करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं जबकि अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। वहीं, कई ऐसी महिलाएं भी होती हैं जो किसी मनुष्य के लिए नहीं बल्की भगवान के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं। ठीक ऐसे ही आज हम जानेंगे कि जो महिलाएं श्री कृष्ण के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं या रखना चाहती हैं, क्या उनका ऐसा करना ठीक है? आइये जानते हैं इस बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से विस्तार से।
करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में विवाहित स्त्रियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र व्रतों में से एक है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ की कथा महाभारत काल से जुड़ी हुई है, जहां भगवान श्री कृष्ण ने ही सबसे पहले द्रौपदी को इस व्रत के महत्व और विधि के बारे में बताया था। जब पांडवों पर संकट आया था, तब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण के निर्देश पर यह व्रत रखा था।
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इस व्रत से द्रौपदी को अपने पतियों की रक्षा और सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी। इस व्रत में मुख्य रूप से माता पार्वती को 'करवा माता' के रूप में पूजा जाता है क्योंकि वह 'अखंड सौभाग्य' की प्रतीक हैं। साथ ही, भगवान शिव, गणेश जी और कार्तिकेय जी की भी पूजा की जाती है।
ऐसे में माना जाता है कि चूंकि इस व्रत का ज्ञान स्वयं भगवान कृष्ण ने ही दिया था इसलिए धार्मिक रूप से उनका संबंध इस व्रत से जुड़ा हुआ है। श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है जो सृष्टि के पालक और संरक्षक हैं।
इस कारण, व्रत की पूजा के दौरान भगवान कृष्ण का स्मरण करना, उन्हें प्रणाम करना या उनका ध्यान करना पूरी तरह से शुभ और मान्य है। कई महिलाएं कथा सुनने या पूजा के समय कृष्ण की स्तुति भी करती हैं ताकि कृष्ण कृपा प्राप्त जो सके।
करवा चौथ के दिन कृष्ण भगवान के लिए व्रत रखना इसलिए भी मान्य है क्योंकि भगवान श्री कृष्ण चंद्रवंशी थे और करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा का विधान है। ऐसे में भगवान श्री कृष्ण के लिए रखा गया करवा चौथ का व्रत वैवाहिक जीवन में प्रेम और मधुरता लेकर आता है।
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हालांकि एक तर्क यह भी कहता है कि करवा चौथ हमेशा एक ही पति के लिए रखा जाता है। ऐसे में अगर आप विवाहित हैं तो श्री कृष्ण के लिए व्रत न रखें और अगर श्री कृष्ण के लिए व्रत रख रही हैं तो पति के लिए पूजा नहीं करनी चाहिए, अन्यथा इससे दोष उत्पन्न होता है।
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