Performing Rudrabhishek

भगवान शिव को जलाभिषेक और रुद्राभिषेक क्यों इतना प्रिय है?

भगवान शिव को जलाभिषेक और रुद्राभिषेक बहुत प्रिय है, लेकिन क्या आपको पता है कि शिव जी को यह इतना क्यों प्रिय है। यदि नहीं तो चलिए जानते हैं इस लेख में। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-07-12, 19:04 IST

भगवान शिव को जलाभिषेक और रुद्राभिषेक को बहुत प्रिय माने जाते हैं और इसके पीछे कई पौराणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। शिवरात्रि, प्रदोष, सावन और महाशिवरात्रि समेत कई शुभ अवसरों पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं। भगवान शिव के भक्त उन्हें उनकी प्रिय चीज जैसे जल, दूध, दही, घी, शहद, गन्ना रस और कई तरह के अन्य चीजों से अभिषेक करते हैं। चलिए जानत हैं कि आखिर शिव जी को जलाभिषेक और रुद्राभिषेक इतना क्यों प्रिय माना जाता है।

जलाभिषेक का महत्व

 Rudrabhishek Ritual.

शीतलता का प्रतीक:

भगवान शिव को शांति और शीतलता का देवता माना जाता है। जलाभिषेक शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए की जाती है। जलाभिषेक उनके ताप को शीतल करने के लिए किया है।

पवित्रता:

जल को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। जल से अभिषेक करने से शिवलिंग पवित्र होता है और इसमें स्नान करने से भक्त भी पवित्रत होते हैं।

साधना और तपस्या:

शिवजी साधना और तपस्या के देवता माने जाते हैं। उनकी तपस्या को जलाभिषेक के माध्यम से सम्मानित किया जाता है।

इसे भी पढ़ें: खाटू श्याम को क्यों कहते हैं शीश दानी? 

प्रकृति का सम्मान:

शिवजी को प्रकृति के देवता माना जाता है। जलाभिषेक से जल, जिसे जीवन का आधार माना गया है, यह भगवान के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

रुद्राभिषेक का महत्व

why lord shiva likes jal and rudrabhishek

रुद्र का आह्वान:

'रुद्र' भगवान शिव का एक नाम है, जो उनके क्रोध और विनाशकारी रूप को दर्शाता है। रुद्राभिषेक के दौरान रुद्र के विभिन्न नामों और मंत्रों का उच्चारण किया जाता है जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है।

यह विडियो भी देखें

इसे भी पढ़ें: Jaya Parvati Vrat Upay 2024: जया पार्वती व्रत के दिन करें ये उपाय, जीवनसाथी से दूर होगी अनबन

कष्टों का निवारण:

रुद्राभिषेक को कष्टों का निवारण करने वाला और बुरी शक्तियों से बचाने वाला माना जाता है। यह माना जाता है कि रुद्राभिषेककरने से भक्त के सभी संकट दूर हो जाते हैं और उन्हें सुख-शांति मिलती है।

वैदिक परंपरा:

रुद्राभिषेक वैदिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें वेदों और उपनिषदों के मंत्रों का उच्चारण होता है, जिससे धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

आध्यात्मिक उन्नति:

रुद्राभिषेक करने से आत्मा को शुद्धि मिलती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। इससे मन, शरीर और आत्मा में शांति और संतुलन प्राप्त होता है।

पौराणिक कथाएं

समुद्र मंथन:

समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला तो भगवान शिव ने उसे पी लिया। उनकी तपस्या को शीतल करने के लिए देवताओं और भक्तों ने उन पर जल चढ़ाया। यह जलाभिषेक की परंपरा का मूल कारण माना जाता है।

गंगा का आगमन: भगवान शिव ने अपनी जटाओं में गंगा को धारण किया ताकि उसका प्रचंड वेग शांत हो सके और धरती पर आने पर सभी को शीतलता और पवित्रता प्राप्त हो।

 

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit: Freepik

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;