
Unexplored Places in Maharashtra: महाराष्ट्र देश का एक प्रमुख और खूबसूरत राज्य है। इस राज्य की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां हर महीने हजारों देशी और विदेशी पर्यटक मौज-मस्ती करने के लिए पहुंचते रहते हैं।
महाराष्ट्र अपने कई शानदार और बेहतरीन पर्यटन स्थलों के लिए फेमस है। जैसे-लोनावला, खंडाला, लवासा, माथेरान और महाबलेश्वर आदि जगहों पर मानसून में घूमने का एक अलग ही मजा होता है।
महाराष्ट्र के स्थित गढ़चिरौली भी एक ऐसा शहर है, जहां एक से एक शानदार और मनमोहक जगहें मौजूद हैं। इस आर्टिकल में हम आपको गढ़चिरौली की कुछ शानदार जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप परिवार, दोस्त या पार्टनर के साथ घूमने पहुंच सकते हैं।

गढ़चिरौली में स्थित किसी शानदार और मनमोहक घूमने की बात होती है, तो कई लोग सबसे पहले ग्लोरी ऑफ आलापल्ली ही पहुंचते हैं। इस खूबसूरत स्थान को वन वैभव आलापल्ली के नाम से भी जाना जाता है। यहां दर्जन से अधिक किस्म में पेड़-पौधों मिलेंगे।
ग्लोरी ऑफ आलापल्ली अपनी हरियाली के लिए जाना जाता है। इस स्थान को एक पार्क की तरह विकसित किया गया है, जहां हर समय ठंडी हवाएं चलती राहती हैं। इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत माना जाता है। मानसून में आलापल्ली की खूबसूरती चरम पर होती है। मानसून में इस वन में हर तरफ प्रवासी पक्षियां दिखाई देते हैं।
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अगर आप गढ़चिरौली की खूबसूरती देखने के साथ-साथ इतिहास को भी करीब से जानना चाहते हैं, तो फिर आपको वैरागढ़ फोर्ट पहुंच जाना चाहिए। इस भव्य फोर्ट का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। हालांकि, अब इस फोर्ट का कुछ हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है। (दिल्ली से 3 दिन में कोल्हापुर की इन जगहों पर घूम आएं)
वैरागढ़ फोर्ट पहाड़ की चोटी पर मौजूद है, इसलिए यहां कई पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं। यह फोर्ट खोबरागढ़ी और सतनाला नदियों के संगम पर स्थित है। फोर्ट की ऊंचाई से आसपास का नजारा भी खूबसूरत दिखाई देता है। फोर्ट की ऊंचाई से यादगार फोटोग्राफी भी किया जा सकता है।

चपराला वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी सिर्फ गढ़चिरौली का ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र का एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र माना जाता है। करीब 140 वर्ग किमी की क्षेत्र फैला हुआ यह सैंक्चुअरी हर दिन हजारों लोगों को आकर्षित करता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए इसे जन्नत माना जाता है।
चपराला वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी वर्धा और वैनगंगा नदियों के संगम पर स्थित है, जिसके चलते यह सैंक्चुअरी सालों-साल हरा-भरा दिखाई देता है। नदी के संगम तट पर स्थित होने के चलते इस सैंक्चुअरी को जानवरों का घर भी बोला जाता है। यहां बाघ, चिता, सुस्त भालू और जंगली कुत्तों जैसे कई जानवर को देख सकते हैं। यहां आप जंगल सफारी भी कर सकते हैं।

गढ़चिरौली में स्थित मार्कण्डा मंदिर एक पवित्र मंदिर के साथ-साथ एक प्राचीन मंदिर भी है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। माना जाता है कि इस मंदिर का नाम मार्कण्डा, मार्कण्डेय ऋषि के नाम पर रखा गया था जो शिव के परम भक्त थे। (शोघी हिल स्टेशन)
मार्कण्डा मंदिर के बारे माना जाता है कि इसका निर्माण मार्कण्डेय ऋषि ने ही करवाया था। हालांकि, यहां मिले शिलालेखों के अनुसार कहा जाता है कि इसका निर्माण 8वीं से 10वीं शताब्दी के बीच किया गया था। यह मंदिर वैनगंगा नदी के तट पर स्थित है, जिसके चलते आसपास का नजारा भी खूबसूरत दिखाई देता है। मंदिर की वास्तुकला सैलानियों को खूब आकर्षित करती है।
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महाराष्ट्र के किसी भी शहर से गढ़चिरौली पहुंचना बहुत ही आसान है, क्योंकि यह लगभग हा बड़े शहर से जुड़ा हुआ है। गढ़चिरौली के सबसे पास में वड़सा रेलवे स्टेशन है, जो महाराष्ट्र के हर शहर से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, नागपुर से गढ़चिरौली करीब 170 किमी दूर है, जहां से आप जा सकते हैं।
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