा सा शहर है। यह शहर मुख्य रूप से अपने ईंटों के व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ स्थित पोरुमामिल्ला टैंक अपने आप में बहुत अधिक महत्त्व रखती है। यह राजम्पेटा राजस्व मंडल के पोरममिला मंडल में स्थित है। पोरुमामिल्ला टैंक को इस साल विश्व धरोहर सिंचाई संरचना का सम्मान मिला है और इसके पानी को सिचाई के लिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है। 

सिंचाई और जल निकासी पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग, आईसीआईडी सिंचाई, जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन विशेषज्ञों का एक वैश्विक नेटवर्क है। इस साल भारत में चार साइटों को वर्ल्ड हेरिटेज इरिगेशन स्ट्रक्चर (WHIS) टैग मिला है - उन साइटों में से एक है आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में स्थित पोरुमामिल्ला टैंक के बारे में जानिए, WHIS और ICID यहाँ

विश्व धरोहर सिंचाई संरचना का सम्मान

porumamilla tank

भारत में चार जगहों को इस साल विश्व धरोहर सिंचाई संरचना का सम्मान हासिल हुआ है जिसमें इनमें आंध्र प्रदेश की तीन और महाराष्ट्र की एक जगह शामिल हैं। जिनमें से पोरुमामिल्ला टैंक आंध्र प्रदेश में स्थित है। इन सभी जगहों का इस सूची में शामिल होना निश्चय ही भारत सरकार के लिए गर्व की बात है। 

 

ICID देता है मान्यता

सिंचाई, जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन विशेषज्ञों का एक वैश्विक नेटवर्क, सिंचाई और जल निकासी पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग (ICID) हर साल यूनेस्को के जरिए मान्यता प्राप्त विश्व धरोहर स्थलों की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय महत्व की सिंचाई संरचनाओं को मान्यता देता है और पोरुमामिल्ला टैंक उनमें से प्रमुख है जिसे ये सम्मान मिला है। 

कडप्पा जिले में स्थित है पोरुमामिल्ला 

kadapa district

कडप्पा जिले का ईसापूर्व इतिहास ज्ञात है जब यह मौर्य साम्राज्य के अन्तर्गत आता था। उसके बाद यह सातवाहनों के साम्राज्य का अंग बना। कडप्पा का नाम गडापा से आया है जिसका तेलगू भाषा में अर्थ होता है - चरम या पारसीमा। कहा जाता है पूर्व में लोग तिरुपति मंदिर के दर्शन से पहले इस जिले के देवुनी कडापा मंदिर में जाते थे। यहां का एक प्रसिद्ध स्थल पेद्दा दरगाह या अमीन पीर दरगाह भी है जहाँ हज़रत ख़्वाज़ा सैय्यद शाह पीरूल्लाह मुहम्मद-उल-हुसैनी ने जीव समाधि ली थी। इस जगह को दूसरा अजमेर भी कहते हैं। हाल में यह चर्चा में इसलिए आया था कि यहां पर स्थित पोरुमामिल्ला टैंक को विश्व धरोहर सिंचाई संरचना का सम्मान दिया गया। 

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WHIS के रूप में घोषित किए जाने के लाभ

poramula tank in andhra

एक बार जब एक संरचना को विश्व धरोहर सिंचाई संरचना के रूप में घोषित किया जाता है, तो यह सिंचाई और जल निकासी में इसके लाभों को जन्म देती है, जिससे उन कारकों की समझ उपलब्ध होती है जो विरासत संरचनाओं को टिकाऊ बनाते हैं और इससे सबक सीखते हैं। यह पेशेवरों, छात्रों और आबादी के लिए एक शैक्षिक अवसर भी प्रदान करता है। WHIS के रूप में मान्यता WHIS को बनाए रखने के लिए आवश्यक संसाधनों के साथ संबंधित सरकारों का ध्यान आकर्षित कर सकती है। आईसीआईडी परियोजनाओं की स्थिरता, संरक्षण और सुरक्षित प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों की अपनी टीम के माध्यम से परियोजना को छोटे पैमाने पर तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करता है। 

 

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Image Credit: wikipedia 

 

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