सूर्य ऊर्जा, प्रकाश, यश और सकारात्मकता का प्रतीक है, इसलिए इसे ग्रहों का राजा माना जाता है। वास्तु शास्त्र में सूर्य की ऊर्जा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। वजह है कि घर में तांबे का सूरज लगाना शुभ फलदायी बताया गया है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के साथ-साथ मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और आर्थिक उन्नति में भी सहायक होता है। वास्तु के अनुसार, किसी भी वस्तु की तरह, तांबे के सूरज को भी सही दिशा में स्थापित करना बेहद जरूरी होता है। कहते हैं गलत दिशा में इसे लगाने से शुभता के बजाय नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं और इससे घर की सुख-समृद्धि प्रभावित हो सकती है। बहुत से लोग अपने घरों में फैशन के तौर पर तांबे का सूरज लगाते हैं और बिना सही जानकारी के इसे कहीं भी लगा देते हैं, जिससे उन्हें अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है। इसके उल्टा जीवन में परेशानियां बढ़ने लगती हैं। यदि आप अपने घर में तांबे का सूरज लगाने का विचार कर रही हैं या पहले से लगा रखी हैं, तो यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इसे किस दिशा में लगाना चाहिए और किस दिशा में भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। तो आइए ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से वास्तु के इन महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानते हैं, ताकि आपके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे।
घर की किस दिशा में कभी नहीं लगाने चाहिए तांबे का सूरज?
- वास्तु के अनुसार, तांबे के सूरज को पश्चिम और उत्तर दिशा में भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। ये दिशाएं सूर्य के स्वाभाविक भ्रमण पथ और उनकी ऊर्जा के अनुकूल नहीं मानी जाती है।
- पश्चिम दिशा शनि ग्रह से संबंधित है और सूर्य की ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, जिससे घर में अशांति, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और आर्थिक नुकसान हो सकता है। इस दिशा में सूरज लगाने से करियर में बाधाएं और मानहानि भी हो सकती है।
- उत्तर दिशा धन और करियर की दिशा है, जिसका संबंध बुध ग्रह और कुबेर भगवान से है। इस दिशा में सूर्य की तेज ऊर्जा को अत्यधिक तीव्र माना जाता है, जो संतुलन बिगाड़ सकती है। यहां तांबे का सूरज लगाने से धन का अपव्यय हो सकता है या परिवार के सदस्यों के बीच अनावश्यक तनाव बढ़ सकता है।
- इसके अलावा, कुछ वास्तु विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि तांबे के सूरज को सोने के कमरे में लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह अत्यधिक ऊर्जा और गर्मी पैदा कर सकता है, जो नींद में बाधा डाल सकता है या वैवाहिक जीवन में तनाव पैदा कर सकता है।

इसे भी पढ़ें-Vastu Tips: घर की इस दिशा में लगाएं तांबे का सूरज, आएगी सुख समृद्धि
तांबे का सूरज लगाने की सही दिशाएं
- तांबे के सूरज को घर में लगाने के लिए कुछ विशेष दिशाएं अत्यंत शुभ मानी जाती हैं।
- पूर्व दिशा सबसे शुभ दिशा मानी जाती है। सूर्य पूर्व से ही उदय होता है। इस दिशा में तांबे का सूरज लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और घर के मुखिया को मान-सम्मान व तरक्की मिलती है। यह घर में सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
- दक्षिण दिशा शक्ति, प्रसिद्धि और ऊर्जा की प्रतीक है। इस दिशा में तांबे का सूरज लगाने से आपको समाज में पहचान और प्रसिद्धि मिलती है। यह आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद करता है।

- उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण को देवताओं और आध्यात्मिक ऊर्जा से संबंधित माना जाता है। इस दिशा में तांबे का सूरज लगाने से घर में सकारात्मकता और आध्यात्मिक शांति बढ़ती है। यह ज्ञान और स्पष्टता लाने में भी सहायक होता है।
- अगर आपका मुख्य द्वार पूर्व दिशा में है, तो आप इसे मुख्य द्वार पर बाहर की ओर लगा सकते हैं। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
इसे भी पढ़ें-बच्चों को क्यों पहनना चाहिए कॉपर सन लॉकेट?
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ।
Image credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों