
30 दिसंबर 2025, मंगलवार का दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत ही विशेष और शुभ है क्योंकि इस दिन 'पुत्रदा एकादशी' का व्रत रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को संतान प्राप्ति और उनकी लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। साथ ही, इस दिन वैकुंठ एकादशी का योग भी बन रहा है। इस दिन साध्य योग और अश्विनी नक्षत्र का सुंदर संयोग बन रहा है जो किसी भी नए कार्य की शुरुआत और आध्यात्मिक सिद्धि के लिए बहुत अच्छा माना गया है। मंगलवार का दिन होने और एकादशी का योग मिलने से इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करना विशेष रूप से कल्याणकारी रहेगा। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष शुक्ल एकादशी | भरणी | मंगलवार | सिद्ध | गर |
| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06 बजकर 50 मिनट |
| सूर्यास्त | शाम 05 बजकर 34 मिनट |
| चंद्रोदय | दोपहर 01 बजकर 31 मिनट |
| चंद्रास्त | रात 03 बजकर 18 मिनट |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक |
| अभिजीत मुहूर्त (लक्ष्मी-नारायण पूजा मुहूर्त) | दोपहर 11 बजकर 51 मिनटसे 12 बजकर 33 मिनट तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05 बजकर 31 मिनटसे 05 बजकर 59 मिनट तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 07 मिनटसे 02 बजकर 49 मिनट तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 02:53 से 04:13 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 09:31 से 10:52 बजे तक |
| गुलिक काल | दोपहर 12:12 से 01:33 बजे तक |
शास्त्रों में बताया गया है की उत्तरदाई एकादशी का व्रत करने से दंपति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। पद्म पुराण और विष्णु पुराण में उल्लेख मिलता है कि भगवान विष्णु की पूजन करने व्रत रखने और दान पूर्ण करने से संतान की प्राप्ति होती है और अगर किसी की पहले से संतान है वह भी अगर इस दिन व्रत करता है तो उसकी संतान की दीर्घायु होती है और उसका सुखपूर्वक जीवन यापन होता है इस व्रत को करने से व्यक्ति के मन वचन और कर्म पूर्ण रूप से शुद्ध हो जाते हैं। पद्म पुराण में बताया गया है की मनसा वाचा कर्मणा द्वारा जो व्यक्ति भक्ति भाव से एकादशी का व्रत करता है वह इस लोक के अनेक अनेक सुखों को भोगने के पश्चात अंत में बैकुंठ को प्राप्त होता है। आज के दिन गरीब और जरूरतमंद को दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
आज का दिन मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है मंगलवार का दिन ऊर्जा साहस और शक्ति का प्रतीक है और एकादशी संयम तप और अनुशासन की तिथि मानी जाती है। जब भी मंगलवार को एकादशी आती है तो वह हमें ही सिखाती है कि आज के दिन हमें अपनी आंतरिक ऊर्जाओं पर नियंत्रित रखना चाहिए, हमें किसी भी तरह का क्रोध से बचना चाहिए और स्वयं पर संयम रखना चाहिए। मंगलवार के दिन एकादशी का व्रत रखने वाले लोगों की वाणी और व्यवहार में संयम आता है।
भरणी नक्षत्र जो है जन्म पोषण और जिम्मेदारी का नक्षत्र माना जाता है और मेष राशि व्यक्ति को ऊर्जावान बनती है इसीलिए आज का दिन हमें यह संकेत देता है कि किसी भी तरह की जिम्मेदारी के लिए हमें धैर्यता पूर्वक मानसिक रूप से तैयारी रखनी चाहिए फिर कहीं जाकर हमें कोई निर्णय लेना चाहिए। आज के दिन विशेष रूप से किसी भी तरह का निर्णय लेने से बचना चाहिए किसी से वाद विवाद से बचना चाहिए।
साथ ही साथ आज के दिन सिद्धि योग भी है जो शास्त्रों में सफलता प्राप्ति का पूर्ण संकेत देता है जो नाम से ही स्पष्ट है कि आज के दिन किया गया कोई भी कार्य सिद्ध हो जाता है ऐसे में पुत्रदा एकादशी के दिन सिद्ध योग हमें संकेत देता है कि किसी भी तरह का धैर्यता पूर्वक निर्णय लेते हुए हम अगर कार्य करते हैं तो वह कार्य अवश्य ही सिद्ध होगा।
आज पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए और उन्हें तुलसी दल के साथ पीले पुष्प अवश्य अर्पित करना चाहिए। आज गोपाल सहस्त्रनाम और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। आज के दिन जरूरतमंद व्यक्ति को पीली चीजों का दान अवश्य करना चाहिए।
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