
जब महिलाएं मेकअप करना शुरू करती हैं, तो फेस को क्लीन करने और उसे मॉइश्चराइज करने के बाद प्राइमर अप्लाई करती हैं। इसे मेकअप के लिए एक कैनवास के रूप में देखा जाता है, जो मेकअप को एक स्मूद फिनिश देता है। फाउंडेशन से पहले अगर प्राइमर लगाया जाता है तो इससे मेकअप का फाइनल लुक काफी बदल जाता है। हालांकि, मेकअप के दौरान आप किस प्राइमर का इस्तेमाल कर रही हैं, इस बात पर भी ध्यान रखना अहम् है।
बता दें कि मार्केट में कई तरह के प्राइमर अवेलेबल हैं। जिनमें वाटर बेस्ड प्राइमर और सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर अहम् है। हालांकि, अधिकतर महिलाओं को इनके बीच अंतर नहीं पता होता। इसलिए, वह किसी भी प्राइमर को खरीदकर अप्लाई कर लेती हैं। लेकिन हर स्किन की जरूरतें अलग होती हैं और इसलिए आपको अपनी स्किन को समझते हुए सही प्राइमर का चयन करना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में आरवीएमयूए एकेडमी की फाउंडर, सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट और स्किन केयर एक्सपर्ट रिया वशिष्ट आपको सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर और वाटर बेस्ड प्राइमर के बीच अंतर के बारे में बता रही हैं-
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वाटर बेस्ड प्राइमर और सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर के बीच एक अंतर यह होता है कि सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर वाटरप्रूफ होता है, जबकि वाटर बेस्ड प्राइमर वाटरप्रूफ नहीं होता है। इन दोनों के लुक में भी अंतर पाया जाता है। सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर अप्लाई किया जाता है तो इससे एक स्मूद फिनिश लुक मिलता है। जबकि वाटर बेस्ड प्राइमर अप्लाई करने के बाद आपको वह स्मूद लुक नहीं मिल पाता है।
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प्राइमर को फाउंडेशन से पहले एक बेस के रूप में लगाया जाता है। प्राइमर लगाने का उद्देश्य होता है कि फाउंडेशन के लुक को निखारा जा सके। जब आप इन दोनों प्राइमर को अप्लाई करती हैं, तो इससे फाउंडेशन एप्लीकेशन में अंतर नजर आता है। मसलन, सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर लगाने के बाद लिक्विड फाउंडेशन को अप्लाई करना व ब्लेंड करना अधिक आसान हो जाता है, जबकि वाटर बेस्ड प्राइमर लगाने के बाद फाउंडेशन ब्लेंड करना अपेक्षाकृत उतना आसान नहीं होता है।
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सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर और वाटर बेस्ड प्राइमर दोनों ही स्किन के लिए अच्छे होते हैं। लेकिन यह दोनों अलग-अलग स्किन टाइप के लिए बने हैं। मसलन, अगर आपकी स्किन रूखी व डिहाइड्रेट है, तो ऐसी स्किन पर आपको वाटर बेस्ड प्राइमर का इस्तेमाल करना चाहिए। यह आपकी स्किन में हाइड्रेशन को बेहतर बनाते हैं। साथ ही, स्किन पर लंबे समय तक टिके रहते हैं और रूखी स्किन पर काफी अच्छे लगते हैं। जबकि सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर तैलीय त्वचा पर बेहतर दिखते हैं, क्योंकि सिलिकॉन एक लेयर बनाता है जो तेल को आपकी स्किन पर रिलीज होने से बचाता है। जिससे आपका मेकअप ऑयल फ्री नजर आता है।
सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर और वाटर बेस्ड प्राइमर के टेक्सचर में भी अंतर होता है। जहां, सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर का वैसलीन जैसा टेक्सचर होता है और वह फाइन लाइन्स व ओपन पोर्स को कम दिखाने में मदद करते हैं। वहीं, वाटर बेस्ड प्राइमर में वाटर जैसा टेक्सचर होता है। यह स्किन पर काफी लाइट होता है और रूखी स्किन के साथ अच्छी तरह से काम करता है।
तो अब आपको समझ में आ गया होगा कि आपके लिए कौन सा प्राइमर सबसे बेस्ट है। बस सही प्राइमर चुनें और अपने मेकअप लुक को फ्लॉन्ट करें।
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