कई बार हम अपने शरीर का ध्यान बिल्कुल नहीं रखते हैं और इसके कारण हेल्थ से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसा ही हाल हमारे चेहरे का भी होता है। ऐसा हो सकता है कि आपकी स्किन को औरों की स्किन के मुकाबले ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती हो, लेकिन किसी ना किसी वजह से आप ऐसा कर पाने में असमर्थ रहती हों। उदाहरण के तौर पर उन लोगों की बात करते हैं जिन्हें मेलास्मा (Melasma) जैसी कोई दिक्कत होती है। सबसे पहले तो मैं आपको बता दूं कि ये नॉर्मल पिगमेंटेशन से अलग है।
मेलास्मा में चेहरे पर भूरे या सलेटी रंग के चकत्ते पड़ने लगते हैं। इसे अधिकतर प्रेग्नेंसी के समय देखा जाता है, लेकिन कई बार ये बिना उसके भी परेशान करता है। ये होता है क्योंकि आपके शरीर में स्किन कलर प्रोडक्शन वाले सेल्स बढ़ने लगते हैं। इसके कई ट्रीटमेंट होते हैं और ये समस्या अधिकतर सनरेज से ट्रिगर होती है।
एस्थेटिक फिजिशियन, डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सरू सिंह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर मेलास्मा से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी बताई है। ये उन लोगों के लिए मददगार साबित हो सकती है जिन्हें ये कंडीशन है।
किन कारणों से होता है मेलास्मा?
- मेलास्मा की समस्या उन लोगों को ज्यादा होती है जिनका काम धूप में जाने का होता है। बाकी ये कई कारणों से बढ़ सकता है।
- जेनेटिक समस्या (आपके परिवार में पहले से ही किसी को मेलास्मा है)
- हार्मोनल बदलावों के कारण होता है मेलास्मा जैसे महिलाओं की जिंदगी की अलग-अलग स्टेज के कारण ऐसा होता है।
- सूरज की धूप के कारण। यूवी रेज मेलास्मा को ज्यादा परेशान करता है।
- अगर स्किन केयर और डाइट सही नहीं हो तो मेलास्मा हो सकता है।
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क्या हो सकता है मेलास्मा का ट्रीटमेंट?
डॉक्टर सरू सिंह के मुताबिक मेलास्मा का कोई एक ट्रीटमेंट नहीं हो सकता है। अगर आप डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाती हैं तो वो भी आपको अलग-अलग तरह के ट्रीटमेंट्स का कॉम्बिनेशन बताएंगे। डॉक्टर सरू के मुताबिक मेलास्मा में हमेशा कॉम्बिनेशन थेरेपी काम आती है।
इस कॉम्बिनेशन थेरेपी में ओरल और टॉपिकल मेडिसिन शामिल होती हैं। इसी के साथ, मेलास्मा के लिए कई तरह के लेजर एनर्जी डिवाइस भी इस्तेमाल किए जाते हैं जो आपकी इस कंडीशन को कंट्रोल में रखते हैं और मरीजों को मदद करते हैं। हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि अगर किसी एक इंसान को लेजर ट्रीटमेंट असरदार लगा हो तो आपको भी लगे। लेजर ट्रीटमेंट भी मेलास्मा की कंडीशन के हिसाब से ही होता है और आपका ट्रीटमेंट भी उसी तरह से होगा। कई बार कुछ क्रीम्स ही असरदार साबित हो जाती हैं और कई बार लेजर के बाद भी कोई असर नहीं होता है।
किस समय ज्यादा बढ़ जाता है मेलास्मा?
मेलास्मा के मरीजों को ये समझने की जरूरत है कि जब-जब शरीर में हार्मोनल बदलाव ज्यादा होते हैं जैसे मेंस्ट्रुएशन के समय या फिर प्रेग्नेंसी के समय तब मेलास्मा ज्यादा विजिबल हो जाता है। हालांकि, इन बदलावों से कई बार आपके चेहरे के दाग अपने आप कम भी हो जाते हैं। इसलिए महीने में कुछ समय आपको लगेगा कि स्किन आपकी बहुत अच्छी हो रही है और कई बार आपको ये लगेगा कि स्किन में बहुत सारे दाग हो रहे हैं। कई बार ये दाग और भी डार्क दिख सकते हैं।
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मेलास्मा से पीड़ित हैं तो क्या बिल्कुल ना करें?
अगर आप मेलास्मा से पीड़ित हैं तो 5 मिनट भी अगर आप बिना प्रोटेक्शन के सूरज की धूप में जाती हैं तो वो आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ये आपकी स्किन की कंडीशन को ज्यादा बढ़ा सकता है। सन प्रोटेक्शन हर मामले में जरूरी है और इसे बिल्कुल नजरअंदाज ना करें। आपको ये भी पता होना चाहिए कि सनस्क्रीन किस तरह से ठीक से अपनी स्किन पर लगानी है।
अगर आपको मेलास्मा की समस्या है तो आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि इसका ट्रीटमेंट हमेशा डर्मेटोलॉजिस्ट से पूछकर ही करें। बिना डॉक्टरी सलाह के आपकी ये कंडीशन ज्यादा खराब हो सकती है। आप किस तरह की स्किन कंडीशन से परेशान हैं इसके बारे में हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं ताकि हम उससे जुड़ी स्टोरी कर सकें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock/ Freepik
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