July Ekadashi Vrat Tithi List 2024: जुलाई के महीने में पड़ेंगी तीन एकादशी तिथियां, यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और लें पूरी जानकारी

सनातन धर्म में किसी भी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है और उसमें अलग तरीके भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। इन तिथियों में किया गया पूजन आपके जीवन में शुभ परिणाम देता है। 

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हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन जो व्यक्ति व्रत और उपवास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हर महीने दो एकादशी तिथियां होती हैं पहली शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में होती है।

हर महीने पड़ने वाली एकादशी तिथियों का अपना विशेष महत्व है और इसमें विधि विधान से पूजन किया जाता है। किसी भी एकादशी तिथि को अलग नाम से जाना जाता है और इसमें पूजन का अलग विधान होता है। इस साल जुलाई में दो नहीं बल्कि 3 एकादशी तिथियां पड़ेंगी।

जुलाई में पड़ने वाली पहली एकादशी योगिनी, दूसरी देवशयनी एकादशी और तीसरी कमिका एकादशी है। ये दोनोंतीनों एकादशी तिथियां अपना विशेष महत्व रखती हैं और इसमें भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के उपाय किए जाते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें जुलाई की इन एकादशी तिथियों के बारे में विस्तार से।

योगिनी एकादशी 2024 कब है (Yogini Ekadashi Date)

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योगिनी एकादशी आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार योगिनी एकादशी 2 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से समस्त पापों से मुक्ति मिल सकती है। इस व्रत को करने से जीवन में सदैव सुख-समृद्धि आती है।

योगिनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Yogini Ekadashi Shubh Muhurat)

  • योगिनी एकादशी तिथि आरंभ- 1 जुलाई 2024 प्रातः 10 बजकर 26 मिनट से
  • योगिनी एकादशी तिथि समापन- 2 जुलाई प्रातः 8 बजकर 42 मिनट तक
  • योगिनी एकादशी 2024 पारण का समय- 3 जुलाई 2024 सुबह 5 बजकर 28 मिनट से प्रातः 7 बजकर 10 मिनट तक

योगिनी एकादशी 2024 का महत्व (Yogini Ekadashi Significance)

योगिनी एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें भगवान् विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस यदि आपकी शादी में देरी हो रही है या फिर नौकरी और व्यापार में समस्याएं हैं तो यह व्रत फलदायी हो सकता है।

इसे जरूर पढ़ें:Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी के दिन पूजा के दौरान इन नियमों का जरूर करें पालन

योगिनी एकादशी 2024 पूजा नियम (Yogini Ekadashi Puja Rules)

  • अगर आप योगिनी एकादशी का व्रत करते हैं तो इस दिन प्रातः जल्दी उठें और स्नान आदि से मुक्त होकर साफ़ कपड़े धारण करें। यदि संभव है तो आप पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर की सफाई करें और भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए चौकी सजाएं और विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें।
  • भगवान विष्णु का पूजन करें, उन्हें तिलक लगाएं और पीले फूल चढ़ाएं और उन्हें भोग अर्पित करें।
  • आपको इस दिन योगिनी एकादशी की कथा जरूर सुननी चाहिए।

देवशयनी एकादशी 2024 कब है

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आषाढ़ महीने में दूसरी एकादशी तिथि शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं, इसलिए इसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस साल देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई 2024 को रखा जाएगा।

देवशयनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त

  • आषाढ़ शुक्ल पक्ष देवशयनी एकादशी तिथि आरंभ- 16 जुलाई 2024 रात्रि 8 बजकर 33 मिनट से
  • आषाढ़ कृष्ण पक्ष देवशयनी एकादशी तिथि समापन- 17 जुलाई को रात्रि 9 बजकर 42 मिनट पर
  • उदया तिथि होने की वजह से देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई 2024 को रखा जाएगा।
  • देवशयनी एकादशी व्रत 2024 पारण का समय- 18 जुलाई 2024 प्रातः 5 बजकर 35 मिनट से प्रातः 8 बजकर 20 मिनट तक

देवशयनी एकादशी 2024 का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी भगवान विष्णु की दिव्य निद्रा की शुरुआत का प्रतीक होती है। पुराणों के अनुसार, प्राचीन समय में भगवान विष्णु ने राजा बलि की उदारता और दानशीलता से प्रसन्न होकर, चातुर्मास यानी कि चार महीने की पवित्र अवधि के दौरान पाताल लोक में आराम करने के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया। तब से चार महीने के लिए भगवान विष्णु चार महीने के लिए निद्रा में जाते हैं और इस दौरान भगवान शिव सर्वोच्च भूमिका निभाते हैं। इसलिए, चतुर्मास के दौरान भगवान शिव और उनके दिव्य परिवार की पूजा का विशेष महत्व होता है।

देवशयनी एकादशी 2024 पूजा नियम

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  • इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर व्रत का संकल्प करें। साफ वस्त्रों में पूजन करें।
  • भगवान विष्णु के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को स्नानकराएं और उन्हें चंदन लगाएं।
  • भगवान विष्णु को फल, फूल चढ़ाएं और पीली मिठाई का भोग लगाएं।
  • विष्णु जी को भोग अर्पित करते समय तुलसी दल जरूर चढ़ाएं।
  • इस दिन देवशयनी एकादशी की कथा पढ़ने का विशेष महत्व होता है।

कामिका एकादशी कब है (Kamika Ekadshi Date)

जुलाई महीने की तीसरी एकादशी सावन के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानी कामिका एकादशी 31 जुलाई को पड़ेगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से विशेष लाभ होता है।

कामिका एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त (Kamika Ekadashi Shubh Muhurat)

कामिका एकादशी का आरंभ -30 जुलाई सायं 04 बजकर 44 मिनट से
कामिका एकादशी का समापन-31 जुलाई को शाम 03 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी।
उदया तिथि के अनुसार कामिका एकादशी 31 जुलाई को ही मनाई जाएगी।

यदि आप यहां बताए तरीके से योगिनी और देवशयनी एकादशी की पूजा करते हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।

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Images:Freepik.com

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