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उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में धूमधाम से मनाते हैं करवा चौथ का पर्व, लेकिन उत्तराखंड में क्यों है इसकी मनाही; जानें वजह

करवा चौथ का त्योहार कई राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं उत्तराखंड की बात करें, तो यह त्योहार वहां की महिलाएं नहीं मनाती हैं। ऐसा क्यों इसके बारे में विस्तार से पंडित जी से जानते हैं? साथ ही ऐसी इसके पीछे की क्या है वजह इसके बारे में भी जानेंगे।
Editorial
Updated:- 2025-10-07, 16:19 IST

करवा चौथ का त्योहार हमारे देश में अलग-अलग तरह के रीति- रिवाजों से मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं, और चंद्रमा को देखकर पूजा करती हैं। साथ ही अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। उत्तर भारत में इसकी रौनक सबसे ज्यादा देखने को मिलती हैं। वहीं उत्तराखंड में इस त्योहार को नहीं मनाया जाता है। वहां पर सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत नहीं रखती। साथ ही उत्तराखंड में करवा चौथ का चांद भी नहीं देखा जाता है। आइए पंडित जन्मेश द्विवेदी जी और उत्तराखंड की रहने वाली हेमा पंत से जानते हैं इसके कारण और पीछे की परंपरा, ताकि आप भी इसकी जानकारी विस्तार से जान सके।

उत्तराखंड में क्यों नहीं मनाया जाता करवा चौथ?

उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराएं कई मायनों में उत्तर भारतीय राज्यों से अलग हैं। यहां के त्योहारों और व्रत रीति-रिवाजों, लोक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मनाए जाते हैं। करवा चौथ जैसे व्रत उत्तराखंड के पारंपरिक धार्मिक का हिस्सा नहीं हैं। यहां व्रत उनके देवी-देवताओं और पुरानी परंपराओं के हिसाब से रखे जाते हैं। इसलिए वहां की महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रखती हैं। साथ ही उनके यहां अक्सर मौसमी त्योहार ही मनाए जाते हैं।

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उत्तराखंड के स्थानीय धार्मिक के हिसाब से करवा चौथ व्रत क्यों नहीं रखते?

उत्तराखंड की रहने वाली हेमा पंत के अनुसार, उत्तराखंड में विवाह और व्रतों के पीछे मुख्य रूप से स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा का महत्व सबसे ज्यादा होता है। इसलिए जितने भी पर्व मनाए जाते हैं, उसमें वहां के देवी-देवता की पूजा होती है। वहां के बड़े-बुजुर्गों के अनुसार, यहां पर शिव जी को पूजनीय माना जाता है और यह व्रत सबसे पहले द्रौपदी द्वारा रखा गया है। वहां पर इसी वजह से करवा चौथ रखने की परंपरा नहीं होती है। करवा चौथ का व्रत अधिकतर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा रखा जाता है। उत्तराखंड में हरेला, कुमाऊं के छठ, नंदा देवी उत्सव, भैरव पूजा को अहम माना जाता है।

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उत्तराखंड की महिलाएं क्या रख सकती हैं करवा चौथ का व्रत?

वैसे तो अब त्योहार लोग अपने आसपास के माहौल को देखते हुए मनाते हैं। ऐसे में अगर आप भी बाहर रहकर इस त्योहार को मनाना चाहती हैं, तो व्रत रख सकती हैं और करवा माता की पूजा कर सकती हैं। चंद्रमा देखकर व्रत को खोले। इससे आप आजकल के ट्रेंड को भी फॉलो कर लेंगी। साथ ही इस व्रत को भी रख पाएंगी।

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Image Credit-  Freepik

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