नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसका अर्थ ‘नौ रातें’ है। इस पर्व को माता दुर्गा के पूजन के लिए समर्पित माना जाता है। वैसे तो नवरात्रि साल में 4 बार आती है, लेकिन उनमें से 2 नवरात्रि तिथियां सबसे खास मानी जाती हैं।
इनमें से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चैत्र और आश्विन महीने की शारदीय नवरात्रि हैं। चैत्र नवरात्रि चैत्र के महीने में मनाई जाती है और इसमें माता दुर्गा के नौ रूपों का पूजन किया जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगी और इसका समापन 17 अप्रैल को होगा।
ऐसे में भक्तों को सलाह दी जाती है कि वो कलश की स्थापना करें और विधि-विधान के साथ माता के अनेक रूपों का पूजन करें। इसके साथ ही यदि आप नवरात्रि के दिनों में कुछ वास्तु उपाय आजमाएंगे तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कुछ वास्तु उपायों के बारे में जो आपको चैत्र नवरात्रि में आजमाने चाहिए।
घर की सफाई जरूर करें
नवरात्रि का आरंभ होने के पूर्व ही आप अपने घर की साफ-सफाई जरूर कर लें। हर एक वस्तु और स्थान को व्यवस्थित करें और किसी भी अवांछित वस्तु जैसे पुराने कपड़े, किताबें, फर्नीचर आदि को घर से बाहर निकाल दें। यदि किसी भी कोने में गंदगी है, तो उसे तुरंत ही दूर कर दें। इस उपाय से आपके घर में खुशहाली बनी रहती है और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
माता दुर्गा की मूर्ति की सही दिशा
नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की मूर्ति की दिशा आपके लिए बहुत मायने रखती है। कभी भी गलत दिशा में रखी मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए, बल्कि आपको माता की चौकी की स्थापना करनी चाहिए।
नवरात्रि के पहले दिन, देवी दुर्गा की मूर्ति को अपने घर के मंदिर के पूर्वोत्तर कोने में स्थापित करनी चाहिए। इससे आपकी पूजा का प्रभाव बढ़ सकता है और ये वास्तु के अनुसार भी बाहर शुभ माना जाता है। माता दुर्गा की मूर्ति हमेशा माता की चौकी में ही स्थापित करनी चाहिए। इस चौकी पर आपको मूर्ति के अलावा अन्य कोई सामग्री नहीं रखनी चाहिए।
नवरात्रि के दौरान भक्तों को देवी मां का पूजन करते समय अपना मुख पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की तरफ रखना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि पूर्व दिशा शक्ति और साहस से जुड़ी है और यदि आप इस दिशा की तरफ बैठकर पूजा करते हैं तो आपके लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
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अखंड ज्योति प्रज्वलित करें
यदि आप चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं, तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि अखंड ज्योति आपकी समृद्धि का प्रतीक होती है और ये आपके भविष्य के लिए शुभ संकेत देती है।
यदि आप अखंड ज्योति स्थापित कर रही हैं, तो आपको इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि यह हमेशा कलश की दाहिनी तरफ रखी गई हो। अखंड ज्योति को हमेशा पूजा स्थल की ओर दक्षिण-पूर्व दिशा की तरफ रखना चाहिए।
नवरात्रि के दौरान खुशहाली लाने के लिए सबसे आसान और सबसे अच्छा तरीका दिव्य प्रार्थना करना है। इसके अलावा, आप अपने पूजा कक्ष को यदि सजाएंगे तो आपके लिए बहुत शुभ हो सकता है।
आम के पत्तों का तोरण बनाएं
घर की समृद्धि बनाए रखने के लिए आप नवरात्रि के पहले दिन आम और अशोक के पत्तों की माला बनाकर मुख्य द्वार पर बांधें। यह आपके घर से सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने में मदद करता है।
आप हर एक दिन इन तोरण को बदल सकते हैं और ताजे फूल पत्तियों का तोरण लगा सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप नवरात्रि के दिनों में माता को ताजे फूलों की माला अर्पित करती हैं या ताजे फूल चढ़ाती हैं, तो आपके घर में खुशहाली बनी रहती है।
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मुख्य द्वार पर आजमाएं ये वास्तु टिप्स
यदि आप नवरात्रि में मुख्य द्वार पर कुछ वास्तु उपाय आजमाती हैं तो आपके लिए बहुत शुभ हो सकता है। सबसे पहले आप मुख्य द्वार को साफ़ करें और इस स्थान पर चावल के साथ लाल या पीले रंग से स्वास्तिक चिन्ह बनाएं।
इस नवरात्रि मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना बेहद शुभ होता है और घर में रहने वालों के लिए सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इन उपायों से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और ये समृद्धि का द्वार खोलने में मदद करते हैं। इन उपायों में नकारात्मक ऊर्जा का प्रतिरोध करने की शक्ति होती है।
कलश या जल से भरा लोटा स्थापित करें
नवरात्रि के दौरान यदि आप घर या दुकान के मुख्य द्वार के पास एक बर्तन में पानी भरकर रखती हैं या जल का लोटा मंदिर में रखती हैं तो ये शुभता को आकर्षित करता है। आप घर के मंदिर में कलश की स्थापना भी कर सकती हैं और यह कलश पूजा स्थल पर रखें। आप इस कलश के ऊपर नारियल रखें। यदि आप जल का लोटा प्रवेश द्वार के पूर्व या उत्तर में रखते हैं, तो शुभ संकेत हो सकता है।
अगर आप नवरात्रि के नौ दिनों में वास्तु के कुछ विशेष उपाय आजमाएंगी, तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
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